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बंगाल में सीबीआई छापाः ममता के भतीजे को नोटिस, क्या ये है शह और मात का खेल
केंद्रीय जांच ब्यूरो की ताबड़तोड़ कार्रवाई वरिष्ठ टीएमसी नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी के आवास की तलाशी और कोयला तस्करी के मामले में बनर्जी को समन दिये जाने से एक बार फिर मामला सीबीआई बनाम ममता बनर्जी होता दिख रहा है।
रिपोर्ट- रामकृष्ण वाजपेयी
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो की ताबड़तोड़ कार्रवाई वरिष्ठ टीएमसी नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी के आवास की तलाशी और कोयला तस्करी के मामले में बनर्जी को समन दिये जाने से एक बार फिर मामला सीबीआई बनाम ममता बनर्जी होता दिख रहा है। इससे पहले शुक्रवार को सीबीआई ने कोयला चोरी घोटाले के संबंध में पश्चिम बंगाल के चार जिलों में 13 स्थानों पर तलाशी ली थी। पुरुलिया, बांकुरा, पशिचम बर्धमान और कोलकाता में अभी तलाशी अभियान जारी है। तलाशी अभियान में कोलकाता और बांकुरा में अमिया स्टील प्राइवेट लिमिटेड और रैकेट अनूप मांझी के संदिग्ध किंगपिन के कथित डिप्टी जॉयडेब मंडल के परिसर भी शामिल हैं।
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सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में मांझी उर्फ लाला, ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के महाप्रबंधक अमित कुमार धर (तत्कालीन कुनुस्तोरिया क्षेत्र, अब पांडवेश्वर क्षेत्र) और जयेश चंद्र राय (कजोर क्षेत्र) के अलावा ईएमटी के प्रमुख तन्मय दास, क्षेत्र सुरक्षा के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी। इंस्पेक्टर, कुनुस्तोरिया धनंजय राय और एसएसआई और सुरक्षा प्रभारी कजोर क्षेत्र देबाशीष मुखर्जी।
यह आरोप है कि मांझी कुनुस्तोरिया और कजोरिया क्षेत्रों में ईसीएल की लीजहोल्ड खदानों से अवैध खनन और कोयले की चोरी में शामिल हैं। बताया यह जा रहा है कि सीबीआई ने "विश्वसनीय स्रोतों" से मिली जानकारी पर काम किया, जिसने ईसीएल, सीआईएसएफ और रेलवे के अधिकारियों के साथ ईसीएल के लीजहोल्ड एरिया में अवैध उत्खनन और कोयला चोरी का संकेत दिया था।
फोटो-सोशल मीडिया
माझी उर्फ लाला का है ममता से रिश्ता
कहा जाता है कि माझी उर्फ लाला बंगाल-झारखंड सीमा पर कोयला खनन के कारोबार का संचालन करता है। पश्चिम बंगाल के इस कोयला खनन रैकेट सत्ता का वरद हस्त बताया जाता है। इसकी वजह इसके द्वारा कई राजनीतिक दलों को फंडिंग बतायी जाती है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि नवंबर 2019 में जब यह कार्रवाई हुई थी उस समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सवाल किया था कि माझी के खिलाफ छापेमारी से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चिंतित क्यों हैं। ये सवाल इसलिए उठाए थे क्योंकि ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में पांच केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी को लेकर सवाल उठाए थे।
सीबीआई ने इससे पहले बंगाल से लगे भारत-बांग्लादेश सीमा पर पशुओं की अवैध तस्करी के रैकेट के खिलाफ भी कार्रवाई की थी। इस मामले में मास्टरमाइंड को गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन उसे कोविड पॉजिटिव पाए जाने पर जमानत मिल गई थी।
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छापेमारी मवेशी तस्करी घोटाले को लेकर
फोटो-सोशल मीडिया
इसके बाद पिछले साल दिसंबर में सीबीआई ने कोलकाता में तृणमूल यूथ कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी विनय मिश्रा के ठिकानों पर छापे मारे थे। ये छापेमारी मवेशी तस्करी घोटाले को लेकर हुई थी। विनय मिश्रा ने उस समय सीबीआई नोटिसों को नज़रअंदाज भी किया था।
विनय मिश्रा तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी का करीबी है। अभिषेक बनर्जी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं। पश्चिम बंगाल में इस कार्रवाई के बाद मचे हंगामे का राजनीतिक पक्ष आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
गौरतलब है कि सारदा और रोजवैली चिटफंड घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए उस समय जब सीबीआई की टीम कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पहुंची थी। तो उसे रोक दिया गया था।
इस मामले में सीबीआई की कार्रवाई को केंद्र की राजनीतिक साजिश बताकर मेट्रो चैनल पर राजीव कुमार के साथ ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई थीं। संभावना यह भी है कि इस बार भी घटनाक्रम पर 'बीजेपी वर्सेज ममता सरकार' के आसार बन रहे हैं।
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