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ममता पर हमले से गर्मायी सियासत, कांग्रेस-भाजपा ने घेरा तो टीएमसी बिफरी
इस बीच कोलकाता के अस्पताल में भर्ती ममता बनर्जी की पूरी जांच पड़ताल की गई है और डॉक्टरों के मुताबिक ममता के दाएं पैर में सूजन है और उन्हें गंभीर चोटें आई हैं।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी पर कथित हमले की घटना को लेकर सियासी माहौल पूरी तरह गरमा गया है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने इसे नौटंकी करार देते हुए सहानुभूति बटोरने की कोशिश बताया है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने घटना पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए इस मामले को लेकर चुनाव आयोग जाने का फैसला किया है।
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इस बीच कोलकाता के अस्पताल में भर्ती ममता बनर्जी की पूरी जांच पड़ताल की गई है और डॉक्टरों के मुताबिक ममता के दाएं पैर में सूजन है और उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। इसके साथ ही उन्हें सीने में दर्द और सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। डॉक्टरों ने उन्हें 48 घंटे तक निगरानी में रखे जाने की बात कही है।
mamata-didi (PC: social media)
सुरक्षा में सेंध पर उठे सवाल
मुख्यमंत्री के साथ हुई घटना को लेकर एक बड़ा सवाल उनकी सुरक्षा में लगी सेंध को लेकर भी उठाया जा रहा है। ममता बनर्जी को जेड प्लस की सुरक्षा उपलब्ध है और ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि इतनी सुरक्षा के बावजूद चार-पांच युवकों ने आकर उन्हें धक्का कैसे मार दिया।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी देर रात ममता बनर्जी को देखने के लिए एसएसकेएम अस्पताल पहुंचे। हालांकि इस दौरान उन्हें तृणमूल समर्थकों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को देखकर गो बैक के नारे लगाए।
चौधरी ने बताया सियासी पाखंड
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि लोगों की सहानुभूति बटोरने के लिए ममता बनर्जी सियासी पाखंड कर रही हैं। चौधरी ने कहा कि नंदीग्राम में अपनी मुश्किलें बढ़ती देख कर चुनाव से पहले उन्होंने इस नौटंकी की योजना बनाई है। चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी मुख्यमंत्री होने के साथ ही राज्य की पुलिस मंत्री भी हैं। यह बात कैसे मानी जा सकती है कि उनके साथ कोई पुलिसकर्मी नहीं था।
चौधरी ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि ममता बनर्जी भाजपा से डर गई है। उन्हें पहली बार खुद को ब्राह्मण साबित करना पड़ है। वे पहले मुस्लिमों की हिफाजत करने और हिजाब पहनने की बात करती थीं मगर अब उन्हें चंडीपाठ करना पड़ रहा है।
सहानुभूति बटोरने की कोशिश
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने भी ममता के साथ हुई घटना को सियासी नाटक बताया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में अपनी हार तय देखकर ममता बनर्जी लोगों की सहानुभूति बटोरने के लिए अब ड्रामा करने में जुट गई हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान नाटक करने से अब ममता को कोई फायदा नहीं होने वाला है।
इतनी सुरक्षा के बाद हमला कर से
बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने सवाल किया कि क्या यहां तालिबान है जिसने ममता के काफिले पर हमला किया। उन्होंने कहा कि चार आईपीएस अफसर ममता के सुरक्षा प्रभारी हैं और उनके साथ भारी पुलिस बल होता है। ऐसे में उनके ऊपर कैसे हमला किया जा सकता है। उन्होंने भी इसे ममता की नौटंकी करार दिया।
टीएमसी जाएगी चुनाव आयोग
दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने ममता बनर्जी के साथ हुई घटना पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। पश्चिम बंगाल के मंत्री और टीएमसी के नेता पार्थ चटर्जी ने कहा कि पार्टी इस घटना को लेकर चुनाव आयोग जाएगी।
उन्होंने कहा कि हम पूरे मामले को संवैधानिक संस्था के सामने रखेंगे। चटर्जी ने कहा कि कायरों की ओर से ममता को रोकने की कोशिश की जा रही है, लेकिन आज तक उन्हें रोकने में कोई कामयाब नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि राज्य के एडीजी ला एंड आर्डर और डीजीपी को हटा दिया गया है और अब इस तरह की घटना हो रही है। फिर भी चुनाव आयोग चुप्पी साधे हुए हैं।
आयोग ने तलब की रिपोर्ट
इस भी चुनाव आयोग ने भी ममता बनर्जी के साथ हुई घटना का संज्ञान लिया है। निर्वाचन आयोग ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। सूत्रों का कहना है कि आयोग को घटना से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है।
चश्मदीदों ने भी आरोपों को गलत बताया
नंदीग्राम में बुधवार को हुई घटना के दो चश्मदीदों ने भी ममता बनर्जी के आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है। एक चश्मदीद चितरंजन दास ने कहा कि मैं मौके पर मौजूद था और किसी ने ममता बनर्जी के कार के दरवाजे को न तो धक्का दिया और न ही उन्हें छुआ। उन्होंने कहा कि दरवाजे के पास कोई नहीं था।
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मौके पर मौजूद एक अन्य छात्र सुमन का कहना है कि ममता बनर्जी को किसी ने धक्का नहीं दिया। ममता बनर्जी को देखने के लिए काफी संख्या में लोग उन्हें घेर कर खड़े थे और उनकी गाड़ी धीरे-धीरे चल रही थी। सुमन का कहना है कि उसने किसी को मुख्यमंत्री को धक्का देते हुए नहीं देखा। इस पूरे मामले को लेकर राज्य की सियासत काफी गरमा गई है और सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी जुबानी जंग शुरू हो गई है।
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