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बंगाल की सियासी जंग में मुफ्त वैक्सीन की एंट्री, ममता की चिट्ठी से मुसीबत में भाजपा

उनका कहना है कि राज्य में चुनाव और कोरोना वायरस बढ़ते कहर के मद्देनजर चुनाव से पहले सभी को टीका लगाया जाना चाहिए। उन्होंने सभी को कोरोना वैक्सीन मुफ्त मुहैया कराने की भी मांग की है।

Roshni Khan
Published on: 25 Feb 2021 10:47 AM IST
बंगाल की सियासी जंग में मुफ्त वैक्सीन की एंट्री, ममता की चिट्ठी से मुसीबत में भाजपा
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बंगाल की सियासी जंग में मुफ्त वैक्सीन की एंट्री, ममता की चिट्ठी से मुसीबत में भाजपा (PC : social media)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल सत्ता के लिए चल रही सियासी जंग में अब कोरोना वैक्सीन की भी एंट्री हो गई है। राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने मुफ्त कोरोना वैक्सीन की मांग रखकर मोदी सरकार को मुसीबत में फंसा दिया है।

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उनका कहना है कि राज्य में चुनाव और कोरोना वायरस बढ़ते कहर के मद्देनजर चुनाव से पहले सभी को टीका लगाया जाना चाहिए। उन्होंने सभी को कोरोना वैक्सीन मुफ्त मुहैया कराने की भी मांग की है।

वैक्सीन पर ममता का बड़ा सियासी दांव

mamata-didi mamata-didi (PC : social media)

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से इस बाबत पीएम मोदी को लिखी गई चिट्ठी को बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है। केंद्र सरकार के लिए ममता की इस मांग को पूरा करना भी कठिन है और मना करने पर ममता को भाजपा और मोदी सरकार को घेरने का मौका भी मिल जाएगा।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि उनकी सरकार प्रदेश की जनता को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन लगवाने की इच्छुक है। इसके लिए राज्य सरकार ने बड़ी मात्रा में वैक्सीन की खुराक खरीदने का फैसला किया है।

वैक्सीन खरीदने में मांगी पीएम से मदद

पत्र में ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से वैक्सीन की खुराक की खरीद में मदद करने की अपील की है। ममता के मुताबिक राज्य में फ्रंटलाइन वर्कर्स, स्वास्थ्य कर्मियों, निगम कर्मियों, रेवेन्यू कर्मियों और अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारियों के टीकाकरण का काम तेजी से किया जा रहा है, लेकिन चुनावी राज्य होने के कारण राज्य सरकार हर सरकारी और अर्ध सरकारी कर्मचारी को टीका लगाने की इच्छुक है। सरकार चुनाव में कोरोना के खतरे को पूरी तरह टालना चाहती है।

टीकाकरण में तेजी लाने पर जोर

पश्चिम बंगाल उन पांच राज्यों में शामिल है जहां जल्द ही विधानसभा का चुनाव होना है। ममता ने अपने पत्र में लिखा है कि मतदान के दिन काफी संख्या में लोगों को बिना टीका लगवाए बाहर निकलना होगा। पिछले चुनावों को देखते हुए सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है और इसलिए टीकाकरण को तेजी से चलाए जाने के लिए जरूरत है।

उन्होंने यह भी कहा है कि राज्य सरकार सभी को मुफ्त में कोरोना वायरस का टीका लगाना चाहती है और इसलिए केंद्र सरकार को इस संबंध में राज्य सरकार की मदद करनी चाहिए।

केंद्र के लिए मांग को पूरा करना कठिन

सियासी जानकारों का मानना है कि ममता बनर्जी ने काफी सोच समझकर कोरोना वैक्सीन मुफ्त मुहैया कराने की यह मांग रखी है। इसे ममता का बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है क्योंकि ममता ने इस पत्र के जरिए राज्य के लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनकी सरकार सभी को मुफ्त टीका मुहैया कराना चाहती है।

केंद्र सरकार के लिए ममता की इस मांग को पूरा करना कठिन है क्योंकि फिर ऐसी ही मांग अन्य राज्यों से भी उठने लगेगी। जानकारों का कहना है कि यह मांग पूरी न हो पाने पर ममता को भाजपा और मोदी सरकार को घेरने का मौका मिल जाएगा और वे अपनी जनसभाओं में सरकार पर हमले शुरू कर देंगे।

केंद्र सरकार के जवाब का इंतजार

हालांकि अभी तक इस बाबत केंद्र सरकार की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार 1 मार्च से 60 साल से ऊपर की आयु के लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाने की योजना बनाई गई है। यह वैक्सीन उन लोगों को भी लगाई जाएगी जो 45 साल से ऊपर के हैं और बीमारियों से पीड़ित हैं।

amit-shah amit-shah (PC : social media)

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ममता की मांग को लेकर भाजपा की ओर से भी अभी कोई बयान नहीं जारी किया गया है। वैसे इतना तो तय है कि ममता ने बड़ी चाल चलते हुए वैक्सीन संबंधी बॉल केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है। अब किसी को इस बात का इंतजार है कि केंद्र सरकार की ओर से इस बाबत क्या जवाब दिया जाता है।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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