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EPF Rate: सरकार ने दी करोड़ों ईपीएफधारकों को बड़ी राहत, बढ़ा गईं ब्याज दरें; अब PF जमा रकम पर अधिक ब्याज
EPF Rate: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने मंगलवार को अपनी बैठक में 2022-23 के लिए ईपीएफ पर 8.15 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान करने का फैसला किया है।
EPF Rate: देश के करोड़ों पीएफ धारक जैसा सरकार से अपेक्षा कर रहे थे, केंद्र सरकार ने भी कुछ वैसा ही किया है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव की अध्यक्षा में सोमवार को शुरू हुई कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की केंद्रीय न्यासी बोर्ड की 223वीं दो दिवसीय बैठक मंगलवार को खत्म हो गई है। बैठक में पीएफ ब्याज दरों की बढ़ोतरी चर्चा होने की संभावनाएं पहले दिन से लगाईं जा रही थीं, जिसके चलते सभी पीएफ ग्राहकों की निगाहें इस ओर टिकी थीं और आखिर हुआ भी वैसा ही। सेवानिवृत्ति निधि निकाय ईपीएफओ ने मंगलवार को अपनी बैठक में कर्मचारियों की भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज दरों को बढ़ा कर 8.15 प्रतिशत पर ला दिया है,जो कि पीएफ ग्राहकों के लिए राहत का विषय है। वर्तमान में पीएफ पर जमा ब्याज दरें 8.1 फीसदी है।
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ब्याज दर के अलावा इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने मंगलवार को अपनी बैठक में 2022-23 के लिए ईपीएफ पर 8.15 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान करने का फैसला किया है। इस बैठक में ब्याज दरों की बढ़ोतरी के अलावा सेवानिवृत्त कर्मचियों के उच्च पेंशन जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना लगाई गई है।
वित्त वर्ष 2021-22 में थी 8.1 फीसदी ब्याज दर
मार्च 2022 में, ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज घटाकर अपने लगभग पांच करोड़ ग्राहकों के लिए 2020-21 में 8.1 फीसदी कर दिया था,जो कि इसका चार दशक का सबसे निचले स्तर था। उससे पहले पीएफ ब्जाद दर 8.5 फीसदी पर था। साल 1977-78 में देश में पीएफ ब्याज दर 8 फीसदी था। 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर सीबीटी द्वारा मार्च 2021 में तय की गई थी।
सरकार से अनुसमर्थन मिलना बाकी
सीबीटी के फैसले के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर सहमति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजी जाएगी। सरकार के अनुसमर्थन के बाद, 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर ईपीएफओ के पांच करोड़ से अधिक ग्राहकों के खातों में जमा की जाएगी। दरअसल, EPFO सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय के माध्यम से इसकी पुष्टि करने के बाद ही ब्याज दर प्रदान करता है।
जानें बीते 10 सालों की ब्याज दरें
मार्च 2020 में ईपीएफओ ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत के सात साल के निचले स्तर पर घटा दिया था, जो 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत प्रदान किया गया था। 2016-17 में ईपीएफओ अपने ग्राहकों को 8.65 फीसदी ब्याज देता था। वहीं, 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज और 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत ब्याज देता था। इसके अलावा 2013-14 के साथ-साथ 2014-15 में 8.75 फीसदी ब्याज दर था, जो 2012-13 के 8.5 फीसदी से ज्यादा है। 2011-12 में ईपीएफओ अपने ग्राहकों 8.25 फीसदी ब्याज देता था।
जनवरी 2023 में जोड़े 14.86 लाख सदस्य
श्रम और रोजगार मंत्रालय के मुताबिक, ईपीएफओ ने इस साल जनवरी में 14.86 लाख सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं। मंत्रालय ने कहा कि कम से कम 3.54 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर हुए, जो पिछले चार महीनों में "सबसे कम निकास" था। वहीं, 14.86 लाख ग्राहकों में से करीब 7.77 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं। अनंतिम पेरोल डेटा ने यह भी उजागर किया कि लगभग 10.62 लाख सदस्य ईपीएफओ सदस्यता में फिर से शामिल हुए। इसकी के साथ ईपीएफओ में 6 करोड़ से अधिक सक्रिय ग्राहक हैं।
ईपीएफओ करता है यह काम
आपको बता दें कि ईपीएफओ एक सामाजिक सुरक्षा संगठन है, जो देश के संगठित कार्यबल को भविष्य निधि, पेंशन और बीमा निधि के रूप में सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।