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Flower Farming Business: बारिश में इन फूलों की खेती कर पाएं बंफर मुनाफा, बाजार काफी डिमांड

Flower Farming: बारिश के मौमस में किसान कई फूलों की खेती कर सकते हैं। इसमें कनेर, चंपा, गुड़हल, सूरजमुखी व मोगरा है। खास बात यह है कि किसान को इन फूलों की खेती के लिए अधिक लागत नहीं आती है। तो आइये जानते हैं कि इन फूलों के बारे में।

Viren Singh
Published on: 4 July 2023 10:28 PM IST
Flower Farming Business: बारिश में इन फूलों की खेती कर पाएं बंफर मुनाफा, बाजार काफी डिमांड
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Flower Farming Business (सोशल मीडिया)

Flower Farming Business: खेती किसानी में किसानों के पास कई कमाई के कई मौके होते हैं। खरीफ के सीजन के दौरान किसान केवल धान व सब्जियों की खेती कर ही नहीं, बल्कि फूलों की खेती भी करके भी लाभ कमाते हैं। किसान चाहें तो बारिश के मौसम ने कई फूल को खेती कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप किसान हैं और धान सब्जी को छोड़कर अगर फूल की खेती करने के लिए सोच रहे हैं तो यह जान लीजिए कि बरसात में किन फूलों की फसलें उगाई जाती हैं। इसकी कई किस्में की खेती होती है। इसमें कई ऐसी किस्में हैं, जिनकी रोपाई जुलाई व अगस्त महीने की आती है। किसान चाहें तो इन किस्मों की खेती कर धान व अन्य फसलों से अधिक पैसा यहां से कमा सकते हैं,क्योंकि देश में फूल की मांग पूरे सीजन बनी रहती है और यह नगदी फसल है।

बंफर मुनाफा देने वाले फूल की खेती

बारिश के मौमस में किसान कई फूलों की खेती कर सकते हैं। इसमें कनेर, चंपा, गुड़हल, सूरजमुखी व मोगरा है। खास बात यह है कि किसान को इन फूलों की खेती के लिए अधिक लागत नहीं आती है। तो आइये जानते हैं कि इन फूलों के बारे में।

कनेर का फूल

करेन का फूल शिवलिंग में अधिक चढ़ता है। इसकी पैदावार बरसात में काफी होती है। यह फूल देवी देवताओं की पूजा करने में होता है। ऐसी कहावत है कि जिस घर में कनेर का फूल होता है, वह परेशानियां नहीं आती है। किसान इसकी फसल लगाकर अच्छी कमाई कर सकता है।

चंपा का फूल

वैसे तो चंपा का फूल किसी भी मौसम में लगा सकते हैं,लेकिन बरसात का मौसम इस फूल के रामबाण साबित होता है। इसकी रोपाई के कुछ ही दिन बाद इसमें फूल आने लगते हैं। इस फूल में कई सारे आयुर्वेदिक दवाइयां तैयार होती हैं। इससे निकला रस आंख के लिए काफी अच्छा होता है। इससे लिए मार्केट में चंपा की अधिक मांग होती है। किसान चाहें तो चंपा का फूल उगाकर अधिक लाभ कमा सका है।

गुड़हल का फूल

बरसात के मौसम में सबसे अधिक कोई फूल पैदा होता है, तो वह गुड़हल का फूल होता है। इसको जवाकुसुम भी कहते हैं। हालांकि यह फूल पैदा होने में काफी समय लेता है। गुड़हल में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, इस जवह से बाजार में किसी मांग अधिक होती है। साथ ही, इसके फूल पूजा पाठ में भी काम आते हैं। किसान इस फूल का उत्पादन कर अधिक लाभ कमा सकते हैं।

सूरजमुखी का फूल

सूरजमुखी की पंखुड़ियाँ वास्तव में बाँझ फूल हैं, जो सर्पिल तरीके से व्यवस्थित होती हैं। फूल पीला, लाल व नारंगी रंग तक हो सकता है। इसका फूल का उपयोग बाजार में आमतौर पर डिस्क फ्लोरेट्स से बना होता है। जैसे जैसे सूरज चलता है, वैसे वैसे यह फूल उसकी की तरह मुंह करता है। लोगों को कहना है कि युवा सूरजमुखी चतुराई से सूर्य के पूर्व से पश्चिम की ओर जाने का अनुसरण करता है, लेकिन परिपक्व सूरजमुखी पूर्व से पश्चिम की ओर जाने के बजाय स्थायी रूप से पूर्व की ओर मुंह करके चलते हैं। इसके फूल से निकले तेल की डिमांड काफी होती है, जिस वजह से बाजार में किसानों को सूरजमुखी फसल से काफी लाभ मिलता है।

मोगरा का फूल

मोगरा फूल की बाजार में महिलाओं की बीच अधिक मांग होती है। क्योंकि मोगरा फूल काफी खुशनुमा होता है और इसका तेल इत्र के उपयोग में लाया जाता है। यह फूल सफेद रंग का होता है और देखने में काफी आकर्षक लगता है। किसान चाहें तो मोगरा की फूल की खेती कर ठीक-ठीका लाभ कमा सकते हैं।



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Viren Singh

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