अदाणी पोर्ट्स ने गंगवारम पोर्ट में हासिल किया 58.1% का नियंत्रण

भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स कंपनी और डायवर्सिफाइड अदाणी ग्रुप की प्रमुख परिवहन सहायक कंपनी, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड) लिमिटेड, ने गंगावरम पोर्ट लिमिटेड (जीपीएल) में डीवीएस राजू एंड फैमिली की 51.8 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर रही है।

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Published on: 23 March 2021 11:58 AM GMT
अदाणी पोर्ट्स ने गंगवारम पोर्ट में हासिल किया 58.1% का नियंत्रण
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फोटो— सोशल मीडिया

अहमदाबाद। भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स कंपनी और डायवर्सिफाइड अदाणी ग्रुप की प्रमुख परिवहन सहायक कंपनी, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड) लिमिटेड, ने गंगावरम पोर्ट लिमिटेड (जीपीएल) में डीवीएस राजू एंड फैमिली की 51.8 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर रही है। अधिग्रहण 3,604 करोड़ रुपये के मूल्य का है और नियामक अनुमोदन के अधीन है। एपीएसईज़ेड ने 3 मार्च, 2021 को जीपीएल में वारबर्ग पिंकस की 31.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की थी और इस अधिग्रहण के साथ, एपीएसईज़ेड की जीपीएल में 89.6 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

जीपीएल आंध्र प्रदेश के उत्तरी भाग में विशाखापत्तनम पोर्ट के बगल में स्थित है। यह आंध्र प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा गैर-प्रमुख पोर्ट है, जिसकी क्षमता 64 एमएमटी है, और आंध्र प्रदेश सरकार (जीओएपी) की रियायत के तहत स्थापित है जो 2059 तक मान्य है। यह हर मौसम में सक्षम, गहरे पानी वाला, बहु-उद्देशीय पोर्ट है जो 200,000 डीडब्ल्यूटी तक के सुपर केप आकार के जहाज को पूरी तरह संभालने में सक्षम है। वर्तमान में, जीपीएल 9 बर्थ संचालित करती है और इसके पास ~1,800 एकड़ की फ्री होल्ड भूमि है। 31 बर्थ वाले 250 एमएमटीपीए की मास्टर प्लान की क्षमता के साथ, जीपीएल के पास भविष्य में विकास करने के लिए पर्याप्त हेडरूम है। जीपीएल कोयले, लौह अयस्क, फर्टिलाइजर, लाइमस्टोन, बॉक्साइट, शुगर, एल्यूमिना और स्टील सहित सूखे और थोक वस्तुओं के विविध मिश्रण को संभालता है। जीपीएल पूर्वी, दक्षिणी और मध्य भारत में 8 राज्यों में फैले दूर-दराज के इलाकों के लिए प्रवेश द्वार का काम करता है।

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जीपीएल को बाजार हिस्सेदारी बढ़ाकर उच्च विकास और अतिरिक्त कार्गो प्रकार और बेहतर मार्जिन और रिटर्न का संयोजन प्रदान करने में, एपीएसईज़ेड के पूरे भारत में मौजूदगी, लॉजिस्टिक्स इंटीग्रेशन, ग्राहक केंद्रित सोच, परिचालन दक्षता और मजबूत बैलेंस शीट से फायदा मिलेगा। वित्त वर्ष 20 में, जीपीएल के पास 34.5 एमएमटी कार्गो वॉल्यूम था, जिसने 1,082 करोड़ रुपए का राजस्व, 634 करोड़ रुपए का ईबीआईटीडीए (59 प्रतिशत का मार्जिन) और 516 करोड़ रुपए का पीएटी दिया। जीपीएल 500 करोड़ से अधिक की शेष नकदी सहित ऋण मुक्त है। कंपनी के पास 51.7 करोड़ का पेड अप इक्विटी शेयर का कैपिटल है, जिसमें 58.1 प्रतिशत डीवीएस राजू एंड फैमिली (प्रमोटर), 10.4 प्रतिशत आंध्र प्रदेश सरकार और 31.5 प्रतिशत वारबर्ग पिंकस के स्वामित्व में है।



