×

नौकरी करने वालों के लिए बड़ी खबर! पेंशन मामले पर EPFO की नई तैयारी

ईपीएफओ की ओर से मिलने वाले पेंशन पर आए केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सुप्रीम कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहा है।

Vidushi Mishra
Published on: 6 May 2019 9:38 AM GMT
नौकरी करने वालों के लिए बड़ी खबर! पेंशन मामले पर EPFO की नई तैयारी
X

नई दिल्ली: ईपीएफओ की ओर से मिलने वाले पेंशन पर आए केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सुप्रीम कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहा है।

अंग्रेजी के अखाबर टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, ईपीएफओ के अधिकारियों का तर्क है कि ईपीएस में मासिक योगदान कम है, जिसके कारण यह अधिक पेंशन का भार सहन नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा कि नकदी की किल्लत के कारण ही ईपीएफओ को पहले ही न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये करने की योजना को स्थगित करना पड़ा था।

केरल हाईकोर्ट ने ईपीएफओ को आदेश दिया था कि कर्मचारियों के रिटायर होने पर सभी को उनकी पूरी सैलरी के हिसाब से पेंशन मिलनी चाहिए। वहीं, मौजूदा समय में ईपीएफओ 15,000 रुपये वेतन की सीमा के साथ योगदान का आंकलन करता है।

अब तक क्या हुआ- ईपीएफओ की ओर से जारी नियमों के मुताबिक, मौजूदा नियमों के तहत अंतिम सैलरी के आधार पर मासिक पेंशन देता है और इसने पेंशन कैलकुलेशन के लिए 15,000 रुपये मासिक की बेसिक सैलरी लिमिट तय कर रखी है।

ये भी पढ़ें- भोपाल: चुनाव ड्यूटी पर तैनात दो कर्मचारियों की मृत्यु

ईपीएफओ, ईपीएफओ पोर्टल, ईपीएफओ केवाईसी, ईपीएफओ खबर, ईपीएफओ पेंशन, पीएफ पेंशन, पीएफ कैसे निकाले, पीएफ कस्टमर केयर नंबर, पीएफ पेंशन 2019

>> केरल हाईकोर्ट ने ईपीएफओ को पेंशन कैलकुलेट करने के लिए सैलरी की इसी 15 हजार की सीमा को खत्म करने और कर्मचारी की पूरी सैलरी के आधार पर पेंशन भुगतान करने का निर्देश दिया था।

अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी-केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी पूरी कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईपीएफओ का कहना है कि ईपीएस में मासिक योगदान कम है।

ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में 1 बजे तक 31.29% वोटिंग

> ऐसे में ईपीएफओ पर बोझ बढ़ जाएगा। नकदी की किल्लत के कारण ही ईपीएफओ को पहले ही न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये करने की योजना को स्थगित करना पड़ा था।

क्या है पेंशन का फॉर्मूला

> सर्विस के साल+ 2/70*आखिरी सैलरी

>> कोर्ट से आदेश से पहले - 18 साल (1996-2014)+ 1.1 रिटेंशन बोनस/70*6500 रुपए=1773 + 15

>> साल (2014-2029)+0.9/70*15000=3407.14 (कुल 5180 रुपए प्रति महीना)

>> कोर्ट के आदेश के बाद- 33+2/70*50000 रुपए (अगर अंतिम सैलरी है)=25000 रुपए प्रति महीना (यह अभी तय नहीं कि इसकी गणना किस आधार पर होगी।)

ये भी पढ़ें- आजमगढ़ में चल रहा है राग दरबारी, गाते बजाते हो रहे चुनावी हमले

क्या है मामला- सितंबर 2014 में ईपीएफओ ने नियम में बदलाव किया है।

>> मौजूदा समय में अधिकतम 15 हजार रुपये का 8.33% योगदान को मंजूरी मिल गई। हालांकि, इसके साथ यह नियम भी लाया गया कि अगर कोई कर्मचारी फुल सैलरी पर पेंशन लेना चाहता है तो उसकी पेंशन वाली सैलरी पिछली पांच साल की सैलरी के हिसाब से तय होगी।

>> इससे पहले तक यह पिछले साल की औसत आय सैलरी पर तय हो रहा था। इससे कई कर्मचारियों की सैलरी कम हो गई।

>> इस नए नियम के बाद कई कर्मचारियों ने कोर्ट में याचिक दायर की।

>> इस पर केरल हाईकोर्ट ने 1 सितंबर 2014 को हुए बदलाव को रद्द करके पुराना सिस्टम चालू कर दिया।

>> इसके बाद पेंशन वाली सैलरी पिछले साल की औसत सैलरी पर तय होने लगी।

>> साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ से कहा कि इसका फायदा उन लोगों को भी दिया जाए जो पहले से फुल सैलरी के बेस पर पेंशन स्कीम में योगदान दे रहे थे। इस फैसले से कई कर्मचारियों को फायदा हुआ।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story