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लालू यादव की ज़मानत पर फैसला, कल का दिन अहम, झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई
लालू प्रसाद की तरफ से आधी सज़ा काट लेने के आधार पर ज़मानत मांगी गई है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को सात-सात साल की सज़ा हुई है।
रांचीः राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के लिए 19 फरवरी का दिन काफी अहम रहने वाला है। दुमका ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। लालू प्रसाद की ओर से आधी सज़ा काट लेने की बुनियाद पर न्यायालय से ज़मानत मांगी गई है।
12 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता की ओऱ से कोर्ट से समय की मांग की गई थी। कोर्ट ने आग्रह को स्वीकार करते हुए 19 फरवरी को ज़मानत पर सुनवाई की तारीख़ मुकर्रर की है। चारा घोटाले के अन्य
मामलों में लालू प्रसाद को पहले की ज़मानत मिल चुकी है। लिहाज़ा, दुमका मामले में अगर राजद सुप्रीमो को बेल मिल जाता है तो वे जेल से बाहर आ सकेंगे।
हाफ सेंटेंस को लेकर विवाद
लालू प्रसाद की तरफ से आधी सज़ा काट लेने के आधार पर ज़मानत मांगी गई है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को सात-सात साल की सज़ा हुई है। लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार की मानें तो राजद सुप्रीमो ने आधी सज़ा काट ली है।
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लिहाज़ा, चारा घोटाले के अन्य मामलो की तरह दुमका मामले में भी उन्हे ज़मानत मिलनी चाहिए। हालांकि, सीबीआई लालू के आधी सज़ा काट लेने की दलील को स्वीकार नहीं करता है। सीबीआई इसी बात को वेरीफाइ करने के लिए कोर्ट से समय की मांग करता रहा है। लिहाज़ा, अब देखना दिलचस्प होगा कि, 19 फरवरी की सुनवाई में सीबीआई की ओर से क्या दलील पेश की जाती है।
लालू के अधिवक्ता का पक्ष
लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार की मानें तो सीबीआई जानबूझ कर मामले को लटकाना चाहता है। जब लालू प्रसाद के बाहर निकलने का समय नज़दीक आ रहा है तो सीबीआई अड़चन खड़ा कर रहा है।
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प्रभात कुमार की मानें तो उनकी कैलकुलेशन में लालू प्रसाद ने आधी सज़ा काट ली है। लिहाज़ा, सीबीआई के पास अगली सुनवाई में कोई दलील नहीं रहेगी।
एम्स में इलाजरत हैं लालू
कई गंभीर बीमारियों से घिरे लालू प्रसाद फिलहाल, एम्स में इलाजरत हैं। इससे पहले रांची के रिम्स में राजद सुप्रीमो का इलाज चल रहा था। उन्हे सांस लेने में शिकायत, निमोनिया और इंफेक्शन के बाद एम्स में भर्ती कराया गया है। लालू प्रसाद के अधिवक्ता की मानें तो ज़मानत के लिए राजद सुप्रीमो के स्वास्थ्य को आधार नहीं बनाया गया है।