एपीएसईज़ेड ने 3 मार्च, 2021 को 120 रुपये/शेयर पर वारबर्ग पिंकस की 31.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की थी और 120/शेयर पर डीवीएस राजू की ~ 30 करोड़ शेयरों (58.1 प्रतिशत) की हिस्सेदारी का भी अधिग्रहण करेगा, जो 3,604 करोड़ रुपये का हो रहा है। लेन-देन से तात्पर्य 8.9 गुना के मल्टिपल्स का ईवी/ईबीआईटीडीए और 12.0 गुना के मल्टिपल्स का पी/ई (वित्त वर्ष 20 के आंकड़ों के आधार पर) है और एपीएसईज़ेड शेयरधारकों के लिए एक मूल्य वर्धित लेनदेन है।

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एपीएसईजेड के सीईओ और होल टाइम डायरेक्टर करण अदाणी ने बताया कि “जीपीएल का अधिग्रहण एक विस्तारित लॉजिस्टिक्स नेटवर्क प्रभाव से लाभ उठाने की हमारी सोच का विस्तार है जो विस्तार के साथ अधिक मूल्य पैदा करता है। प्रत्येक अतिरिक्त नोड जिसे हम अपने नेटवर्क में जोड़ने में सक्षम हैं, हमें अपने ग्राहकों के लिए अधिक से अधिक एकीकृत और संवर्धित समाधान प्रदान करने की सुविधा प्रदान करता है। इस संदर्भ में, जीपीएल का हमारे पोर्टफोलियो में शामिल होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हम अब जिस दूर-दराज के इलाकों से जुड़ सकते हैं, वह पूर्वी क्षेत्र में सबसे तेजी से विकसित हो रहा इलाका है और एपीएसईज़ेड के लॉजिस्टिक तालमेल के साथ, जीपीएल में 250 एमएमटी पोर्ट बनने की क्षमता है। यह निस्संदेह आंध्र प्रदेश के औद्योगिकीकरण को तेज करने में मदद करेगा। राजू फैमिली ने शानदार पोर्ट बनाया है और उन्होंने जिस विश्व स्तरीय परिसंपत्ति का निर्माण किया है, हम उसका विस्तार करना जारी रखेंगे।”

अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड के बारे में

विश्व स्तर पर सक्रिय डायवर्सिफायड अदाणी ग्रुप का एक हिस्सा, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड), एक पोर्ट कंपनी से विकसित होकर भारत के पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स प्लेटफ़ॉर्म बन चुका है। तटीय क्षेत्रों और दूरदराज के विशाल इलाकों से कारगो के विशाल वॉल्यूम की हैंडलिंग करते हुए, रणनीतिक रूप से मौजूद एपीएसईजेड के 12 पोर्ट और टर्मिनल, देश की कुल पोर्ट क्षमता के 24 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं। ये पोर्ट और टर्मिनल गुजरात में मुंद्रा, दाहेज, टूना और हजीरा, ओडिशा में धामरा, गोवा में मारमुगाओ, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम एवं कृष्णापत्तनम, तमिलनाडु में कट्टुपल्ली और एन्नोर में स्थित हैं।

कंपनी केरल के विजिंजम में एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट भी विकसित कर रही है। हमारे "पोर्ट्स टू लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म" में हमारी पोर्ट सुविधाएं, एकीकृत लॉजिस्टिक्स क्षमताएं, और औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र शामिल हैं, जो वैश्विक सप्लाई चेन में होने वाले संपूर्ण बदलाव से लाभ उठाने की भारत की तैयारी को देखते हुए, हमें विशेष लाभदायक स्थिति में रखते हैं। हमारी सोच अगले दशक में दुनिया का सबसे बड़ा पोर्ट और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म बनने की है। 2025 तक कार्बन न्यूट्रल होने के दृष्टिकोण से, एपीएसईज़ेड साइंस बेस्ड टारगेट्स इनिशिएटिव (एसबीटीआई) के लिए हस्ताक्षर करने वाला पहला भारतीय पोर्ट और विश्व का तीसरा देश रहा, जो पूर्व-औद्योगिक स्तरों पर 1.5 डिग्री सेल्सियस तक ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने के लिए उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध रहा है।

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