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कहीं बुरा तो कहीं ऐसा रहा ये साल, कोरोना से राम मंदिर तक दिखा बहुत कुछ

2020 पूरी दुनिया के लिए कोरोना का वर्ष रहा। भारत की चिंता एक विशाल आबादी और लचर स्वास्थ्य सेवाओं के चलते बहुत बड़ी थी। देश में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए अभूतपूर्व लॉकडाउन लगाया गया।

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Published on: 27 Dec 2020 1:07 PM IST
कहीं बुरा तो कहीं ऐसा रहा ये साल, कोरोना से राम मंदिर तक दिखा बहुत कुछ
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कहीं बुरा तो कहीं ऐसा रहा ये साल, कोरोना से राम मंदिर तक दिखा बहुत कुछ ( PC: social media)

लखनऊ: 2020 को इतिहास का सबसे खराब साल कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। इस साल में दुनिया ने कोरोना का भयंकर कहर, प्रदर्शन, बवाल, दंगे समेत कई घटनाएं देखीं। आइए जानते हैं देश विदेश में 2020 में घटी कुछ बड़ी घटनाओं के बारे में। भारत के लिए लगभग पूरा साल कोरोना वायरस और उससे उपजी चुनौतियों का वर्ष रहा। 2020 के चंद महीने गुजरने के बाद ही महामारी ने देश में दस्तक दी। वायरस को फैलने से रोकने के लिए अभूतपूर्व लॉकडाउन लगाया गया जिसके चलते आर्थिक गतिविधियों का चक्का जाम हो गया। दूसरी ओर 2020 में ही राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास हुआ, कोरोना के बीच बिहार का चुनाव हुआ, किसानों का आन्दोलन चला और बॉलीवुड को हिला देने वाली घटनाएँ हुईं।

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कोरोना वायरस का कहर और लॉकडाउन

2020 पूरी दुनिया के लिए कोरोना का वर्ष रहा। भारत की चिंता एक विशाल आबादी और लचर स्वास्थ्य सेवाओं के चलते बहुत बड़ी थी। देश में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए अभूतपूर्व लॉकडाउन लगाया गया। ऐसा किसी ने पहले कभी नहीं देखा था। काम धंधे बंद हो गए, प्रवासी मजदूर और कामगार सैकड़ों किलोमीटर चल कर घर पहुंचे। बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए। कोरोना के कहर के बीच तबलीगी जमात का भी जिक्र हुआ। दिल्ली के निज़ामुद्दीन स्थित मरकज़ में मार्च में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हजारों की संख्या में देश और विदेश से लोग शामिल हुए. जब यह बात सामने आई कि बड़ी संख्या में जमाती कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, तो यह एक बड़ा मुद्दा बन गया।

राम मंदिर शिलान्यास

सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता खोल दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2020 में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी। मंदिर निर्माण शुरू हो चुका है।

किसान आंदोलन

देश में पहली बार कृषि क्षेत्र में व्यापक और दूरगामी बदलाव लाने वाले कानून 2020 में बनाये गए। कानून लागू होने के काफी दिनों बाद पंजाब से किसान आन्दोलन की लहर उठी। किसानों ने दिल्ली की सीमा पर डेरा डाल दिया और कानून वापस लेने की मांग पर अड़ गए। विपक्षी दलों ने किसान आन्दोलन को समर्थन और पूरा सहयोग दे दिया। किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हुई, जो बेनतीजा रही है। बहरहाल ये मसला साल के आखिरी दिनों तक जारी रहा।

बिहार विधानसभा चुनाव

2020 में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर खासी गहमागहमी रही। कोरोना के बीच रैलियां हुईं, चुनाव हुए और सफलतापूर्वक निपट भी गए। विपक्ष को सत्ता में आने का भरोसा था, लेकिन एनडीए एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने में कामयाब रहा। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को सीटों का नुकसान जरूर हुआ, लेकिन बीजेपी के सहयोग से वह सीएम की कुर्सी पाने में कामयाब रहे।

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सुशांत सिंह राजपूत की मौत

बॉलीवुड में 2020 में कई मौतें हुईं। सुसाइड की कई घटनाएँ हुईं। इनमें एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने भूचाल ला दिया। सुशांत की मौत ने बॉलीवुड में वंशवाद बनाम बाहरी की लड़ाई को हवा दी। कुछ दिन बाद रिया चक्रवर्ती का नाम उछला। टीवी चैनल इस मामले में लामबंदी करने लगे। सितंबर महीना आते आते कहानी में ड्रग्स एंगल को लेकर जांच शुरू हुई और जांच का दायरा बढ़ता गया। कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। फिलहाल, सुशांत की मौत की जांच सीबीआई कर रही है और अब तक गुत्थी अनसुलझी है।

मध्य प्रदेश में तख्ता पलट

बिहार चुनाव के अलावा राजनीतिक हलचल मध्य प्रदेश में भी हुई। यहाँ ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा खेमे में जा मिले। इसके बाद कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे का सिलसिला शुरू हुआ। अंततः कमलनाथ सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर मध्य प्रदेश की कमान संभाली। कुछ महीने बाद भाजपा ने 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में 19 सीटें जीतकर सत्ता बचा ली जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस मात्र नौ सीटों पर सिमट गई।

शाहीनबाग, दिल्ली दंगा, सीएए

2019 में नागरिकता संशोधन विधेयक संसद की मंजूरी के बाद कानून तो बन गया, लेकिन इसका विरोध 2020 में भी नहीं थमा। दिल्ली के शाहीनबाग में सीएए के खिलाफ लंबे समय तक प्रदर्शन चला। फरवरी में सीएए के विरोध में हिंसा भड़की और दंगों में तब्दील हो गई। दिल्ली में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हुए। कोरोना फैलने के साथ साथ शाहीनबाग का मसला शांत पड़ गया।

