TRENDING TAGS :
खपरैल में रहते हैं तीन बार केन्द्रीय मंत्री रहे रघुवंश प्रसाद निषाद
बिहार से लेकर दिल्ली तक के राजनीतिक सफर में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के सहयोगी रघुवंष प्रसाद निषाद का पार्टी से अलग होना एक राजनीतिक बदलाव तो कहा जा सकता है
श्रीधर अग्निहोत्री
नई दिल्ली: बिहार से लेकर दिल्ली तक के राजनीतिक सफर में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के सहयोगी रघुवंष प्रसाद निषाद का पार्टी से अलग होना एक राजनीतिक बदलाव तो कहा जा सकता है पर इतने वर्षो के राजनीतिक सफर में रघुवंश प्रसाद निषाद की सादगी, धन का अभाव, साधारण जीवन और ग्रामीण पृष्ठभूमि में ही जीने की शैली आज की नई पीढी के लिए सोचने को मजबूर करती है।
ये भी पढ़ें:रिया ने लिए 25 नाम: बॉलीवुड ड्रग्स पर खुलासा, सारा अली खान पहले नंबर पर
दिल्ली के एम्स में अपना इलाज करा रहे रघुवंश प्रसाद निषाद
इन दिनों दिल्ली के एम्स में अपना इलाज करा रहे रघुवंश प्रसाद निषाद की राजनीतिक यात्रा बेहद संघर्ष भरी रही। यह बात अलग है कि उन्हे सत्ता का सुख भी भोगने का भी अवसर मिला लेकिन खाटी समाजवादी विचारधारा वाले रघुवंश प्रसाद निषाद ने कभी अपने सिद्वान्तों से समझौता नहीं किया। समाजवादी चिंतक कर्पूरी ठाकुर के नक़्शे कदम पर चलने वाले रघुवंश प्रसाद निषाद केन्द्र सरकार में एक नहीं तीन बार मंत्री भी रहे। इसके अलावा 15 साल से अधिक समय तक सांसद तथा बिहार विधानसभा के सदस्य के अलाव विधानपरिषद सदस्य भी रहे।
पर आज भी वह अपने पुराने खपरैल वाले घर में रहते है। न तो उनके पास कोई अपनी गाड़ी है और न ही स्मार्ट फोन रखते है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहते उन्होंने गांवो में सडके बनाने के का खूब काम किया। बिहार में आज जो बेहतरीन सडके दिखाई पड़ रही है। उसके पीछे रघुवंशप्रसाद निषाद का बडा योगदान है। मरेगा मजदूरों के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनकी खूब सराहना की थी। उनका पूरा जीवन दलितों, पिछड़े, अति पिछड़े, अल्पसंख्यकों और गरीब सामान्य वर्ग के लिए ही गुजरा है।
Raghuvansh Prasad Nishad (file photo)
एक मजदूर और किसान की तरह जीवन यापन करते हैं
एक मजदूर और किसान की तरह जीवन यापन, करने वाले रघुवंश प्रसाद निषाद एक साधारण मजदूर की तरह अपना जीवन व्ययतीत करते हैं। उनका यहीं अंदाज लोगों को खूब भाता है। न तो उनके एकाउन्ट में कोई लंबी चौड़ी रकम है और न ही कोई प्रापर्टी। वह सरकारी तरफ से मिलने वाली पेंशन से ही अपना खर्चा चलाते हैं।
ये भी पढ़ें:IPL 2020: CSK ने कराया खास फोटोशूट, इस अंदाज में नजर आए धोनी
रघुवंश प्रसाद निषाद अपने राजनीतिक सफर में लालू प्रसाद यादव का साथ निभाते रहे। पर लालू यादव के जेल जाने के बाद जब उनके बेटे तेजस्वी यादव के हाथ में पार्टी की कमान आ गयी तो वो खुद को असहज महसूस करने लगे। उन्होंने गलत फैसलों पर कई बार पार्टी फोरम में भी आवाज उठाई पर जब उनकी नहीं सुनी गयी तो उन्होंने लालू प्रसाद यादव से भी अपनी गुहार लगाई। पर जब उन्हे लगा कि अब उनका सम्मान नहीं रह गया तो उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।