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Second Hand Bike or Scooter: सेकंड हैंड बाइक या स्कूटर लेने वाले सावधान, रखिए इन खास बातों का ध्यान
Second Hand Bike or Scooter: भारतीय ऑटोमार्केट में बढ़ती मंहगाई और आसमान छूती वाहनों की कीमत को एफोर्ड कर पाना अब ज्यादातर लोगों के लिए मुश्किल पड़ रहा है। ऐसे में लोग ज्यादातर सेकंड हैंड टू व्हीलर खरीदना ज्यादा फायदेमंद मान रहें हैं।
Second Hand Bike or Scooter: भारतीय ऑटोमार्केट में बढ़ती मंहगाई और आसमान छूती वाहनों की कीमत को एफोर्ड कर पाना अब ज्यादातर लोगों के लिए मुश्किल पड़ रहा है। ऐसे में लोग ज्यादातर सेकंड हैंड टू व्हीलर खरीदना ज्यादा फायदेमंद मान रहें हैं। इस समय सेकंड हैंड वाहनों का बिजनेस भी काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। जहां डीलर अपने सेकंड हैंड वाहनों को विश्वसनीयता और गारेंटी के साथ ग्राहकों को बेचते हैं। लेकिन सेकंड हैंड वाहनों को लेने से पहले कुछ खास बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। वर्ना अनजाने में आप घाटे का सौदा भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं वो कौन सी ऐसी खास सावधानियां हैं जिनका ध्यान रखकर हम एक बेहतर सेकंड हैंड वाहन को खरीदने के साथ ही अंजान दिक्कतों से बच सकते हैं....
वाहन के कागजों को करें सावधानी के साथ चेक
कोई भी सेकंड हैंड वाहन फोर व्हीलर हो या टू व्हीलर। उसके पेपर्स सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। जिनमें अक्सर बेहद धांधली होने की संभावना रहती है। इसलिए खासतौर पर उक्त वाहन के डाक्यूमेंट्स पर दिए गए इंजन और चेसिस नंबर को जरूर मैच करें साथ ही वाहन मालिक का नाम और बाकी डिटेल भी एहतियात के साथ मैच करवा कर आश्वस्त हो ले।
वाहन के बारे में फर्स्ट ओनर से लें पूरी जानकारी
अगर आप अपने लिए एक सेकंड हैंड वाहन खरीदने जा रहे हैं, तो वाहन के चुनाव के बाद उस वाहन मालिक से गाड़ी के बारे में एक एक जानकारी ले लें। मसलन सबसे पहले उसके ओरिजनल डाक्यूमेंट से आपको दी गई फोटो कॉपी से मैच करवा लें। उक्त गाड़ी का ऑन रोड परफार्मेंस कैसा रहा, वहीं फ्यूल एफिशिएंसी कैसी है,उसे मार्केट में कैसा रिस्पॉन्स मिला, इसी के साथ
बाइक का मॉडल, कब खरीदी गयी, कितना यूज हुई, इस बाइक में क्या कमी आयी जैसी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी लेना बेहद अहम होता है।
विश्वसनीय मैकेनिक से करवाएं चेक
आप ने जिस सेकंड हैंड वाहन को खरीदने के लिए चुना है उसकी सही सही स्थिति से जुड़ी जानकारी पाने के लिए अपने किसी विश्वसनीय ऑटोमैकेनिक से उसकी चेकिंग करवा लें। आपका मैकेनिक अगर कुशल है तो वो देखते ही गाड़ी की स्थिति का सही सही आंकलन बता देगा, साथ ही उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आप गाड़ी की सही कीमत का अंदाजा भी लगाने में सक्षम हो पाएंगे। उसी के साथ खुद भी अपनी जिम्मेदारी से उस वाहन की बाहरी स्थिति पर चारों तरफ से एक नजर अच्छे से डाल लें, कहीं किसी तरह डेंट-पेंट या डैमेज तो नजर नहीं आ रहा।इसके अलावा इसे स्टार्ट कर के और बैटरी पर हेड लाइट्स, इंडिकेटर, ब्रेक लाइट, हॉर्न और डैश बोर्ड लाइट्स को भी चेक कर लें।
गाड़ियों में लगने वाले टायर कभी महंगें आते हैं। उनकी कंडीशन का अंदाज लगाने के लिए इसके टायर पर भी एक नजर मार लें या अपने मैकेनिक से उसकी स्थिति का पता कर लें। हालांकि अब ऐसे अत्याधुनिक उपकरण भी ऑटो मैकेनिक के पास मौजूद होते हैं जो आपके वाहनों की एक-एक स्थिति का बिलकुल सही आंकलन कर सकने में सक्षम होते हैं।
इंजन का करें खास ध्यान
किसी भी गाड़ी का सबसे अहम और सबसे ज्यादा कीमती पार्ट उसका इंजन होता है। तो जब भी आप सेकंड हैंड व्हीकल पर्चेज करने जाएं तो इस बात पर खास तौर से गौर कर लें कि गाड़ी का इंजन कभी खुला तो नहीं है। अगर ऐसा है तो आपको उस व्हीकल को लेने से पहले दूसरे और ऑप्शन भी देख लेने चाहिए। क्योंकि इनमें जल्दबाजी दिखाना महंगा सौदा साबित हो सकता है।
वहीं अगर आप टू व्हीलर खरीद रहें हैं तो देख लें कि इस स्कूटर में इंजन से आयल लीक तो नहीं हो रहा इसके बाद इंजन को स्टार्ट करें और ध्यान से इसकी साउंड को सुनें। अगर नॉर्मल साउंड है तब तो ठीक है। लेकिन अगर इंजन से किसी तरह का शोर या कोई अतिरिक्त आवाज आ रही है साथ ही इंजन काला धुवां छोड़ रहा है, तो इसका मतलब इंजन में प्रॉब्लम हो सकती है।
खुद चला कर जरूर देखें
आप जिस व्हीकल को खरीदने वाले हैं, उसकी परफार्मेंस जानने के लिए उसको खुद चला कर जरूर देखे। ताकि आप इसके क्लच ब्रेक, एक्सेलेरेटर और चलने में कैसी है, इसे चेक कर सकें। अक्सर ऐसा देखा गया है कि सेकंड हैंड वाहनों को सर्विसिंग करवाकर या झाड़पोंछ कर उसको बिलकुल चमका देते हैं, जिसके बाद वो देखने में बिल्कुल नई से कम नहीं लगती लेकिन चलाने के बाद पता चल जाता है कि उसकी पोलपट्टी खुल जाती है। इसलिए किसी भी वाहन को लेने से पहले उसके लुक के साथ उसकी परफार्मेंस टेस्ट करने के लिए टेस्ट राइड लेना काफी जरुरी होता है।