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EV Charging Station: हिमाचल प्रदेश को मिलेगी ईवी चार्जिंग स्टेशनों की सौगात, सरकार जल्द ही लागू करेगी प्रभावी नीति
EV Charging Station: प्रदूषण मुक्त हिमाचल प्रदेश की मुहिम के तहत जल्द ही मिलेगी ईवी चार्जिंग स्टेशनों की सौगात, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार जल्द ही लागू करेगी प्रभावी नीति।
EV Charging Station: हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों जिस प्रकार प्राकृतिक क्षरण का वीभत्स रूप देखा गया है, वो वाकई रोंगटे खड़े कर देने वाला है। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बढ़ता प्रदूषण इस त्रासदी की मुख्य वजह रहा है। हिमाचल प्रदेश की सरकार इस राज्य को अब प्रदूषण मुक्त बनाने की मुहिम पर अग्रसर हो चली है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में अब पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन विकसित करने की बेहद जरूरत कर रही है। जिसके लिए राज्य सरकार एक प्रभावी नीति लाने जा रही है।
आइए जानते हैं विस्तार से-
50 प्रतिशत की छूट के प्रस्ताव के साथ निजी ऑपरेटरों को ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का आमंत्रण
हिमाचल प्रदेश में धुवां छोड़ते वाहनों को पूरी तरह से चलन से बाहर करने और पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों को चलन में लाने के लिए राज्य सरकार एक प्रभावी नीति लाने जा रही जिसके तहत 50 प्रतिशत की छूट के प्रस्ताव के साथ निजी ऑपरेटरों को ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए आमंत्रित करेगी।
एक मॉडल राज्य के रूप में किया जा रहा विकसित
रविवार शाम शिमला में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए बैठक में कहा गया कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के सहयोग से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य को ई-वाहनों के लिए एक मॉडल राज्य के रूप में विकसित किया जा रहा है। चार्जिंग स्टेशनों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में स्थापित किए जाने के लिए बनाई गई नीति लोगों के बीच पहुंच, सुविधा और रोजगार के अवसरों में इजाफा करने के साथ कई और लाभदायक संभावनाओं की जनक बनेगी।
इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में वृद्धि के साथ पहले चरण में छह हरित गलियारे होंगें विकसित
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम भी चरणबद्ध तरीके से अपने बेड़े में और ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें शामिल कर रहा है।निगम से नई इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए रूट की पहचान करने को कहा गया है।इसके अलावा, पहले चरण में छह हरित गलियारे विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों सहित इन गलियारों की कुल लंबाई 2,137 किलोमीटर है।
भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक परिवहन में बदलने से फॉसिल फ्यूल यानी जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण की स्थिति की भी इस दौरान समीक्षा की। उन्होंने इन परियोजनाओं के निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये। निर्माण गतिविधियों और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भूमि के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा कि मौके पर भूमि का वैज्ञानिक अध्ययन करने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया जाना चाहिए।
31 अक्तूबर तक एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का भी निर्देश
रविवार शाम शिमला में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारियों को हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन अमोनिया और बायो गैस संयंत्र स्थापित करने की संभावना तलाशने और पायलट आधार पर प्लांट लागने के लिए 31 अक्तूबर तक एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का भी निर्देश दिया गया है।