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सियासी हमलों की राजनीति, बंगाल के चुनावी रण में अब तक इन नेताओं पर हुए हमले
राजनीति के दाव में, जनता पर है चोट। हर दंगे की ओट में, नेता ढूंढें वोट। सुरेशपाल वर्मा जसाला की रचित यह पंक्ति सियासी माहौल बनाने के लिए कराए जाने वाले दंगों और हमलों पर एकदम सटीक बैठता है।
राघवेंद्र प्रसाद मिश्र (Raghvendra Prasad Mishra)
नई दिल्ली। राजनीति के दाव में, जनता पर है चोट। हर दंगे की ओट में, नेता ढूंढें वोट। सुरेशपाल वर्मा जसाला की रचित यह पंक्ति सियासी माहौल बनाने के लिए कराए जाने वाले दंगों और हमलों पर एकदम सटीक बैठता है। चुनाव के दौरान नेताओं की बदजुबानी आम बात हो गई है। लेकिन पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान नेताओं पर हो रहे हमले एक नई विकृति को जन्म दे रही है। मुद्दों का लेकर अब तक पार्टी कार्यकर्ता आपस में भिड़ते थे। मगर पश्चिम बंगाल में नई संस्कृति देखने को मिल रही है, यहां जहां कार्यकर्ताओं की हत्याएं हो रही हैं, वहीं पदाधिकारी भी सुरक्षित नहीं हैं।
कानून व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
आलम यह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद ऐसे हमलों की शिकार हो गई हैं। हालांकि टीएमसी की तरफ से ममता पर हुए हमलों को लेकर जहां भाजपा की तरफ इशारा किया जा रहा है, वहीं सवाल यह भी उठता है, जिस राज्य का मुख्यमंत्री खुद को सुरक्षित नहीं रख सकता वह अपने प्रदेश की जनता को क्या सुरक्षित रखेगा। ममता बनर्जी का एसएसकेएम अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार ममता के पैर में चोट लगी है। राहत की बात यह है कि फैक्चर की कोई बात सामने नहीं आई है। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब बंगाल में किसी बड़े नेता पर हमला हुआ है। इससे पहले भी यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित कई बड़े नेताओं पर हमले हो चुके हैं। इन हमलों से यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि पश्चिम बंगाल में कानून की स्थिति क्या है।
ममता के मंत्री पर बम से हुआ था हमला
गौरतलब है कि बीते महीने मुर्शिदाबाद के निमटीटा रेलवे स्टेशन पर टीएमसी सरकार में मंत्री जाकिर हुसैन पर बम से हमला किया गया था। इस बम हमले में जाकिर हुसैन के साथ जंगीपुरा से विधायक सहित 13 लोग घायल हो गए थे। इस हमले का वीडियो भी सामने आया था। फिलहाल जाकिर हुसैन का अभी भी इलाज चल रहा है।
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अमित शाह पर भी हुई थी हमले की कोशिश
वर्ष 2019 में कोलकाता में अमित शाह पर भी हमले की कोशिश की गई थी। हालांकि वह बच गए थे। लेकिन कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए थे। यह हमला उस समय हुआ था जब अमित शाह यहां रोड शो कर रहे थे। इस दौरान बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे। नतीजा यह रहा कि ईश्वरचंद विद्यासागर की जिस प्रतिमा का अनावरण करने अमित शाह यहां पहुंचे थे, वह प्रतिमा खंडित खंडित हो गई।
जेपी नड्डा के काफिले पर भी हुआ हमला
गत वर्ष दिसंबर माह में बंगाल दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर बड़ा हमला हुआ था। इस हमले में नड्डा के गाड़ी के शीशे भी टूट गए थे। जेपी नड्डा के काफिले पर हमला करने वाले उनको काला झंडा दिखाते हुए वापस जाओं के नारे भी लगा रहे थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष पर हुए हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब करने के साथ ही कुछ अधिकारियों को दिल्ली भी बुलाया था।
कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी पर भी हुआ हमला
इसी तरह गत वर्ष बीजेपी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजय वर्गीय की गाड़ी पर डायमंड हार्बर में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की थी। इस हमले में विजयवर्गीय और उनके स्टाफ ने बड़ी मुश्किल से खुद को बचाया था। विजयवर्गीय पर यह हमला उस वक्त हुआ था वह 24 दक्षिण परगना जा रहे थे। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने उस रास्ते को बंद करने की भी कोशिश की जिधर से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का काफिला गुजर रहा था।
बंगाल बीजेपी अध्यक्ष पर कई बार हुए हमले
परेशान करने वाली बात यह है कि बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष कई बार इस तरह के हमले झेल चुके हैं। यहां उनको काले झंडे दिखाया जाना व हमले की घटना आम बात हो गई है। पिछले महीने बीजेपी की परिवर्तन रैली के दौरान उत्तर चौबीस परगना में उनके काफिले पर टीएससी के कार्यकर्ताओं ने देसी बम से हमला बोल दिया था। इस दौरान उनके साथ सांसद अर्जुन सिंह भी मौजूद थे।
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