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Business Ideas: कमाई नहीं हो रही तो लगाएं यह यूनिट, लाखों करोड़ों में खेलेंगे आप, करें ये बिजनेस
Business Ideas: बाजरा क्लीनिंग यूनिट पर अपनी एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है। इसमें यूनिट लगाने का खर्च 24.83 लाख रुपये बताया गया है। हालांकि इसमें 2.48 लाख रुपये ही अपने पास से खर्चा करना होगा।
Business Ideas: खेती किसानी में व्यापक कमाई की संभावनाएं बनी रहती हैं। बस इसको सही प्लानिंग के साथ किया जाए तो। अब केंद्र व राज्य सरकारें भी खेती किसानी करने लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही हैं। इस नतीजा यह निकलकर आया है कि अब खेती में भी लोग अधिक फोकस कर रहे हैं और इससे सालाना या फिर महीना में शानदार कमाई कर रहे हैं। ऐसे में कृषि व्यापार लोगों को लिए फायदा का विषय है। वहीं, केंद्र सरकार भी मोटे अनाजों के निर्यात पर ध्यान देना शुरू कर दिया है, जो कि यह लोगों के व्यापार का बड़ा साधन उपलब्ध होने वाला है।
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बाजरा के व्यापार में आजमाएं हाथ
अगर आप कृषि से जुड़ा कोई व्यापार करने की सोच रहे हैं और समझ नहीं आ रहा है कि किसी व्यापार में हाथ आजमाया जाए तो हम आपको बताएं कि इस वक्त बाजार की मांग के हिसाब से कौन सा व्यापार सही रहेगा। जैसा कि आपको ऊपर बताया कि सरकार ने मोटे अनाजों के निर्यात पर फोकस है तो इससे जुड़ा कोई भी व्यापार आने वाले समय में तगड़ी कमाई की साधना बन सकता है। बाजरा की फसल मोटे अनाज में आती है। चाहें तो बाजरा कलीनिंग यूनिट का व्यापार कर सकते हैं। इसमें राहत की बात यह है कि यूनिट लगाने में मात्र 2.48 लाख रुपये अपने पास से लगने होंगे। बाकी का लोन ले सकते हैं या फिर सरकारी सहायता ले सकते हैं।
बाजरा क्लीनिंग यूनिट प्रोजेक्ट की कीमत
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने बाजरा क्लीनिंग यूनिट पर अपनी एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है। इसमें यूनिट लगाने का खर्च 24.83 लाख रुपये बताया गया है। हालांकि इसमें 2.48 लाख रुपये ही अपने पास से खर्चा करना होगा। बाकी का 15.85 लाख रुपये लोन मिल जाएगा। इसमें वर्किंग कैपिटल में 6.5 लाख रुपए का खर्चा आएगा। चाहें तो इसमें भी लोन ले सकते हैं।
कुछ महीनें शुरू हो जाता है व्यापार
रिपोर्ट के मुताबिक, इसको शुरू करने में 5 से 6 महीना का समय लगता है। अगर इसके खर्चे पर नजर डालतें तो प्लांट और मशीनरी के लिए 16 लाख रुपये की जरूरत पड़ती है। मिसलेनियस एसेट्स और फर्नीचर एंड फिक्सचर्स के लिए 50-50 हजार रुपए की जरूरत होती है।
इस वजह से रहती हर वर्ष मांग
बाजार में वैसे तो बाजरे की मांग हर समय होती है, लेकिन सर्दियों के सीजन में मांग और अधिक बढ़ जाती है। क्योंकि लोग सर्दी में बाजरे की रोटियां खाना ज्याद पंसद करते हैं। इसके अलावा बाजार में पॉपकॉर्न और पफ्ड स्नैक्स भी बिकता है। बाजरे का आटा बाजार में गेंहूं के आटे की तुलना में मांगा बिकता है। इन सबको देखते हुए बाजरे का व्यापार में ज्यादा प्रॉफिट होता है। वहीं, केंद्र सरकार ने बाजरा उत्पाद प्रोत्साहन पर साल 2026-27 में 800 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है।
सारे खर्च के बाद होगी सालाना लाखों की कमाई
KVIC रिपोर्ट कहती है कि बाजरा क्लीनिंग यूनिट व्यापार से अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। 100 फीसदी काम पर सालाना लाखों रुपये की कमाई की जा सकती है। इसमें सारे खर्च निकाल देने के बाद सालान 5.34 लाख रुपए की लाभ मिल सकता है।