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सियासी जंग में बाप-बेटे अलग राहों पर,आखिर बंगाल में किसकी सच होगी भविष्यवाणी
टीएमसी में शामिल होने के बाद यशवंत सिन्हा ने ममता को मजबूत नेता बताते हुए भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में इस बार भी ममता बनर्जी की सरकार बनना तय है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के सियासी रण में बाप और बेटे अब अलग-अलग खेमों में दिखेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पीएम मोदी के धुर विरोधी यशवंत सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है जबकि उनके बेटे जयंत सिन्हा हजारीबाग से भाजपा सांसद है।
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टीएमसी में शामिल होने के बाद यशवंत सिन्हा ने ममता को मजबूत नेता बताते हुए भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में इस बार भी ममता बनर्जी की सरकार बनना तय है। दूसरी ओर उनके बेटे जयंत सिन्हा ने झारखंड में कहा कि कोई कितनी भी कोशिश कर ले मगर बंगाल में इस बार कमल खिलकर रहेगा।
Yashwant Sinha (PC: social media)
इसलिए लिया सियासत में आने का फैसला
यशवंत सिन्हा ने 2018 में पार्टी नेतृत्व से मतभेद के बाद भाजपा छोड़ दी थी। उन्होंने दलगत राजनीति से खुद को पूरी तरह अलग कर लिया था। पश्चिम बंगाल विधानसभा के पूर्व शनिवार को उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया।
उन्होंने कहा कि मेरे टीएमसी में शामिल होने पर लोगों को आश्चर्य हो रहा होगा। लोग सोचेंगे कि जब मैंने खुद को दलगत राजनीति से अलग कर लिया था तो मैं किसी पार्टी में शामिल होकर सक्रिय क्यों हो रहा हूं।
उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि देश इस समय संकट के दौर से गुजर रहा है। प्रजातांत्रिक मूल्यों का गला घोंटा जा रहा है। न्यायपालिका समेत सभी संस्थाओं संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। इसलिए मैंने एक बार फिर सक्रिय राजनीति में लौटने का फैसला किया है।
ममता फिर विजेता बनकर उभरेंगी
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में इस बार तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में कड़ा मुकाबला हो रहा है मगर इस जंग में ममता विजेता बनकर उभरेंगी। उन्होंने कहा कि इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए कि तृणमूल कांग्रेस बहुत बड़े बहुमत के साथ सत्ता में फिर वापसी करेगी।
बंगाल से निकलेगा बड़ा सियासी संदेश
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल से पूरे देश में बड़ा सियासी संदेश जाना चाहिए कि दिल्ली में मोदी और शाह की जोड़ी को अब देश बर्दाश्त नहीं करने वाला है। ममता के सुर में सुर मिलाते हुए यशवंत सिन्हा ने चुनाव आयोग पर भी हमला बोला और कहा कि मोदी और शाह के कहने पर ही बंगाल में आठ चरणों में मतदान कराया जा रहा है।
बाद में मिल सकता है सियासी इनाम
सियासी जानकारों का मानना है कि भाजपा में मोदी से बैर मोल लेने के बाद यशवंत सिन्हा पूरी तरह किनारे हो चुके थे और ऐसे में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थामकर एक बार फिर राजनीति में सक्रिय होने का सपना देखा है।
आने वाले दिनों में ममता की ओर से उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाकर सियासी इनाम भी दिया जा सकता है। ऐसे में उन्हें दिल्ली में भाजपा के खिलाफ एक बार फिर मोर्चाबंदी का मौका मिलेगा। कुछ लोग सिन्हा के आने से झारखंड से सटी पश्चिम बंगाल की सीटों पर फायदा होने की बात भी कह रहे हैं।
बेटे ने किया कमल खिलने का दावा
दूसरी और यशवंत सिन्हा के पुत्र और भाजपा सांसद जयंत सिन्हा का दावा है कि पश्चिम बंगाल में इस बार भाजपा की सरकार बनना तय है। हजारीबाग में जयंत सिन्हा ने कहा कि इस बार पश्चिम बंगाल में राजनीतिक बदलाव होगा और भाजपा की सरकार बनेगी।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी इस बार कितना भी जोर लगा लें मगर बंगाल में इस बार कमल का खिलना तय है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में महंगाई कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने ममता बनर्जी के चोटिल होने पर दुख भी जताया और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।
Jayant Sinha (PC: social media)
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पिता और पुत्र ने पश्चिम बंगाल में होने वाली बड़ी सियासी जंग को लेकर अलग-अलग भविष्यवाणियां की हैं। अब देखने वाली बात यह है कि आखिर किसकी भविष्यवाणी सच साबित होती है।
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