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Bihar विधानसभा में बवाल, मानसून सत्र के दौरान चलीं कुर्सियां, डिप्टी CM तेजस्वी के इस्तीफे की मांग को लेकर जोरदार हंगामा
Tejashwi Yadav Resignation: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में जमकर हंगामा हुआ। सदन में बीजेपी विधायक डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग पर अड़े रहे। सदन में कुर्सियां भी चलीं।
Tejashwi Yadav Resignation: बिहार विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार हो चला है। सदन में मंगलवार (11 जुलाई) को जबरदस्त हंगामा हुआ। जिस वजह से कार्यवाही स्थगित करने की नौबत आ गई। इतना है नहीं, बिहार विधानसभा में कुर्सियां तक फेंकी गईं। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बढ़ते हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। दरअसल, बिहार विधानसभा में आज डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के इस्तीफे की मांग उठी थी।
विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों ने केंद्रीय जांच एजेंसी CBI के आरोप पत्र के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग की। विपक्ष लगातार कई मांगों पर जोर देता रहा। बीजेपी एमएलए के हंगामे पर तेजस्वी यादव ने पलटवार किया। तेजस्वी ने दावा किया कि, 'रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन घोटाले में सीबीआई आरोप पत्र मेरे खिलाफ पहला नहीं है। और ना ही आखिरी होने की संभावना है।' यहां तक कि उपमुख्यमंत्री ने बीजेपी पर NCP नेताओं, अजित पवार और छगन भुजबल का मालाओं से स्वागत करने का भी आरोप लगाया।
बीजेपी नेताओं को स्पीकर की चेतावनी
विधानसभा की कार्यवाही हंगामे से प्रभावित हुई। दोपहर 2 बजे से फिर कामकाज शुरू हुआ। लेकिन, बीजेपी विधायकों का हंगामा लगातार जारी रहा। तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग जारी रही। विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी (Speaker Avadh Bihari Chowdhary) चेतावनी देते नजर आए। उन्होंने कहा, नियम-कानून का उल्लंघन हुआ, तो कार्रवाई होगी।
CBI की चार्जशीट में तेजस्वी आरोपी
वहीं, भाजपा के तमाम विधायकों ने आरोप लगाया कि स्पीकर हमारी नहीं सुन रहे। बीजेपी एमएलए ने वेल में आकर हंगामा किया। इस दौरान रिपोर्टर टेबल भी खूब पीटा। इस मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। आपको बता दें, नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई ने तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें तेजस्वी का नाम आरोपी के तौर पर शामिल है। इसी मसले पर लगातार हंगामा जारी है।
'...तब मैं नाबालिग था'
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा में हंगामे के बाद मीडिया से बात की। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'कथित घोटाला (जमीन के बदले नौकरी) तब हुआ था, जब उनके पिता और पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) रेल मंत्री थे। उन्होंने कहा, तब वह नाबालिग थे। सक्रिय राजनीति में तब वो आए भी नहीं थे।