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भारत बंद को सफल बनाने उतरे झारखंड के कई मंत्री, सड़क पर दिखी कैबिनेट

झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कृषि क़ानूनों को किसानों के लिए डेथ वारंट क़रार दिया है। उन्होने कहा कि, इस कानून का विरोध करना हर देशवासी का फ़र्ज़ है। अडानी के कहने पर यह क़ानून लाया गया है।

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Published on: 8 Dec 2020 12:55 PM GMT
भारत बंद को सफल बनाने उतरे झारखंड के कई मंत्री, सड़क पर दिखी कैबिनेट
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भारत बंद को सफल बनाने उतरे झारखंड के कई मंत्री, सड़क पर दिखी कैबिनेट

झारखंड: कृषि क़ानूनों के विरोध में बुलाए गए भारत बंद के दौरान हेमंत सोरेन कैबिनेट के कई मंत्री सड़क पर दिखे। कांग्रेस कोटे के मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री आलमगीर आलम और मंत्री बादल पत्रलेख ने सड़क पर उतर कर बंद को सफल बनाने की अपील की। रांची में कैबिनेट मंत्रियों ने ई-रिक्शा और ट्रैक्टर पर बैठ कर कृषि कानूनों का विरोध किया। झामुमो की ओर से विधायक सीता सोरेन भी सड़कों पर उतरीं और बंद को पार्टी का समर्थन दिया। राजधानी की ह्रदय स्थली अल्बर्ट एक्का चौक पर कैबिनेट मंत्रियों ने कृषि क़ानूनों को किसानों के लिए डेथ वारंट क़रार दिया।

किसानों का डेथ वारंट

झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कृषि क़ानूनों को किसानों के लिए डेथ वारंट क़रार दिया है। उन्होने कहा कि, इस कानून का विरोध करना हर देशवासी का फ़र्ज़ है। अडानी के कहने पर यह क़ानून लाया गया है। कृषि पर क़ानून लाना राज्य का विषय है लेकिन इसपर राज्यों से कोई चर्चा नहीं की गई। लिहाज़ा, देश की जनता इस काले क़ानून को कभी स्वीकार नहीं करेगी।

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कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि, पार्टी किसानों के संघर्ष के साथ खड़ी है। केंद्र ने राज्यों से बिना राय-मश्विरा किए इस कानून को लाया है। लिहाज़ा, देशभर में इसका विरोध हो रहा है। उन्होने कहा कि, किसानों के आंदोलन को समाप्त कराने के बजाय किसानों को देशद्रोही बताया जा रहा है। 70 साल में पहली बार देश का किसान सड़कों पर निकला है।

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भाजपा ने बंद को बताया बेअसर

झारखंड की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने बंद को बेअसर क़रार दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आह्वान के बाद भी किसान सड़कों पर नहीं उतरे। सीएम ने संवैधानिक पद पर रहते हुए संविधान का अपमान किया है। दीपक प्रकाश ने कहा कि, कांग्रेस, झामुमो और राजद किसान विरोधी हैं।

किसानों का अहित करने वाले लोग ही सड़कों पर नज़र आए। उन्होने ज़ोर देकर कहा कि, केंद्र सरकार मंडी व्यवस्था को समाप्त नहीं करने जा रही है। बल्कि किसान देश के किसी भी हिस्से में अपने अनाज को बेच सकता है। वाम दलों को बिन पेंदी का लोटा क़रार देते हुए उन्होने कहा कि, देश-दुनिया में लेफ्ट का वजूद खत्म होता जा रहा है। झारखंड की जनता ने वाम दलों को बार-बार दरकिनार किया है। किसानों ने खुद को भारत बंद से अलग कर ये साबित कर दिया है कि, वे केंद्र की मोदी सरकार के साथ खड़े हैं।

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बंद के दौरान सीएम निपटाते रहे कामकाज

भारत बंद के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिनभर विभागीय कामकाज निपटाते रहे। सीएम ने श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के कामकाज की समीक्षा की। दरअसल, सीएम ने बंद को सफल बनाने के लिए अपनी पार्टी झामुमो का पूरा समर्थन दिया है। उन्होने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा कि, “देश के आन-बान-शान हैं हमारे मेहनती किसान।

देश के मालिक को मज़दूर बनाने के केंद्र सरकार के षडयंत्र के ख़िलाफ़ झारखंड में भी होगा उलगुलान। किसान अन्नदाताओं के पक्ष में झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवार 08 दिसंबर को भारत बंद का पूर्ण समर्थन करता है”। लिहाज़ा, बड़ी संख्या में जेएमएम के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे।

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रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट।

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