रद्द हो जाएंगे PF से जुड़े ये नियम? जानिए आप पर क्या होगा असर, ये है बड़ी वजह

लॉकडाउन के चलते देश में ज्यादातर छोटे कारोबार पूरी तरह ठप हो गए है या फिर बहुत ही मंदी के साथ चल रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री से PF कानून 1952 की धारा 1 (5) को निलंबित करने की मांग की गई है।

Shreya
Published on: 4 Dec 2020 5:41 AM GMT
रद्द हो जाएंगे PF से जुड़े ये नियम? जानिए आप पर क्या होगा असर, ये है बड़ी वजह
X
रद्द हो जाएंगे PF से जुड़े ये नियम? जानिए आप पर क्या होगा असर, ये है बड़ी वजह

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus) के चलते भारत की अर्थव्यवस्था पर काफी असर हुआ है। कोरोना के चलते कई सेक्टर में मंदी की स्थिति पैदा हो गई है। कारोबारियों को काफी ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना की मंदी का सबसे ज्यादा असर देश के छोटे कारोबारियों पर देखने को मिल रहा है। महामारी के चलते लागू हुए लॉकडाउन की वजह से देश में ज्यादातर छोटे कारोबार पूरी तरह ठप हो गए है या फिर बहुत ही मंदी के साथ चल रहे हैं।

PF कानून को निलंबित रखने का अनुरोध

ऐसे में अपने कारोबार-धंधों को बचाने के लिए व्यापारिक संगठन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) के जरिए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार (Santosh Gangwar) से PF कानून (PF Act) 1952 की धारा 1 (5) को दो साल तक निलंबित रखने का अनुरोध किया है। दो चलिए जानते हैं कि अगर ये कानून निलंबित हो जाते हैं तो कारोबारियों पर इसका असर क्या होगा।

यह भी पढ़ें: Today Gold Rates: फिर चढ़ा सोने का भाव, फटाफट जानिए आज का रेट

EPFO PF Act फोटो- सोशल मीडिया

क्या है PF कानून 1952 की धारा 1 (5)

बता दें कि PF कानून 1952 की धारा 1 (5) के मुताबिक, अगर किसी कारोबारी के यहां 20 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं तो उसे पीएफ विभाग (EPFO) में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है और सभी कर्मचारियों का PF का अंशदान भी जमा कराना होता है। वहीं इस कानून को लेकर फैम के महासचिव वी के बंसल ने कहा कि लगातार बाजार बंदी और इकोनॉमी में आई सुस्ती के चलते छोटे व्यापारी की व्यावसायिक गतिविधियां काफी हद तक सीमित हो गई हैं।

क्यों हो रही निलंबन की मांग

छोटे व्यापारियों के अधिकांश कर्मचारी काम छोड़ कर जा चुके हैं। वहीं भविष्य निधि कानून की धारा 1(5) के प्रावधान के मुताबिक, अगर किसी प्रतिष्ठान में 20 से ज्यादा कर्मचारी होते हैं तो उसे EPFO में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाता है। लेकिन अगर वहां स्टाफ की संख्या 20 से कम भी हो जाए तो वो प्रतिष्ठान PF पंजीकरण को आत्मसमर्पण नहीं कर सकते। क्योंकि आगे चलकर जब कारोबार सामान्य हालात पर आ जाएगा तो कर्मचारी बढ़ने स्वाभाविक बात है।

यह भी पढ़ें: RBI आज करेगा कई बड़े ऐलान, जानिए आप पर क्या होगा असर

दो साल के लिए छूट की मांग

ऐसे में उस कारोबारी को दोबारा EPFO में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसलिए फैम ने श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार से पीएफ कानून 952 की धारा 1 (5) को कम से कम दो साल तक निलंबित करने का अनुरोध किया है। फैम की तरफ से गंगवार को पत्र लिखकर कानून में कम से कम दो साल के लिए छूट की मांग की गई है।

पत्र में कहा गया है कि इस वक्त प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की संख्या 20 से काफी कम है, लेकिन वो पीएफ एक्ट के मुताबिक वह पीएफ के रजिस्ट्रेशन का आत्मसमर्पण नहीं कर सकते। इसलिए इस कानून को दो साल के लिए निलंबित किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगी आग: आज फिर बढ़े दाम, चेक करें अपने शहर का रेट

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shreya

Shreya

Next Story