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टाटा विवाद: पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने दिया बड़ा बयान
पिछले महीने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री के हटाने को अवैध ठहराया था और उन्हें इस पद पर फिर से बहाल करने का आदेश दिया था।
नई दिल्ली: पिछले महीने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री के हटाने को अवैध ठहराया था और उन्हें इस पद पर फिर से बहाल करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही NCLAT ने एन चंद्रशेखरन को कार्यकारी चेयरमैन बनाने के प्रबंधन के निर्णय को भी अवैध करार दिया था।
अब इस बीच टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि NCLAT द्वारा अपने पक्ष में फैसला आने के बावजूद वह कंपनी के चेयरमैन पद पर दोबारा काबिज नहीं होंगे। साइरस मिस्त्री का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जबकि टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट में एनसीएलएटी के फैसले को चुनौती दी है।
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साइरस मिस्त्री ने कहा कि कंपनी की किसी भी भूमिका में उनकी कोई रुचि नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं एनसीएलटी के फैसले का सम्मान करता हूं, जिसने मामले की व्यापक जांच-पड़ताल के बाद मेरी कंपनी से बर्खास्तगी को अवैध पाया, रतन टाटा और अन्य ट्रस्टियों को दमनकारी और पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का दोषी पाया।
साइरस मिस्त्री ने साफ तौर पर कहा कि एनसीएलएटी का आदेश मेरे पक्ष में आने के बावजूद मैं टाटा संस के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन या टीसीएस, टाटा टेलीसर्विसेज या टाटा इंडस्ट्रीज के निदेशक के पद पर दोबारा काबिज नहीं होऊंगा।
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उन्होंने कहा कि माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स के रूप में अपने अधिकारों की रक्षा और टाटा संस के बोर्ड में एक सीट पाने और टाटा संस में गवर्नेंस और पारदर्शिता के उच्च मानकों को बहाल करने के लिए मैं हर तरह के विकल्प पर विचार करूंगा।
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बता दें कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल (NCLAT) के फैसले के बाद टाटा संस और TCS ने देश के सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। रतन टाटा ने भी उच्चतम न्यायालय में फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दायर की। उन्होंने NCLAT के फैसले को मामले के रिकॉर्ड के प्रतिकूल, गलत और अशुद्ध बताया।