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ममता का इमोशनल कार्ड, व्हील चेयर है चुनावी हथियार, चोट को वोट में भुना रही TMC

चोटिल होने के बाद पहली बार प्रचार के लिए निकली ममता ने रविवार को व्हील चेयर पर कोलकाता में रोड शो किया। सोमवार को भी ममता ने व्हीलचेयर पर बैठकर ही पुरुलिया में दो रैलियां कीं।

Newstrack
Published on: 16 March 2021 5:26 AM GMT
ममता का इमोशनल कार्ड, व्हील चेयर है चुनावी हथियार, चोट को वोट में भुना रही TMC
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ममता ने कहा कि बीजेपी की रैली में लोग नहीं जा रहे हैं, इसलिए पैसा देकर लोगों को बुलाया जा रहा है। हम बंगाल में बाहरी गुंडों को चुनाव नहीं लड़ने देंगे।

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: नंदीग्राम में नामांकन के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चोट लगने से पश्चिम बंगाल का चुनावी माहौल बदला-बदला नजर आ रहा है। बंगाल की सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लिए व्हील चेयर पर चुनाव प्रचार में जुटी ममता बनर्जी ने इमोशनल कार्ड खेलना शुरू कर दिया है।

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चोटिल होने के बाद पहली बार प्रचार के लिए निकली ममता ने रविवार को व्हील चेयर पर कोलकाता में रोड शो किया। सोमवार को भी ममता ने व्हीलचेयर पर बैठकर ही पुरुलिया में दो रैलियां कीं। मंगलवार को भी ममता व्हीलचेयर पर ही रैलियां करती नजर आएंगी।

mamata-didi mamata-didi (PC: social media)

अकेली महिला की छवि गढ़ने की कोशिश

व्हील चेयर पर बैठी ममता लोगों को यह संदेश देने की कोशिश कर रही हैं कि एक अकेली महिला कैसे भाजपा जैसी ताकतवर पार्टी का मुकाबला कर रही है। जानकारों का मानना है कि ममता सियासत की माहिर खिलाड़ी हैं और अब उन्होंने अपनी चोट को भी सहानुभूति के जरिए भुनाना शुरू कर दिया है।

अपनी चुनावी सभाओं में ममता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा पर तीखे हमले करती रही हैं मगर व्हील चेयर पर बैठने के बाद वे खुद को लोगों का दुख दर्द बांटने वाली महिला के रूप में पेश कर रही हैं। कोलकाता के रोड शो में उन्होंने खुद को लगी चोट को लोगों का दर्द मेरे दर्द से बड़ा

किसी हमले की साजिश बताने की कोशिश नहीं की। इस रोड शो के दौरान उन्होंने न तो पीएम मोदी पर कोई हमला बोला और न ही भाजपा पर कोई प्रहार किया।

रोड शो के दौरान मौजूद लोगों से इमोशनली जुड़ते हुए ममता ने कहा कि यह सच्चाई है कि मैं दर्द में हूं, लेकिन यह भी सच्चाई है कि आप लोगों के सामने मेरा दर्द कुछ भी नहीं है। मुझे खुद के दर्द से ज्यादा आप लोगों के दर्द की चिंता है। इसीलिए मैं व्हील चेयर पर बैठकर भी आप लोगों के बीच आई हूं। ममता के इस भाषण से समझा जा सकता है कि वे खुद को लोगों से किस तरह इमोशनली कनेक्ट करने की कोशिश में जुटी हुई हैं।

टीएमसी नेता भी सहानुभूति बटोरने में जुटे

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही नहीं बल्कि टीएमसी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी लोगों की सहानुभूति बटोरने के लिए इमोशनल कार्ड चलना शुरू कर दिया है। अपनी सभाओं में टीएमसी के नेता इस बात पर खासा जोर दे रहे हैं कि एक अकेली महिला किस तरह भाजपा की फौज से जूझ रही है।

वे अपनी सभाओं में यह कहना नहीं भूलते कि एक और भाजपा जैसी ताकतवर पार्टी है जिसके पास पैसा और संसाधनों की कमी नहीं है तो दूसरी ओर एक महिला इतनी ताकतवर पार्टी से लड़ने का माद्दा दिखा रही है।

