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नए स्टार्टअपः जिन्होंने कोरोना काल में मुश्किलें की आसान, बजाया अपना डंका
संकट आता है तो उससे उबरने के नए उपाय भी याद आते हैं। कोरोना काल में इन्ही आईडियाज ने नए स्टार्टअप को शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया।
जब एक रास्ता बंद होता है, तो दूसरे कई रास्तों की तलाश शुरू होती है...
ये वाक्य साल 2020 के लिए सटीक बैठता है। भले ही इस साल को लोगों ने एक बुरी याद की तरह लिया। कोरोना काल शुरू हुआ तो लॉकडाउन लगा। कार्यालय बंद हुए, उद्योग और कामकाज ठप हुए। मंदी का दौर शुरू हुआ और हजारों-लाखों लोग बेरोजगार हो गए। ऑफिसों में छटनी हुई, जो कर्मचारी बच गए, उनमे से ज्यादातर को वेतन कटौती का सामना करना पड़ा। समस्याएं काफी रहीं, जिन्हें भारत में हर किसी ने महसूस किया लेकिन इन सब के बीच बुलंद हौसले और सरकार के प्रोत्साहन ने लोगों को कुछ नया करने की चाह भी दी।
कोरोना काल में शुरु हुए ये नए स्टार्ट अपः
भारत में लॉकडाउन के बाद बेरोजगारी की कगार पर आये लोगों के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने स्टार्ट अप इंडिया प्रोग्राम की शुरूआत की, तो जैसे डूबते को सहारा मिल गया। इसके तहत नए आइडिया पर बिजनेस शुरू करने वाले युवाओं प्रोत्साहन दिया गया।
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दरअसल, स्टार्ट अप इंडिया प्रोग्राम के तहत नए आइडिया पर बिजनेस शुरू करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहन मिला। युवाओं ने कई नए स्टार्ट अप की शुरुआत की। जिन्होंने न केवल उन्हें रोजगार दिया, बल्कि कई अन्य लोगों को भी सहारा दिया।
हल्दी विटा उत्पाद का स्टार्ट अप:
आईआईएम काशीपुर ने जुलाई में एक ऐसे नए स्टार्ट अप की शुरुआत की, जिसके तहत उत्तराखण्ड़ में उगाई जाने वाली पहाड़ी हल्दी से उत्पाद को बढ़ावा दिया गया। ये हल्दी बदरीनाथ के पहाड़ों पर मिलती हैं इसके जरिए हल्दी विटा उत्पाद बनाया गया। साधारण हल्दी से अलग ये एक प्रकार की सुवर्ण हल्दी होती है, जिसे 16 से 18 महीनों में तैयार किया जाता है।
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मेड इन इंडिया को बढ़ावा
कोरोना काल के दौरान भारत चीन तनाव एक बड़ा मुद्दा बना। ऐसे में भारत ने मेड इन इंडिया पर काफी फोकस किया। इसे भले ही स्टार्ट अप न कहा जाये लेकिन डीआरडीओ ने स्वदेशी हथियारों, मिसाइलों और तोपों को विकसित करना शुरू किया। इजराइली बंदूक का अल्टरनेट भारत मे तैयार हुआ। जो इतना हल्का हथियार हैं जिसे सेना के जवाब आसानी से एक हाथ मे लेकर फायरिंग कर सकते हैं। रक्षा क्षेत्र में भारत निर्मित उत्पातों को विकसित करना देश के लिए बड़ी उपलब्धि बनी।
21 यूनिकॉर्न स्टार्ट अप
भारत में एक अरब डॉलर से ज्यादा मूल्य वाले यूनिकॉर्न स्तर के करीब 21 स्टार्टअप्स हैं। भारत की इन 21 यूनिकॉर्न स्तर की कंपनियों का कुल मूल्य 73.2 अरब डॉलर है। सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न कम्पनियां बेंगलुरु में हैं। इसके अलावा विदेशों में भी 40 ऐसी यूनिकॉर्न कम्पनियां है, जिनके फाउंडर भारतीय मूल के विदेशी नागरिक हैं। यूनिकॉर्न ऐसी स्टार्टअप कंपनियों को कहा जाता है जिनका मूल्यांकन एक अरब डॉलर या उससे अधिक होता है।
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ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर
नवंबर में देश की बड़ी कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ओला ने इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करने का एलान किया। ओला देश में मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की कोशिश में हैं। इसके लिए कई राज्य सरकारों से बात की जा रही है। इसके जरिये लोगों को हीरो इलेक्ट्रिक, बजाज ऑटो, ओकीनावा समेत अन्य कंपनियों के अलावा ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर का भी विल्कप मिलेगा। ओला ने तीन साल में 10 लाख इलेक्ट्रिक स्कूटरों को सड़कों पर उतारने की योजना बनाई है।
डेयरी इन्वेस्टमेंट-
डेयरी टेक स्टार्टअप Country Delight ने Grocery Delivery के क्षेत्र में उपस्थिति दर्ज कराने की दिशा में काम शुरू किया। इसके लिए 25 मिलियन डॉलर का निवेश किया गया। इस इंवेस्टमेंट का इस्तेमाल स्टार्ट अप आगामी 6-9 महीनों में फलों, सब्जियों, कोल्ड-प्रेस्ड खाद्य तेलों, गेहूं, दालें, मसाले, अचार, और जाम जैसे खाद्य पदार्थों को लॉन्च करने के लिए करेगा। ये कम्पनी दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, पुणे और मुंबई में चल रही हैं।
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डॉक्टर ऑन कॉल
कोरोना महामारी से निपटने के लिए लोगों ने प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा और घरों से निकलना बंद किया तो कई जरुरी सुविधाएँ उन्हें ऑनलाइन और ऑन कॉल मिलना शुरू हुईं। इसी कड़ी में स्वास्थ्य क्षेत्र में शुरू हुआ नया स्टार्ट अप- 'डॉक्टर ऑन कॉल'। इसके तहत महानगरों के साथ-साथ छोटे शहर और कस्बों में भी डिजिटल फर्स्ट हेल्थ केयर डिलीवरी कंपनी खोलने का फैसला लिया गया।
इसके अलावा लोगों ने कमाई के कई अन्य जरिये भी खोज निकाले। ये किसी तरह का कोई नया स्टार्ट अप नहीं था लेकिन लोगों के जीवन का टर्निंग पॉइंट बना। इसके तहत लोगों ने वो काम किये जो शायद ही कभी सोचे हों।
ऑनलाइन ट्यूशन:
कम समय में बिना पूंजी किये जाने वाले इस काम के जरिये लोगों ने संकट काल में कमाई का जरिया खोज निकाला। जब स्कूल बंद थे और बच्चों को क्लास और ट्यूशन की जरूरत महसूस हुई तो ऑनलाइन लर्निंग में स्कोप काफी बढ़ा। टीचर्स ने ऑनलाइन क्लास देने के साथ ही यूट्यूब का इस्तेमाल भी किया। इसके जरिये उन्होंने खुद की पहचान तो बनाई ही, क्लास और ऑनलाइन वीडियो से भी कमाई का जरिया तलाशा।
यू ट्यूब चैनल
लोगों ने यू ट्यूब चैनेल के जरिये अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर कमाई का डिजिटल तरीका अपना लिया। संगीत, कॉमेडी, कुकरी, शेरो शायरी, मोटिवेशनल स्पीच के जरिये उन्होंने खुद की पहचान बनाई, मशहूर होने के साथ कमाई भी की।
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