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अदाणी पोर्ट्स ने कोलंबो पोर्ट के वेस्ट कंटेनर टर्मिनल के साथ की साझेदारी, जानें क्या होगा असर

भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स कंपनी और डायवर्सिफाइड अदाणी ग्रुप की प्रमुख सहायक कंपनी, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक...

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Published on: 16 March 2021 7:34 PM IST
अदाणी पोर्ट्स ने कोलंबो पोर्ट के वेस्ट कंटेनर टर्मिनल के साथ की साझेदारी, जानें क्या होगा असर
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फोटो— सोशल मीडिया

कोलम्बो/अहमदाबाद। भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स कंपनी और डायवर्सिफाइड अदाणी ग्रुप की प्रमुख सहायक कंपनी, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईज़ेड) ने श्रीलंका सरकार की ओर से, पोर्ट्स एवं शिपिंग मंत्रालय और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी से लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) प्राप्त किया, जो कोलंबो, श्रीलंका में वेस्ट कंटेनर टर्मिनल (डब्ल्यूसीटी) के विकास और परिचालन के लिए श्रीलंका मंत्रिमंडल के अनुमोदन के अनुसार है। एपीएसईज़ेड, श्रीलंका के सबसे बड़े डायवर्सिफाइड ग्रुप, जॉन केल्स होल्डिंग्स पीएलसी के साथ साझेदारी करेगा और इस कॉन्सॉर्टियम के हिस्से के रूप में श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी (एसएलपीए) है जिसने इस मैंडेट को अवार्ड किया है। डटल्यूसीटी को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के रूप में 35 वर्षों की अवधि के लिए बिल्ड, ऑपरेट और स्थानांतरण के आधार पर विकसित किया जाएगा। डटल्यूसीटी की लंबाई 1400 मीटर और 20 मीटर की गहराई के साथ होगी और यह अल्ट्रा लार्ज कंटेनर कैरियर्स को संभालने के लिए यह एक प्रमुख ट्रांसशिपमेंट कार्गो गंतव्य स्थल बनेगा।

श्रीलंका को मिलने वाले लाभ को मिलेगी मजबूती

इस परियोजना से डब्ल्यूसीटी की कंटेनर हैंडलिंग क्षमता को बढ़ावा मिलने और सबसे व्यस्त वैश्विक ट्रांसशिपमेंट रूट के साथ दुनिया के शीर्ष रणनीतिक नोड्स में से एक के रूप में, श्रीलंका को मिलने वाले लाभ को मजबूती मिलने की उम्मीद है। भारत में एपीएसईज़ेड टर्मिनल से आने-जाने वाले कोलंबो के 45 प्रतिशत ट्रांसशिपमेंट वॉल्यूम के साथ, कोलंबो पोर्ट भारतीय कंटेनरों के ट्रांसशिपमेंट और मेनलाइन शिप ऑपरेटरों के लिए सबसे पसंदीदा क्षेत्रीय हब है। इस साझेदारी का नेटवर्क प्रभाव महत्वपूर्ण है और 6 मिलियन टीयूई से अधिक के वार्षिक वॉल्यूम को संभालने वाली भारतीय तटरेखा के साथ मौजूद अदाणी द्वारा परिचालित 12 बंदरगाहों के 7 कंटेनर टर्मिनलों से पारस्परिक रूप से लाभान्वित होने की उम्मीद है। यह साझेदारी कई प्रकार के ट्रांसशिपमेंट विकल्पों को बढ़ाएगी और उनमें तेजी लाएगी, जो दक्षिण एशियाई जल क्षेत्र में विभिन्न शिपिंग लाइनों और अन्य संभावित पोर्ट ग्राहकों की सेवा के लिए उपलब्ध हो जाएंगे, जिससे भारत और श्रीलंका दोनों को कई तरह से लाभ होगा।

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इस मौके पर बोलते हुए, एपीएसईज़ेड के सीईओ और होलटाइम डायरेक्टर करण अदाणी ने कहा कि “कोई भी पोर्ट साझेदारी दो राष्ट्रों के बीच आपसी विश्वास को मान्यता प्रदान करती है और इस संदर्भ में कई मोर्चों पर डब्ल्यूसीटी के साथ साझेदारी महत्वपूर्ण है। यह दो पड़ोसी देशों के बीच गहरे और पारस्परिक रूप से लाभकारी रणनीतिक संबंधों का एक सिलसिला है, जिसका इतिहास गहराई से आपस में जुड़ा हुआ है, और मैं भारत सरकार के नेताओं, श्रीलंका सरकार के नेताओं और श्रीलंका के साझीदारों ने जो भरोसा हम पर किया है, उसके लिए हम उनके आभारी हैं। पूरे उपमहाद्वीप में ट्रांसशिपमेंट के लिए एक लॉन्चिंग पॉइंट के रूप में कोलंबो पोर्ट के रणनीतिक स्थान का संयोजन, एसएलपीए और जॉन केल्स होल्डिंग्स पीएलसी की गहरी घरेलू ताकत, और भारतीय तट रेखा पर अदाणी ग्रुप के कंटेनर टर्मिनलों का बेजोड़ नेटवर्क आने वाले वर्षों के लिए न केवल हमारे दोनों देशों के भीतर, बल्कि दोनों देशों के पूर्व और पश्चिम में भी विकास की संभावनाओं के कई आयामों को खोल दिया है।”

