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बिहार में सरकार गठन: डिप्टी CM के लिए इनका नाम, रखी थी राम मंदिर की पहली ईंट
बिहार में सरकार गठन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए जहां नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लग सकती है तो वहीं उपमुख्यमंत्री कामेश्वर चौपाल बनाए जा सकते हैं।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections- 2020) का नतीजा आ गया है। बिहार में NDA को पूर्ण बहुमत मिला है। राज्य में मिली जीत के बाद सरकार गठन की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इसके संबंध में आज यानी शुक्रवार को NDA नेताओं की अहम बैठक होने वाली है। ये बैठक नीतीश कुमार के आवास पटना में ही होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार के नाम की घोषणा की जा सकती है। वहीं इस बीच उपमुख्यमंत्री पद के लिए भी एक नाम सामने आया है।
उपमुख्यमंत्री पद पर विराजमान होंगे चौपाल!
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार के उपमुख्यमंत्री पद पर कामेश्वर चौपाल के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है। बता दें कि कामेश्वर चौपाल ने ही अयोध्या में 1989 में हुए राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास के दौरान पहली ईंट रखी थी। वहीं चौपाल को डिप्टी सीएम बनाए जाने को लेकर चल रहीं अटकलों पर खुद चौपाल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं और पार्टी जो भी जिम्मेदारी मुझे देगी वो मुझे स्वीकार है।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
कौन हैं कामेश्वर चौपाल?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि कामेश्वर चौपाल दलित समुदाय के हैं और बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले हैं, जो कि मिथिला में पड़ता है। कामेश्वर ने ही अयोध्या में साल 1989 में हुए राम मंदिर शिलान्यास के दौरान पहली ईंट रखी थी। RSS की तरफ से उन्हें पहले कारसेवक का दर्जा दिया गया है। बता दें कि चौपाल 1991 में लोक जनशक्ति पार्टी के दिवंगत नेता रामविलास पासवान के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि वे हार गए थे।
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इस तरह मंदिर निर्माण के लिए रखी गई पहली ईंट
बता दें कि मधुबनी जिले से कामेश्वर की पढ़ाई हुई, यहीं पर वे संघ के संंपर्क में आए। स्नातक की पढ़ाई के बाद चौपाल संघ के प्रति पूरी तरह से समर्पित हो गए। इसके बाद उन्हें मधुबनी जिले का जिला प्रचारक बना दिया गया था। वहीं जब नवंबर 1989 में राम मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम हुआ तो उस वक्त चौपाल अयोध्या में ही थे। वे एक टेंट में ठहरे हुए थे। उनके कमरे में विहिप के तत्कालीन प्रमुख अशोक सिंघल के एक करीबी आए और उन्होंने कहा कि आपको शिलान्यास के लिए चुना गया है। इसके बाद उन्होंने ही राम मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखी थी।
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