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फंसे लालू प्रसाद यादव: अब बंगले से सीधे पहुंचे यहां, RJD में मची हलचल
राष्ट्रीय जनता दल(RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें अब काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। लालू प्रसाद यादव पर जेल से भाजपा(BJP) विधायक ललन पासवान को फोन करने के मामले में पटना में एफआईआर(FIR) दर्ज कराई गई है।
पटना। बिहार से राष्ट्रीय जनता दल(RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें अब काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। लालू प्रसाद यादव पर जेल से भाजपा(BJP) विधायक ललन पासवान को फोन करने के मामले में पटना में एफआईआर(FIR) दर्ज कराई गई है। जिसके बाद से राष्ट्रीय जनता दल(RJD) पार्टी में अफरा-तफरी सी मच गई है। बता दें, लालू प्रसाद यादव को इसी साल 1 केली बंगले में शिफ्ट किया गया है।
लालू प्रसाद यादव पहले प्राइवेट वार्ड में रह रहे थे, लेकिन उनके फ्लोर के ठीक ऊपर और नीचे कोरोना मरीजों का इलाज होने लगा। वार्ड के सामने कोविड वार्ड भी था। ऐसे में रिम्स के मेडिकल बोर्ड ने उन्हें 1 केली बंगला, जो सबसे नजदीक था वहां शिफ्ट करने का फैसला लिया।
इसके साथ ही झारखंड हाईकोर्ट में लालू प्रसाद के ख़िलाफ़ पीआईएल(PIL) दायर की गई है। भाजपा नेता अनुरंजन अशोक ने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
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जेल मैनुअल का खुलेआम उल्लंघन
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ दर्ज की गई पीआईएल(PIL) में कहा गया है कि, लालू प्रसाद जेल मैनुअल का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। इस काम में प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है। लिहाज़ा, इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। इस बीच लालू प्रसाद के विरूद्ध पुनदाग टीओपी में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा रही है।
लालू प्रसाद पर आरोप.
इस पीआईएल(PIL) में लालू प्रसाद पर आरोप लगाया गया है कि, राजद अध्यक्ष जेल मैनुअल का उल्लंघन करते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही बिना इजाजत लोगों से मिल रहे हैं। इतना ही नहीं लालू को प्रशासन का पूरा सहयोग भी मिल रहा है। चार घोटाले में जब से उन्हे सज़ा मिली है उसके बाद से ही वे रिम्स में आराम कर रहे हैं।
फोटो-सोशल मीडिया
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लालू जेल की सज़ा काट रहे
झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि, कोर्ट का ही निर्णय है कि, न्यायिक हिरासत में रहते हुए जिन्हे भी रिम्स में इलाज के लिए लाया जाएगा उन्हे इलाज करने के बाद दोबारा जेल भेजा जाएगा। लालू प्रसाद ने जेल को ही रिम्स में शिफ्ट करा दिया है।
रिम्स में लालू को तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। ऐसे में ये कहना कि, लालू जेल की सज़ा काट रहे हैं मुनासिब नहीं होगा। लिहाज़ा, कोर्ट को भी इसपर संज्ञान लेना चाहिए। PIL में जेल आईजी, डीजीपी और संबंधित अधिकारियों को पार्टी बनाया गया है।
फिलहाल लालू प्रसाद के ऑडियो प्रकरण को लेकर जेल आईजी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अलबत्ता सहायक कारा महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने कहा है कि, इस बाबत रांची उपायुक्त और एसएसपी को जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होने बताया कि, रिम्स एक अस्पताल है नाकि, जेल।
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