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7 रु मंहगा पेट्रोल! आतंकी हमले का भारत पर पड़ा बुरा असर
सऊदी अरब के सऊदी अरामको तेल कंपनी पर आतंकियों द्वारा ड्रोन हमला किए जाने के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमतों में सोमवार को 28 साल में सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है। इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 20 फीसदी की तेजी आई है।
नई दिल्ली: सऊदी अरब के सऊदी अरामको तेल कंपनी पर आतंकियों द्वारा ड्रोन हमला किए जाने के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमतों में सोमवार को 28 साल में सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है। इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 20 फीसदी की तेजी आई है। बता दें कि 14 जनवरी, 1991 के बाद एक दिन में कीमतों में सबसे बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है। कच्चा तेल की कीमतों में उछाल होने से भारत पर भारी असर पड़ेगा। जानकारों का मानना है कि इससे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में भारी इजाफा हो सकता है। बताया जा रहा है कि अगले 15 दिनों में पेट्रोल की कीमत में 5 से 7 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो सकता है।
आधा होगा कच्चे तेल का उत्पादन-
बता दें कि शनिवार को सऊदी अरब के राष्ट्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कंपनी के दो संयंत्रों पर ड्रोन से आतंकी हमला किया गया था। कंपनी पर हुए हमले के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की सप्लाई में 5 फीसदी की कमी आने वाली है। हमले के बाद सऊदी अरब की तेल कंपनी ने उत्पादन लगभग आधा कर दिया है। सऊदी अरामको का कहना है कि वो अगले दो दिनों तक उत्पादन कम रखेंगे ताकि कुओं की मरम्मत की जा सके, जहां पर हमला हुआ था।
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28 सालों की सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी-
एक रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को ब्रेंट क्रूड में 19.5 फीसदी उछाल के बाद इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत 71,95 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है जो कि 28 सालों की सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी है। सऊदी अरब दुनिया में कच्चे तेल के मामले में सबसे बड़ा निर्यातक है और इस हमले के बाद कंपनी ने आपूर्ति के रुप में 57 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती की है, जो वैश्विक आपूर्ति का 6 फीसदी है।
केडिया कमोडिटीज के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि, कच्चे तेल की कीमतों में बड़े उछाल का भारत पर भारी असर होगा। सऊदी अरब भारत के कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण स्त्रोत है। भारत के लिए कच्चे तेल और कुकिंग गैस की आपूर्ति के लिए सऊदी अरब दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। ऐसे में हुए हमले के बाद तेल की कीमतों का भारत पर भारी असर पड़ेगा।
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बता दें कि भारत में कुल जरुरतों में 80 फीसदी से अधिक कच्चे तेल और 18 फीसदी नेचुरल गैस का हिस्सा आयात द्वारा ही पूरा किया जाता था।
7 रुपये मंहगा होगा पेट्रोल-
उन्होंने कहा कि, कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है। साथ ही कच्चा तेल महंगा होने के कारण इसका असर रुपये पर भी पड़ेगा और रुपये मे 5 से 8 फीसदी की कमजोरी हो सकती है। इस वजह अगले 10 दिनों में पेट्रोल की कीमत में 7 रुपये का बढ़ावा हो सकता है।
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राजकोषीय घाटे पर पड़ेगा बुरा असर-
तेल की कीमतों में तेजी से इजाफा होने के कारण भारत के तेल आयात बिल के साथ राजकोषीय घाटे पर भी बुरा असर पड़ेगा। बता दें कि भारत ने साल 2018-2019 में कच्चे तेल क आयात के लिए करीब 111.9 अरब डॉलर खर्च किया था। कच्चे तेल की कीमत में प्रति डॉलर के इजाफा से भारत पर सालाना आयात बिल पर करीब 10,700 रुपये का असर होगा।
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