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Bihar News: चिराग-पारस के झगड़े ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें, हाजीपुर सीट को लेकर चाचा-भतीजा दोनों झुकने को तैयार नहीं

Bihar Politics: चिराग पासवान ने पिछले दिनों एनडीए की बैठक में हिस्सा लिया था मगर हाजीपुर सीट को लेकर उनकी अपने चाचा राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया पशुपति कुमार पारस से तकरार लगातार बढ़ती जा रही है।

Anshuman Tiwari
Published on: 14 Aug 2023 11:10 AM IST (Updated on: 14 Aug 2023 11:29 AM IST)
Bihar News: चिराग-पारस के झगड़े ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें, हाजीपुर सीट को लेकर चाचा-भतीजा दोनों झुकने को तैयार नहीं
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Bihar Politics (Photo - Social Media)

Bihar Politics: बिहार में चिराग पासवान के एनडीए में शामिल होने के बाद भी भाजपा नेतृत्व की मुश्किलें कम होती हुई नहीं दिख रही हैं। चिराग पासवान ने पिछले दिनों एनडीए की बैठक में हिस्सा लिया था मगर हाजीपुर सीट को लेकर उनकी अपने चाचा राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया पशुपति कुमार पारस से तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। हाजीपुर सीट को लेकर दोनों नेताओं की ओर से दावा किया जा रहा है और दोनों अपनी दावेदारी छोडने को तैयार नहीं है।

चिराग पासवान के एनडीए में शामिल होने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जल्दी ही इस विवाद को सुलझा लेगा और दोनों नेताओं के बीच बयानबाजी बंद हो जाएगी मगर अभी तक भाजपा नेतृत्व को इस काम में कामयाबी नहीं मिल सकी है। हालांकि इस विवाद में आखिरी फैसला भाजपा नेतृत्व को ही करना है। चिराग पासवान की दावेदारी के बीच केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने एक बार फिर स्पष्ट तौर पर कहा है कि वे अगला लोकसभा चुनाव हाजीपुर सीट से ही लड़ेंगे। दोनों नेताओं के बीच बढ़ती तकरार ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

नहीं सुधर रहा चाचा-भतीजे का रिश्ता

चिराग पासवान को एनडीए में शामिल करने में भाजपा के वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय ने बड़ी भूमिका निभाई थी। नित्यानंद राय लगातार चिराग के संपर्क में बने हुए थे और उन्हें अपने मिशन में कामयाबी भी हासिल हुई थी। चिराग के एनडीए में शामिल होने से पहले ही हाजीपुर सीट को लेकर चाचा और भतीजे में सियासी जंग चल रही थी। पिछले महीने नई दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक के दौरान चिराग ने अपने चाचा पारस के पैर छुए थे।

इसके बाद दोनों नेताओं के बीच संबंध सुधरने की संभावना जताई गई थी मगर कुछ दिनों की शांति के बाद चिराग के बिहार पहुंचते ही फिर हाजीपुर सीट को लेकर दोनों नेताओं के बीच तकरार शुरू हो गई है। भाजपा नेता भी इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते हुए दिख रहे हैं। इसका नतीजा यह दिख रहा है कि यह आग लगातार और भड़कती जा रही है।

चिराग हाजीपुर सीट छोड़ने को तैयार नहीं

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान ने पिछले दिनों खुद के जमुई से चुनाव लड़ने का संकेत दिया था मगर इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वह चाहते हैं कि उनकी मां हाजीपुर सीट से चुनाव मैदान में उतरें। उनका कहना था कि उनके पिता रामविलास पासवान ने कई दशकों तक हाजीपुर के लोगों की सेवा की और क्षेत्र के विकास में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी।
ऐसे में अब उनकी मां को आगे बढ़कर क्षेत्र के लोगों की सेवा का मौका मिलना चाहिए। उनका कहना था कि हाजीपुर सीट उनके पिता के कर्मभूमि रही है और इस सीट पर या तो वे चुनाव लड़ेंगे या उनकी मां चुनाव मैदान में उतरेंगी। चिराग पासवान का यह बयान उनके चाचा पशुपति पारस को काफी नागवार गुजारा है और वे किसी भी सूरत में हाजीपुर सीट पर अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं है।

चाचा पारस ने चिराग पर किया हमला

पारस का कहना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में उनके दिवंगत भाई रामविलास पासवान ने उन्हें हाजीपुर से चुनाव लड़ने का निर्देश दिया था। चिराग पासवान को उन्होंने जमुई सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। ऐसे में वे अपने दिवंगत भाई की सीट का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेंगे। उनका कहना है कि चिराग पासवान को उसे क्षेत्र से ही मैदान में उतरना चाहिए जहां से उनके पिता ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा था।

पारस ने कहा कि मैंने हमेशा एनडीए का साथ दिया है और बुरे दिनों में भी मैं सहयोगी बन रहा। उन्होंने चिराग के एनडीए में शामिल होने की चर्चा करते हुए उनकी तुलना बरसाती मेंढक से कर डाली। पारस ने कहा कि जिस तरह बरसात के दिनों में मेंढक टर्र-टर्र करने लग जाते हैं,वैसे ही बहुत से लोग एनडीए में आएंगे और जाएंगे। चिराग पासवान को अपना अतीत याद रख करना चाहिए कि उन्होंने पूर्व में एनडीए के साथ कैसा व्यवहार किया था।

दोनों के झगड़े से भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं

बिहार में चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच छिड़ी सियासी जंग की गुत्थी को सुलझाना काफी मुश्किल माना जा रहा है। दरअसल दोनों नेता हाजीपुर सीट को लेकर कोई समझौता करने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। बिहार में दलित वोटों का समीकरण साधने के लिए भाजपा ने चिराग पासवान को एनडीए में शामिल किया है जबकि उनके चाचा पशुपति पारस पहले से ही एनडीए में शामिल है। ऐसे में भाजपा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
सियासी जानकारी का मानना है कि हाजीपुर लोकसभा सीट लंबे समय से पासवान कुनबे की पहचान रही है और ऐसे में दोनों नेताओं में से किसी का भी झुकना काफी मुश्किल लग रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस गुत्थी को सुलझाने में कहां तक कामयाब हो पाता है।



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Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

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