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इस अवसर पर, जेकेएच के चेयरमैन कृशन बालेन्द्रा ने कहा कि "हम कोलंबो पोर्ट के बहुत ही जरूरी क्षमता विस्तार में निवेश करने और भारत में अग्रणी बंदरगाह ऑपरेटर अदाणी ग्रुप को भागीदार बनाने के इस अवसर को लेकर उत्साहित हैं।" उन्होंने कहा कि वेस्ट कन्टेनर टर्मिनल का पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप विकास अदाणी ग्रुप, जॉन केल्स ग्रुप और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी के आपसी तालमेल, विशेषज्ञता और अनुभव को सामने लाएगा, जो सबसे बड़े कंटेनर जहाजों के लिए, कोलंबो पोर्ट में विश्व स्तरीय डीप-वाटर ऑफरिंग सुनिश्चित करेगा।

अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड के बारे में

विश्व स्तर पर सक्रिय डायवर्सिफायड अदाणी ग्रुप का एक हिस्सा, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड), एक पोर्ट कंपनी से विकसित होकर भारत के पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स प्लेटफ़ॉर्म बन चुका है। तटीय क्षेत्रों और दूरदराज के विशाल इलाकों से कारगो के विशाल वॉल्यूम की हैंडलिंग करते हुए, रणनीतिक रूप से मौजूद एपीएसईजेड के 11 पोर्ट और टर्मिनल, देश की कुल पोर्ट क्षमता के 24 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं। ये पोर्ट और टर्मिनल गुजरात में मुंद्रा, दाहेज, टूना और हजीरा, ओडिशा में धामरा, गोवा में मारमुगाओ, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम और कृष्णापत्तनम, महाराष्ट्र में दीघी, तमिलनाडु में कट्टुपल्ली और एन्नोर में स्थित हैं। कंपनी केरल के विजिंजम में एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट और म्यांमार में एक कंटेनर टर्मिनल भी विकसित कर रही है।

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हमारे "पोर्ट्स टू लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म" में हमारी पोर्ट सुविधाएं, एकीकृत लॉजिस्टिक्स क्षमताएं, और औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र शामिल हैं, जो वैश्विक सप्लाई चेन में होने वाले संपूर्ण बदलाव से लाभ उठाने की भारत की तैयारी को देखते हुए, हमें विशेष लाभदायक स्थिति में रखते हैं। हमारी नज़र अगले दशक में दुनिया का सबसे बड़ा पोर्ट और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म बनने पर है। 2025 तक कार्बन न्यूट्रल होने के दृष्टिकोण से, एपीएसईज़ेड विज्ञान आधारित लक्ष्य पहल (एसबीटीआई) के लिए हस्ताक्षर करने वाला पहला भारतीय पोर्ट और विश्व का तीसरा देश रहा, जो पूर्व-औद्योगिक स्तरों पर 1.5 डिग्री सेल्सियस तक ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने के लिए उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध रहा है।

जॉन केल्स होल्डिंग्स पीएलसी के बारे में

जॉन केल्स होल्डिंग्स पीएलसी (जेकेएच) श्रीलंका की प्रमुख डायवर्सिफाइड, सार्वजनिक सूचीबद्ध कंपनी है। श्रीलंका और मालदीव में होटल और रिसॉर्ट्स के प्रबंधन से लेकर पोर्ट, समुद्री ईंधन और लॉजिस्टिक सेवाएं प्रदान करने से आईटी समाधान तक, खाद्य और पेय पदार्थों के निर्माण से लेकर सुपरमार्केट की एक चेन चलाने तक, टी ब्रोकिंग से स्टॉक ब्रोकिंग तक, जीवन बीमा और रियल एस्टेट से बैंकिंग तक, जेकेएच ग्रुप अर्थव्यवस्था के लगभग हर प्रमुख क्षेत्र में मौजूद है। 1870 के दशक की शुरुआत में, जेकेएच में 150 से अधिक वर्षों की समृद्ध विरासत के साथ उत्पाद और एक्सचेंज ब्रोकर के रूप में अपनी शुरुआत के बाद से, अब जेकेएस की व्यापार के छह प्रमुख क्षेत्रों में परिचालन करता है, जो लगातार इनावेशन और विकास के जरिये अग्रणी स्थान पर बने रहने के लिए, स्वयं का पुनर्अन्वेषण किया है, फिर से व्यवस्थित किया है और स्वयं को स्थापित किया है।

जेकेएच वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का एक पूर्ण सदस्य है और लक्समबर्ग स्टॉक एक्सचेंज में ग्लोबल डिपॉजिटरी प्राप्ति जारी करने वाली, पहली श्रीलंकाई कंपनी थी जिसे विदेशों में सूचीबद्ध किया गया था। ग्लोबल कॉम्पैक्ट - संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रायोजित अंतरराष्ट्रीय कॉरपोरेट सिटिजनशिप इनिशिएटिव- के सदस्य के रूप में, जेकेएच ग्रुप एक मल्टी-स्टेकहोल्डर संदर्भ में सतत विकास और सामाजिक जिम्मेदारी के लिए प्रतिबद्ध है।

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