×

Barabanki News: सरकारी अस्पताल भगवान भरोसे! फार्मासिस्ट देख रहा मरीज, कमीशन के लिए लिख रहा बाहर की दवाएं

Barabanki News: जनपद के ग्रामीण अंचल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गरीब मरीजों को चिकित्सीय सेवा देने का दावा एक छलावा साबित हो रहा है। क्योंकि असलियत यह है की मरीजों को ठीक से न तो इलाज मिल पा रहा है और न ही जिम्मेदारों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है।

Sarfaraz Warsi
Published on: 4 May 2023 3:05 AM IST
Barabanki News: सरकारी अस्पताल भगवान भरोसे! फार्मासिस्ट देख रहा मरीज, कमीशन के लिए लिख रहा बाहर की दवाएं
X
बाराबंकी सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट देख रहा मरीज: Photo- Newstrack

Barabanki News: जनपद के ग्रामीण अंचल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गरीब मरीजों को चिकित्सीय सेवा देने का दावा एक छलावा साबित हो रहा है। क्योंकि असलियत यह है की मरीजों को ठीक से न तो इलाज मिल पा रहा है और न ही जिम्मेदारों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है। अक्सर डॉक्टर और चिकित्साधिकारी नदारद रहते हैं। इसके अलावा वार्ड ब्वॉय, फार्मासिस्ट द्वारा नाड़ी देखकर मर्ज का पता लगाया जाता है। ऐसा ही एक मामला बाराबंकी के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया है। जहां तैनात फार्मासिस्ट ही डॉक्टर का काम कर रहा है। यह फार्मेसिस्ट न सिर्फ मरीजों का मर्ज देखता है, बल्कि उन्हें बाहर की दवाएं भी देता है।

फतेहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उठे सवाल

यह पूरा मामला बाराबंकी में स्थित फतेहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां चिकित्सक की तैनाती के बावजूद अस्पताल फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा है। तैनाती के बाद भी चिकित्सक प्रतिदिन नहीं आ रहे है, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। आलम यह है कि यहां तैनात फार्मासिस्ट मरीजों का इलाज तो कर ही रहा है, साथ ही बाहर की दवाएं भी लिख रहा है। मरीजों का कहना है कि कमीशन के लिए यहां के डॉक्टर और फार्मासिस्ट बाहर के पर्चे लिखते हैं। जिसका पर्चा बाहर के मेडिकल स्टोर पर जाता है, उसको ही कमीशन मिलता है।

मरीजों ने लगाए आरोपी

नाम न छापने की शर्त पर कुछ मरीजों ने बताया कि वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर में दिखाने गए थे। उन्होंने अपने मर्ज को बताया और वहां से दवा लिखवाई। लेकिन जब दिखाकर बाहर आया तो पता चला उसे डॉक्टर ने नहीं बल्कि फार्मासिस्ट ने देखा है। उन्होंने बताया कि यहां डॉक्टर या फार्मेसिस्ट जो भी मरीज देखता है। वह बाहर की दवाई लिखता है। जिससे उसका बाहर के मेडिकल स्टोरों से कमीशन बन सके। मरीजों ने बताया कि बाहर की दवाएं इतनी महंगी होती हैं, कि वह खरीद नहीं पाते। जिसके चलते गरीब मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। इस मामले में बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर अवधेश यादव से बात की गई, तो उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन तो जरूर किया। लेकिन कैमरे पर कुछ बोलने से साफ इनकार कर दिया।

Sarfaraz Warsi

Sarfaraz Warsi

Next Story