TRENDING TAGS :
सरकार का बड़ा बदलाव: धनतेरस पर सोना खरीदने से पहले जान लें ये नियम
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को सूचित करने के बाद इसे लागू किया जा सकता है। वहीं, केंद्र सरकार ने कहा था कि नया नियम 2-3 महीने में लागू हो सकता है। दरअसल नए नियमों को लेकर पहले डब्ल्यूटीओ को सूचित करना होता है।
नई दिल्ली: आज धनतेरस है और इस अवसर पर सोना खरीदना काफी शुभ होता है। ऐसे में अगर आज आप भी सोना खरीदने के लिए मार्केट जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है। सोना खरीदने से पहले ये खबर जरूर पढ़ लीजिएगा। दरअसल एक अक्टूबर से सरकार ने गोल्ड ज्वैलरी को लेकर कुछ नियमों के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
यह भी पढ़ें: यहां बहुमत से दूर BJP ऐसे बनाएगी सरकार, जानिए पूरा प्लान
ऐसे में सोना खरीदने से पहले एक बार इन नियमों पर प्रस्तावों पर नजर जरूर डालें। वैसे जिन नियमों और प्रस्तावों पर सरकार की मुहर लगी है, उसका असर देश के ज्वेलरी सेक्टर पर भी होगा। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने अक्टूबर के शुरुआत में ही बताया था कि वाणिज्य मंत्रालय ने सोने की ज्वेलरी के लिए बीआईएस हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने के प्रस्ताव को मंजूर किया गया है।
यह भी पढ़ें: …तो क्या इनकी वजह से बिगड़ी दो राज्यों की चुनावी गणित
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को सूचित करने के बाद इसे लागू किया जा सकता है। वहीं, केंद्र सरकार ने कहा था कि नया नियम 2-3 महीने में लागू हो सकता है। दरअसल नए नियमों को लेकर पहले डब्ल्यूटीओ को सूचित करना होता है। डब्ल्यूटीओ को सूचित करने के बाद ही किसी देश में कोई नया नियम लागू हो सकता है।
नए नियम से गराहकों को होगा सीधा फायदा
देश में गोल्ड ज्वेलरी में सोने की गुणवत्ता को लेकर कोई कसावट नहीं है। ऐसे में अनजान ग्राहकों को कई मौकों पर 22 कैरेट की बजाय 21 या अन्य अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों से कम कैरेट का सोना बेच दिया जाता है, जबकि दाम उनसे अच्छी गुणवत्ता वाले सोने के वसूले जाते हैं। हॉलमार्किंग के सही ना होने की स्थिति में उन्हें पहले चरण में नोटिस जारी किया जाएगा।
क्या कहते हैं नए नियम?
- नए नियम के अनुसार, सोना बेचने से पहले सभी ज्वैलर्स को हॉलमार्किंग लेना अनिवार्य होगा। अगर डब्ल्यूटीओ की मंजूरी मिल जाती है तो यह नियम अनिवार्य हो जाएगा, जबकि अभी यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है।
- मौजूदा नियमों में हॉलमार्किंग केंद्र खोलने के लिए ज्वेलर्स को 10,000 रुपये का शुल्क देना होगा। यह केंद्र हरेक ज्वैलरी पर 35 रुपये का शुल्क लेता है।
- हॉलमार्किंग से ज्वेलरी में सोने कितना लगा है और अन्य मेटल कितने है इसके अनुपात का सटीक निर्धारण एवं आधिकारिक रिकार्ड होता है।
- नए नियमों के तहत अब सोने की ज्वेलरी की हॉलमार्किंग होना अनिवार्य होगा। इसके लिए ज्वैलर्स को लाइसेंस लेना होगा।
- सोने के गहनों की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के प्रस्ताव को वाणिज्य मंत्रालय द्वारा मंजूरी मिल चुकी है।
- गोल्ड ज्वेलरी पर ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) द्वारा हॉलमार्क का निशान होता है, जिससे ये पता चलता है कि सोना कितना शुद्ध है।