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2020 में इतना बदला अपना देश, लोगों को मिला ये नया अनुभव

2020 के कोरोना साल में बच्चे पूरी तरह घर बैठ गये और ऑनलाइन कक्षाएं ही चलीं। पूरी दुनिया में यही ट्रेंड रहा। भारत के लिए ये नया अनुभव था, टीचर और बच्चों दोनों के लिए।

Newstrack
Published on: 27 Dec 2020 2:09 PM IST
2020 में इतना बदला अपना देश, लोगों को मिला ये नया अनुभव
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2020 में इतना बदला अपना देश, लोगों को मिला ये नया अनुभव (PC: social media)

लखनऊ: 2020 में बहुत सी ऐसी चीजें हुईं जिनकी लोगों ने कल्पना नहीं की थी। वर्क फ्रॉम होम, मास्किंग, दूरियां, टीवी पर पुराने शो, घर के काम खुद करना, ऑनलाइन पढ़ाई वगैरह कई चीजें लोगों की जिन्दगी में घर कर गयीं जो अब लाइफ स्टाइल का स्थाई हिस्सा बन गयीं हैं।

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ऑनलाइन पढ़ाई

2020 के कोरोना साल में बच्चे पूरी तरह घर बैठ गये और ऑनलाइन कक्षाएं ही चलीं। पूरी दुनिया में यही ट्रेंड रहा। भारत के लिए ये नया अनुभव था, टीचर और बच्चों दोनों के लिए। ऑनलाइन पढ़ाई, परीक्षा का सिलसिला जारी है और संभवतः ये किसी न किसी रूप में स्थाई हो जाएगा।

वर्क फ्रॉम होम

लॉकडाउन के साथ साथ वर्क फ्रॉम होम शुरू हो गया। पहले कुछ ही इंडस्ट्री में ऐसा किया जाता था लेकिन अब ये सब जगह लागू हो गया। लोगों को रोजाना के ट्रैफिक, सुबह की भागमभाग, आदि से छुटकारा मिल गया। नियोक्ताओं को आफिस के बड़े खर्चे से मुक्ति मिल गयी। अब वर्क फ्रॉम होम एक स्थाई फीचर हो गया है, भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में। अब वर्क फ्रॉम होम भारत में एक स्थापित संस्कृति बन गया है।

मास्किंग

2020 के शुरू में जब लोगों को मास्क पहनने को कहा गया तो लोग बड़े अनमने ढंग से उसे लगा रहे थे लेकिन अब मास्क एक अभिन्न अंग बन चुका है। समाज के हर तबके के लोग अब मास्क लागाने लगे हैं। हालाँकि बहुत से नासमझ लोग मास्क लगाने में अपनी हेठी समझते हैं फिर भी समझदार लोग मास्क की जरूरत को आत्मसात कर चुके हैं। अब तो हर आयोजन के हिसाब से आपकी ड्रेस से मैच करते मास्क बाजार में उपलब्ध हैं। शादी-विवाह के लिए डिजाइनर मास्क आ गये हैं।

बदल गया एंटरटेनमेंट

लॉकडाउन के दौरान लोगों के मनोरंजन के माध्यम भी बदल गये। सिनेमाघर, बार, पार्क, मॉल बंद हो गये तो लोग घरों पर ही टीवी के आगे बैठ गये। दूरदर्शन ने रामायण, महाभारत, श्रीकृष्णा आदि पुराने धारावाहिक शुरू किये तो वह काफी हिट हुए। जब शूटिंग बंद होने से विभिन्न सीरियल के नये एपिसोड नहीं आये तो लोग वेब सीरीज देखकर समय बिताने लगे। यही नहीं, अब तो बड़े पर्दे की फिल्में भी ओटीटी पर रिलीज होने लगीं हैं।

अपना हाथ जगन्नाथ

लॉकडाउन के दौरान लोगों के घरों में नौकर चाकर आना बंद हो गए तो अपने हाथ से सब काम करने की मजबूरी हो गयी। लोग घरों के काम खुद ही करने लगे और बहुतों के यहाँ ये स्थाई हिस्सा हो गया। ऐसे में डिश वॉशर, वैक्यूम क्लीनर आदि आवश्यक उपकरण बन गए हैं।

ऑनलाइन शॉपिंग

लॉक डाउन के चलते ऑनलाइन शॉपिंग मॉल या सामान्य दुकानों से खरीदारी की जगह ले चुकी है। अब तो छोटे छोटे दुकानदार भी होम डिलिवरी सुविधा शुरू कर चुके हैं। ऑनलाइन शॉपिंग बढ़ने के साथ डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र ने भी बहुत ऊंची छलांग लगाई। अब ये इतना आगे बढ़ चला है कि यदि सरकारें तेजी से प्रयास करतीं तो भी अब तक की स्थिति में पहुँचने में दो-तीन साल लग जाते।

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हाथ धोना सीखा

2020 में बहुत से लोगों ने साफ़ सफाई, ख़ास तौर पर हाथ धोना भी सीख लिया। बेसिक हाइजीन के तत्व सिखाने में जहाँ सरकारों को दशकों लग गए और बेशुमार फंड खर्च करना पड़ा वहीं कोरोना के कारण चंद महीनों में लोग हाथ धोना सीख गये। 2020 की ये बड़ी उपलब्धि मानी जायेगी।

नई शब्दावली

2020 में हमारी जिन्दगी में कई नए शब्द जुड़ गए जिनसे पहले लोग अनजान थे।

- लॉकडाउन

- क्वारंटाइन

- आइसोलेशन

- वायरल लोड

- सोशल डिसटेंसिंग

- मास्किंग

- सैनिटाईजेशन

- नाईट कर्फ्यू

- फेस शील्ड

- हैण्ड वाशिंग

- न्यू नार्मल

- वैक्सीन

- ज़ूम मीटिंग

- आरोग्य सेतु

- फ्रंटलाइन वर्कर

- पीपीई किट

- अनलॉक

रिपोर्ट- नीलमणि लाल

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