भारत-चीन झड़प

2020 भारत के लिए सीमाई तनाव भी ले कर आया। लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनातनी बढ़ी। जून में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए। चीन को भी खासा नुकसान हुआ। उसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए कई दौर की बातचीत के बावजूद कोई ठोस हल नहीं निकल सका है।

निर्भया के दोषियों को फांसी

दिल्ली के निर्भया रेप काण्ड के चार गुनाहगारों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह को आखिरकार सात साल बाद 20 मार्च 2020 को फांसी पर लटकाया गया। निर्भया के एक दोषी राम सिंह ने 2013 में तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी।

अर्थव्यवस्था की बदहाल स्थिति

अर्थव्यवस्था के लिहाज से साल 2020 काफी खराब रहा। अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध और अन्य वैश्विक एवं घरेलू कारकों के चलते सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था पर कोरोना महामारी की गहरी मार पड़ी। रही सही कसर लॉकडाउन ने पूरी कर दी। 2020 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बहरहाल, अनलॉक के तहत आर्थिक गतिविधियों के फिर से चालू होने पर अर्थव्यवस्था की सेहत सुधरी है फिर भी रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2020-21) के लिए जीडीपी में 7.5 फीसदी गिरावट का अनुमान जताया है।

बड़ी अंतरराष्ट्रीय घटनाएं

2020 में हर देश बुरी तरह प्रभावित रहा। किसी ने लॉकडाउन लगाया तो किसी ने अपनी आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया। हर तरफ रहा बस कोरोना ही कोरोना लेकिन बहुत से देश ऐसे भी थे जहां से सत्ताएं बदलने, सरकार विरोधी जनांदोलन और धार्मिक नस्लीय हिंसा की घटनाएँ भी हुईं।

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चीन से निकला कोरोना वायरस

2020 की शुरुआत में ही चीन से निकला कर पूरी दुनिया में कोरोना वायरस छा गया। नवंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में इसका पहला मामला सामने आया था जिसके बाद दिसंबर महीने तक इसने पूरे वुहान समेत चीन के कई हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया। 30 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को लेकर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की। मार्च तक आते आते इटली में कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा चीन से कहीं ज्यादा हो गया। 26 मार्च तक अमेरिका ने चीन और इटली दोनों को पीछे छोड़ते हुए संक्रमितों की सबसे ज्यादा संख्या में पहला स्थान हासिल कर लिया।

लेकिन चीन जहाँ से ये वायरस निकला उसने समय रहते इस पर नियंत्रण कर लिया। यही नहीं चीन ने आर्थिक स्थिति को भी बहुत जल्द कंट्रोल कर लिया।

अमेरिका में अश्‍वेतों का प्रदर्शन

25 मई को अमेरिका में मिनेसोटा स्थित मिनेपोलिस शहर में एक अश्वेत सिक्योरिटी गार्ड जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत हो गयी। इस घटना के बाद से अमेरिका में रंगभेद की बात पर बवाल शुरू हो गया। ‘ब्लैक लाइव मैटर’ का आन्दोलन पूरे पश्चिमी जगत में छा गया लेकिन अमेरिका में चुनाव होने के साथ ये खत्म भी हो गया।

जापान में नए पीएम

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 28 अगस्त को घोषणा की कि स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से वो अपने पद से इस्‍तीफा दे देंगे। 14 सितंबर को मंत्रिमंडल के प्रमुख सचिव योशिहिदे सुगा को जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी का नया नेता चुना गया। इसके बाद जापान की संसद में 16 सितंबर को हुए मतदान में योशिहिदे सुगा को औपचारिक तौर पर नया प्रधानमंत्री चुना गया।

फ्रांस में इस्लामी आतंकवाद

2020 में फ्रांस को इस्लामी कट्टरपंथ से जूझना पड़ा। हुआ ये कि एक सितंबर को फ्रेंच साप्ताहिक मैगजीन ‘शार्ली हेब्दो’ ने ऐलान किया कि वो पैगंबर मोहम्मद के बेहद विवादास्पद कार्टून को फिर से प्रकाशित कर रहा है ताकि हमले के कथित अपराधियों के मुकदमे की शुरुआत हो सके। इसी पत्रिका में 2015 में हुए आतंकी हमले में 12 लोग मारे गए थे। उस कार्टून के फिर से प्रकाशित किए जाने के बाद फ्रांस में कई जगहों पर कट्टरपंथियों ने हिंसा फैलाई। एक टीचर का सर कलम कर दिया गया, तीन और लोगों की ह्त्या कर दी गयी। इसके बाद फ्रेंच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने इस्लामी आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ अभियान छेड़ दिया जो जारी है।

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अमेरिका का चुनाव

कोरोना के बाद 2020 की सबसे बड़ी घटना अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव रहे। प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन के बीच बेहद तीखा मुकाबला हुआ। ट्रंप ने चुनाव को फ्रॉड और धांधली भरा करा दिया है और मुकदमों की बाढ़ ला दी है। ये भी पता चला कि चुनाव में रूस, ईरान और चीन के हैकरों ने भी अक्र्गुजारी दिखाई थी। वैसे जो बिडेन को विजई घोषित किया गया है लेकिन अभी चुनाव का विवाद खत्म नहीं हुआ है। वर्ष 1992 में जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश के बाद ट्रंप ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं जो पुन:निर्वाचन के प्रयास में विफल रहे हैं।

रिपोर्ट- नीलमणि लाल

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