पहले भी फायदा उठा चुकी हैं ममता

ममता पहले भी सियासी दलों से जूझने के लिए इमोशनल कार्ड का इस्तेमाल करती रही हैं। उन्होंने 2011 में वामपंथियों के 34 साल के शासन का अंत किया था और उस दौरान भी वे अपनी सभाओं में इस बात को जोर-शोर से कहा करती थीं कि एक ओर वामपंथियों की ताकत है तो दूसरी ओर एक अकेली महिला उनसे जूझ रही है। 2011 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को इमोशनल कार्ड का सियासी फायदा भी मिला और वे सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हो गईं।

अब बदल चुके हैं हालात

वैसे कुछ सियासी जानकारों का मानना है कि उस समय और आज की स्थिति में काफी फर्क है क्योंकि उस समय ममता के पास सिक्योरिटी का तगड़ा तामझाम नहीं होता था मगर अब मुख्यमंत्री होने के कारण उनके पास पूरा सुरक्षा कवच है।

इसके साथ ही यह भी सच्चाई है कि ममता बनर्जी के साथ नंदीग्राम में हुई घटना का वीडियो जमकर वायरल हुआ है और काफी संख्या में लोगों तक पहुंच गया है। इस वीडियो के जरिए यह बात साबित करने की कोशिश की गई है कि ममता पर हमला नहीं हुआ था बल्कि वे हादसे का शिकार होकर चोटिल हुई थीं।

प्रेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने भी यही बात कही है। आयोग का मानना है कि ममता पर हमला हुआ ही नहीं बल्कि वे हादसे का शिकार हुईं।

ममता की चोट पर शाह का तंज

दूसरी ओर भारत ने ममता बनर्जी को लगी चोट पर तंज कसना शुरू कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को बांकुरा की जनसभा में ममता पर तंज कसते हुए कहा कि मुझे यहां आने में थोड़ा विलंब हो गया क्योंकि मेरा हेलिकॉप्टर खराब हो गया था मगर मैं यह नहीं कहूंगा कि इसमें किसी तरह की साजिश थी।

बांकुरा से पहले अमित शाह को झारग्राम में भी चुनावी सभा को संबोधित करना था मगर हेलिकॉप्टर में खराबी के कारण वे सभा में नहीं पहुंच पाए। बाद में उन्होंने वर्चुअल तरीके से सभा को संबोधित किया।

चुनाव आयोग ने सबकुछ स्पष्ट कर दिया

शाह ने कहा कि चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि नंदीग्राम में ममता को हादसे में चोट लगी थी पर ममता और उनकी पार्टी इसे साजिश करार देने में जुटी हुई हैं। ममता के पैर में तो चोट लगी है, लेकिन यह चोट कैसे लगी इसका पता अभी तक नहीं चल सका है।

टीएमसी ने दिया शाह को जवाब

दूसरी और टीएमसी ने गृहमंत्री को जवाब देते हुए कहा कि झारग्राम की रैली में कुर्सियां खाली पड़ी थीं और पब्लिक नहीं आई। यही कारण था कि रैली स्थल पर न जाकर शाह ने वर्चुअल ढंग से रैली को संबोधित किया।

तृणमूल कांग्रेस की ओर से सभास्थल के फोटो और वीडियो भी जारी किए गए जिनमें कई कुर्सियां खाली नजर आ रही हैं। वैसे यह खबर भी आई है कि कई बसों को सभास्थल पर जाने से रोक दिया गया।

amit-shah amit-shah (PC: social media)

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ममता को जवाब देने में जुटी भाजपा

ममता के व्हील चेयर पर चुनाव प्रचार करने के बाद भाजपा नेता भी ममता को इस बाबत जवाब देने के लिए मजबूर हो गए हैं। जानकारों का मानना है कि भाजपा इस बात को बखूबी समझ चुकी है कि व्हीलचेयर पर बैठकर ममता इमोशनल कार्ड खेलने की कोशिश कर रही हैं और यही कारण है कि भाजपा नेता अपनी सभाओं में इस बात को जोर-शोर से उठा रहे हैं कि ममता को चोट हादसे में लगी और उन पर हमले की कोई साजिश नहीं की गई।

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