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Turmeric Farming: इस हल्दी की करें खेती, किसानों को यूं होगा मोटा मुनाफा, दाम सुनकर उड़ जाएंगे होश

Black Turmeric Farming: काली हल्की का उपयोग आयुर्वेद, होम्योपैथ और कई जरूरी ड्रग बनाने के लिए किया जाता है। कोरोना महामारी आने के बाद से इसकी मांग बाजार में काफी बढ़ गई है, क्योंकि यह शरीर में इम्यूनिटी बूस्टर का काम करती है। काली हल्दी मार्केट में 500 से लेकर 4000 रुपये किलो तक बिकती है।

Viren Singh
Published on: 7 Aug 2023 8:07 AM GMT
Turmeric Farming: इस हल्दी की करें खेती, किसानों को यूं होगा मोटा मुनाफा, दाम सुनकर उड़ जाएंगे होश
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Black Turmeric Farming (सोशल मीडिया)

Black Turmeric Farming: यदि आप किसान हैं और खेती में कमाई कम होने की वहज से परेशान हैं तो चिंता मत करें बल्कि अब से काली हल्की खेती करना शुरू करें। यकीन मानिये कभी आपको पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ेगा। यह एक ऐसी खेती है, जो किसान को एक ही सीजन में मालामाल बना देती है। दरअसल, यह एक औधषीय गुणों से भरी फसल होती है और बाजार में इससे बनाने वाले प्रोडक्ट्स की महंगे दाम में बिकते हैं। इस वजह से बाजार में काली हल्दी की मांग महेशा रहती है और किसानों को फसल के अच्छा दाम भी मिलते है। इतना ही नहीं, सरकार भी किसान को इसकी खेती करन के लिए प्रोत्साहित करने के लए अनुदान मुहैया करवाती है।

जानें क्या है काली हल्की?

किसान भाई काली हल्दी की खेती करने से पहले यह जाने लें कि आखिर काली हल्दी खेती क्या होती है? वानस्पतिक भाषा में काली हल्दी की खेती को करक्यूमा केसिया कहते हैं। इसको अंग्रेजी में ब्लैक जेडोरी कहा जाता है। इसका कंद या राईजोम बेलनाकार गहरे रंग के सूखने पर ठोस क्रिस्टर बनाता है। इसका पौधा तना और शाकीय 30 से 60 सेमी ऊंचा होता है। आइये जानते हैं कि कैसे करें काली हल्की की खेती की और किसान इससे कितना मुनाफा कमा सकते हैं?

किसान भाई कैसे करें काली हल्दी की खेती?

यदि कोई किसान काली हल्दी की खेती करना चाहता है तो वह जून माह में कर सकता है। इसकी मिट्टी भुरभुरी दोमट होनी चाहिए। इसकी फसल के लिए अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती है। इसमें कीट नहीं लगते हैं। काली हल्दी की खेती के लिए खेत ऐसा तैयार करें जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो। अगर हेक्टेयर में आप इसकी खेती करना चाह रहे हैं तो 2 क्विंटल बीज की जरूरत होती है। अधिक पैदावारी के लिए खेत में गोबर की खाद का उपयोग करना चाहिए। फसल रोपाई के बाद ढाई सौ दिन बाद यह तैयार हो जाती है। कन्दों की खुदाई जनवरी- मार्च में होती है।

कोविड के बाद बढ़ी काली हल्की की मांग

काली हल्की का उपयोग आयुर्वेद, होम्योपैथ और कई जरूरी ड्रग बनाने के लिए किया जाता है। कोरोना महामारी आने के बाद से इसकी मांग बाजार में काफी बढ़ गई है, क्योंकि यह शरीर में इम्यूनिटी बूस्टर का काम करती है। बाजार में पीली हल्दी जहां 60 से 100 रुपये किलो बिकती है, जबकि काली हल्दी 500 से लेकर 4000 रुपये किलो तक बिकती है।

काली हल्दी से कमाई

आइये जानते हैं कि इसकी खेती से कितनी कमाई होती है। बाजार में जैसे कि ऊपर बताया है कि काली हल्की की खेती 500 से 4000 रुपये किलो तक बिकती है। तो किसान भाई एक एकड़ में आराम से कच्ची हल्दी से12-15 क्विंटल प्राप्त कर लेता है, जोकि सूखने के बाद का उत्पादन है। वैसे तो यह खेत से 50 से 60 क्विंटल पैदा होती है। यदि आप 500 रुपये के हिसाब से बाजार में इसकी बिक्री करते हैं किसान भाई आराम से 7.5 लाख रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं। अगर यह 4 हजार रुपये किलो बिक गई तो मुनाफा लाखों में पहुंच सकता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में काली हल्की 5000 रुपये तक बिकती है।

Viren Singh

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