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बैंक में नया कानून: खाताधारकों के पैसों पर पड़ेगा सीधा असर, जानें कैसे

वित्त मंत्री ने इस विधेयक को पेश किया। यह जून में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा। उसी तरह अब सहकारी बैंकों पर भी आरबीआई की नजर रखेगा।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 15 Sep 2020 4:27 AM GMT
बैंक में नया कानून: खाताधारकों के पैसों पर पड़ेगा सीधा असर, जानें कैसे
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वित्त मंत्री ने इस विधेयक को पेश किया। यह जून में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा। उसी तरह अब सहकारी बैंकों पर भी आरबीआई की नजर रखेगा।

नई दिल्ली: आरबीआई जिस तरह सरकारी और प्राइवेट बैंक को रेगुलेट करता है। अब सरकार ने सहकारी बैंकों को आरबीआई के दायरे में लाने के लिए बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट में संशोधन से संबंधित विधेयक को लोकसभा में पेश किया। इसका मकसद जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना है। वित्त मंत्री ने इस विधेयक को पेश किया। यह जून में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा। उसी तरह अब सहकारी बैंकों पर भी आरबीआई की नजर रखेगा।

जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा

जानकारों का कहना है कि ये फैसला ग्राहकों के लिए फायदेमंद है क्योंकि अगर अब कोई बैंक डिफॉल्ट करता है तो बैंक में जमा 5 लाख रुपये तक की राशि पूरी तरह से सुरक्षित है। वित्त मंत्री ने एक फरवरी 2020 को पेश किए बजट में इसे 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। अगर कोई बैंक दिवालिया हो जाता है तो उसके जमाकर्ताओं को अधिकतम 5 लाख रुपये ही मिलेंगे, चाहे उनके खाते में कितनी भी रकम हो।

बता दें देश में 1482 शहरी सहकारी बैंक और 58 मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव बैंक हैं। कुल मिलाकर सभी 1540 सहकारी बैंक आरबीआई के सीधे रेगुलेशन में आ गए हैं। आरबीआई की सब्सिडियरी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के अनुसार, बीमा का मतलब है कि जमा राशि कितनी भी हो ग्राहकों को 5 लाख रुपये मिलेंगे।

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bank file सोशल मीडिया से फोटो

अब क्या होगा ग्राहकों पर असर

डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन( DICGC )एक्ट, 1961 की धारा 16 (1) के तहत, अगर कोई बैंक डूब जाता है या दिवालिया हो जाता है, तो प्रत्येक जमाकर्ता को भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है। उसकी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का बीमा होता है। यही नहीं, अगर आपके किसी एक बैंक में एक से अधिक अकाउंट और FD हैं तो भी बैंक के डूब जाने के बाद आपको एक लाख रुपये ही मिलने की गारंटी है। यह रकम किस तरह मिलेगी, यह गाइडलाइंस (DICGC) तय करता है।

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पैसा सुरक्षित का संदेश

इस फैसले से जनता में यह संदेश जाएगा कि उनका पैसा सुरक्षित है। रिज़र्व बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि को-ऑपरेटिव बैंकों का पैसा किस क्षेत्र के लिए आवंटित किया जाना चाहिए।इन नियमों से देश की मौद्रिक नीति को सफल बनाने में आसानी होगी। साथ ही, इन बैंकों को भी अपनी कुछ पूंजी आरबीआई के पास रखनी होगी। ऐसे में इनके डूबने की आशंका कम होगी और बैंकों की वित्तीय हालात सुधरेंगे और ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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