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बिहार चुनाव: इस बार महिलाओं के हाथ में सत्ता की चाभी, ऐसे भरा जाएगा वोट बैंक

बिहार की राजनीति में पिछले कुछ वर्षो से बदलाव देखने को मिल रहा है। यहां पर महिलाओं ने राजनीति में दिलचस्पी दिखाने के साथ वोट डालने के लिए घर की दहलीज पार करना भी शुरू कर दिया है।

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Published on: 2 Oct 2020 4:57 AM GMT
बिहार चुनाव: इस बार महिलाओं के हाथ में सत्ता की चाभी, ऐसे भरा जाएगा वोट बैंक
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बिहार में महिलाओं के हाथ में है सत्ता की चाभी (social media)

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा को मुकाबला शुरू होने को है। रणभेरी बज चुकी है, राजनीतिक दलों के कैम्पों (कार्यालयों) में हलचल तेज है। हर दल की निगाह अपने वोट बैक केा सहेजने पर टिकी हुई है। पर इस बिहार चुनाव में सबसे अधिक फोकस जिस वोट बैंक पर है वह है महिलाओं का एक बड़ा वोट बैंक, जो किसी भी दल को सत्ता दिलाने में अपनी महती भूमिका निभाने को तैयार है।

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बिहार की राजनीति में पिछले कुछ वर्षो से बदलाव देखने को मिल रहा है

दरअसल बिहार की राजनीति में पिछले कुछ वर्षो से बदलाव देखने को मिल रहा है। यहां पर महिलाओं ने राजनीति में दिलचस्पी दिखाने के साथ वोट डालने के लिए घर की दहलीज पार करना भी शुरू कर दिया है। वर्ष 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में पुरुषों की तुलना में 3.4 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं मतदान के लिए आगे आईं। उस चुनाव में 51.1 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान में हिस्सा लिया। वहीं 54.5 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाले।

महिलाओं में मतदान को लेकर बढ़ी दिलचस्पी का कारण ये है

महिलाओं में मतदान को लेकर बढ़ी दिलचस्पी का कारण सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की ओर से किए गए प्रयासों का नतीजा माना गया। सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण, हर घर नल का जल और शौचालय निर्माण घर का सम्मान, आर्थिक हल-युवाओं को बल के तहत बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वंय सहायता भत्ता योजना और कुशल युवा कार्यक्रम योजना, हर घर बिजली तथा घर तक पक्की गली और नाली के निर्माण का वादा किया गया था। शायद सरकार के वादे और पूर्व के इस फैसलों का ही असर था कि आधी आबादी ने एक बार फिर मतदान में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया।

election election (social media)

नितीश कुमार ने महिलाओं को हमेशा तवज्जो देने का काम किया

बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने महिलाओं को हमेशा तवज्जो देने का काम किया है। जिस तरह से अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए दस लाख रुपये तक की मदद दी जाती है उसी तरह सभी वर्ग की महिला उद्यमियों को पांच लाख रुपये का कर्ज और पांच लाख रुपये का अनुदान दिया जायेगा। उसमें किसी प्रकार का टैक्स भी नहीं लगेगा। इस बार इंटर पास लड़कियों को 25 हजार रुपये और स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। पहले यह राशि क्रमशः 10 हजार और 25 हजार रुपये थी।

राजद के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव भी युवाओं पर अपनी पैनी निगाह रखे हुए है

राजद के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव भी युवाओं पर अपनी पैनी निगाह रखे हुए है। उन्होंने युवाओं को लुभाने के लिए एलान किया कि राज्य में उनकी सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही 10 लाख युवाओं को रोजगार देने के फैसले पर मुहर लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह उनका वादा नहीं बल्कि मजबूत इरादा है।

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भाजपा ने राजद के दो युवा नेता तेजस्वी प्रसाद यादव और तेज प्रताप यादव की युवाओं में सेंध लगाने की कोशिशों को नकाम करने के लिए भारतीयज जनता पार्टी देश के युवा सांसदों में शुमार तेजस्वी सूर्या को बिहार भेजा है।

बहरहाल इस चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा यह कहना अभी कठिन है लेकिन इतना तो तय है कि इस बार भी सत्ता की चाभी महिलाओं और युवाओं के हाथ में ही होगी।

श्रीधर अग्निहोत्री

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