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Fake Video Case: यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ीं, फर्जी वीडियो मामले में ट्रांजिट रिमांड पर ले गई तमिलनाडु पुलिस

Fake Video Case: मनीष समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए तमिलनाडु पिछले कई दिनों से बिहार में डेरा डाले हुई थी।

Krishna Chaudhary
Published on: 29 March 2023 4:22 PM IST
Fake Video Case: यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ीं, फर्जी वीडियो मामले में ट्रांजिट रिमांड पर ले गई तमिलनाडु पुलिस
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Manish Kashyap (photo: social media )

Fake Video Case: तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजूदरों के साथ हिंसा और मारपीट का फर्जी वीडियो शेयर करने के मामले में फंसे विवादित यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कई दिनों तक बिहार पुलिस की कस्टडी में समय बिताने के बाद अब तमिलनाडु पुलिस उसे अपने साथ ट्रांजिट रिमांड पर ले गई है। फेक वीडियो प्रसारित करने के मामले में उसके खिलाफ वहां मामला दर्ज है। मनीष समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए तमिलनाडु पिछले कई दिनों से बिहार में डेरा डाले हुई थी।

मंगलवार को पटना की स्पेशल कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस की ट्रांजिट रिमांड की मांग को मंजूरी दी थी, जिसके बाद उसे आज यानी बुधवार 29 मार्च को तमिलनाडु ले जाया जा रहा है। बुधवार सुबह उसे कड़ी सुरक्षा में बेऊर जेल से पटना एयरपोर्ट ले जाया गया। जहां उसे गो एयर की फ्लाइट से तमिलनाडु पुलिस की एक टीम बेंगलुरू ले गई। बेंगलुरू से मनीष को फिर मदुरई ले जाया जाएगा। मदुरई की पुलिस भी मनीष से पूछताछ करेगी, क्योंकि वीडियो में यहां पर भी मजदूरों के साथ मारपीट की बात कही गई थी।

तमिलनाडु में दर्ज हैं इतने केस

चर्चित और विवादित यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ तमिलनाडु में 6 मामले दर्ज हैं। ये सभी मामले बिहारियों की पिटाई और उसके फेक वीडियो प्रसारित करने के मामले से जुड़े हैं। तमिलनाडु अपने यहां दर हर एक केस में उसे रिमांड पर लेगी और फिर उससे पूछताछ करेगी। इस मामले में बिहार में भी आर्थिक अपराध ईकाई ने उसके खिलाफ तीन मामले दर्ज किए थे। कई दिनों की फरारी काटने के बाद ईओयू के बढ़ते दवाब के मद्देनजर उसने 18 मार्च को बेतिया के मझौलिया थाने में सरेंडर कर दिया था। उसी दिन पुलिस-प्रशासन ने उसके घर की कुर्की-जब्ती भी की थी।

कुछ दिनों पहले तमिलनाडु में कथित तौर पर हिंदी भाषी खास तौर पर बिहार से आने वाले प्रवासी मजदूरों के साथ मारपीट और हिंसा का मामला काफी तूल पकड़ा था। दोनों राज्यों में बीजेपी विरोधी गठबंधन सरकार होने के कारण मामले ने खासा सियासी तूल पकड़ा था। बिहार में विपक्षी बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। वहीं, राज्य में पदयात्रा कर रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी तमिलनाडु में बिहारियों के साथ हिंसा की बात कही थी।

जांच में सोशल मीडिया पर ऐसे अधिकांश वीडियो फर्जी पाए गए, जिसके बाद बिहार और तमिलनाडु की पुलिस आरोपियों के खिलाफ एक्शन मोड में आ गई। बिहार में कई जिलों से आरोपियों को उठाया गया।

इस मामले में खास तौर पर दोनों राज्यों की पुलिस के निशाने पर चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप आए। मनीष का यूट्यूब पर सच तक नामक न्यूज चैनल था, जिसके लाखों सब्सक्राइबर्स थे। मनीष ने तमिलनाडु जाकर एक रेलवे स्टेशन पर इस मामले को लेकर एक वीडियो भी बनाया था। बता दें कि लाखों सब्सक्राइबर्स होने के बावजूद यूट्यूब ने उनका चैनल अपने प्लेटफॉर्म से डिलीट कर दिया है।

तमिलनाडु की इंडस्ट्री मजदूरों की तंगी से परेशान

तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर हिंदी भाषी क्षेत्र के लोग वहां की फैक्ट्रियों में काम करते हैं। एक तरह से वहां का उद्योग काफी हद तक इन्हीं मजदूरों के कंधे पर टिका हुआ है। ऐसे में हालिया प्रकरण के बाद होली की छुट्टियों में घर गए मजदूरों में से अधिकांश डर के कारण वापस काम पर नहीं लौटे हैं। जिसके कारण राज्य के उद्योग-धंधे प्रभावित हो रहे हैं। मजदूरों की कमी के कारण उनका प्रोडक्शन गिर रहा है। तमिलनाडु के फैक्ट्री मालिक राज्य सरकार से मजदूरों की वापसी सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।



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