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कंट्रोल में हुआ कोरोना, चीन की अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार

चीन में उपभोक्ताओं का भरोसा वापस आया है और इसका असर अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में दिख रहा है। हालांकि अब भी यह आधिकारियों के पूर्वानुमान की तुलना में कम है।

Newstrack
Published on: 19 Oct 2020 12:50 PM GMT
कंट्रोल में हुआ कोरोना, चीन की अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार
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कंट्रोल में हुआ कोरोना, चीन की अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार (Photo by social media)

लखनऊ: कोरोना से पूरी दुनिया जूझ रही है, अर्थव्यवस्थायें चरमरा रहीं हैं लेकिन चीन में न सिर्फ कोरोना कंट्रोल में है बल्कि अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है। चीन के लोग दुकानों और रेस्तरां में लौटने लगे हैं, सैलानियों ने घूमना शुरू कर दिया है। सितंबर में चीन का इंडस्ट्रियल आउटपुट भी साल दर साल के हिसाब से 6।9 फीसदी बढ़ गया है। कोरोना वायरस से कारण हुई तालाबंदी के बाद पिछले महीने चीन के उपभोक्ताओं की मांग तेजी से बढ़ी है। चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स का कहना है कि कड़े उपायों के जरिए जब चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक लगा दी तो बाद के छह महीनों में अर्थव्यवस्था ने मजबूत वापसी की है।

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उपभोक्ताओं का भरोसा

चीन में उपभोक्ताओं का भरोसा वापस आया है और इसका असर अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में दिख रहा है। हालांकि अब भी यह आधिकारियों के पूर्वानुमान की तुलना में कम है। इसकी वजह एक्सपोर्ट न के बराबर होना, और कई प्रमुख बाजारों पर महामारी का प्रकोप बना रहना है इसलिए जैसी वापसी का अनुमान जताया गया था वैसा नतीजा नहीं निकला है।

आईएमएफ ने की तारीफ

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि इस साल बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में चीन अकेला प्रमुख देश हो सकता है। तीसरी तिमाही में चीन का विकास दर 4।9 फीसदी रही जबकि इससे पहले की तिमाही में यह 3।2 फीसदी था। कुल मिला कर अब यह महामारी से पहले वाले स्तर पर पहुंच गया है। चीन के खुदरा व्यापार में पूर्वानुमानों से ज्यादा 3।3 फीसदी की वृद्धि हुई है और अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रमुख वजह इसी को बताया जा रहा है।

समझदार उपाय

चीन की सरकार ने अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए वायरस से निपटने के उपायों, लाखों लोगों को प्रायोगिक वैक्सीन देने जैसे कदमों को श्रेय दिया है। हालांकि नौकरियों की कमी और वायरस की वापसी को लेकर देश में आशंकाएं बनी हुई हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन ने कठोर लॉकडाउन, भारी संख्या में टेस्ट, आबादी की निगरानी और आर्थिक पैकेजों से सफलता हासिल की है लेकिन देश अभी पूरी तरह से कोरोना के जोखिम से बाहर नहीं है। इसके अलावा और चीन अमेरिका का बढ़ता तनाव भी चीन के निर्यात और उत्पादन निवेश में सेंध लगा सकता है।

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बेरोजगारी घटी

सितंबर में चीन की शहरी बेरोजगारी की दर में 5.4 फीसदी की कमी आई है। अब लोग रियल एस्टेट में निवेश कर रहे हैं और ऐसा इस साल पहली बार हुआ है।

चीन के आंकड़े जारे होने से ग्लोबल शेयर बाजारों पर पॉजिटिव असर हुआ है। जापान के निक्केई इंडेक्स में 225 अंकों यानी करीब एक फीसदी की बढ़त दर्ज की गई, हांगकांग का हांग सेंग 0.9 फीसदी बढ़ा और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.2 फीसदी। भारत और दक्षिण एशिया के दूसरे बाजारों में भी तेजी का रुख देखा गया।

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