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Ajay Banga: चीन का विरोध न रोक सका अजय बांगा को, संभाला वर्ल्ड बैंक प्रेसिडेंट का चार्ज; भारत से किया MBA
Ajay Banga: बंगा 2010 से 2021 तक एक दशक से अधिक समय तक मास्टरकार्ड के सीईओ के रूप में काम किया है। इसके अलावा वे अमेरिकन रेड क्रॉस, क्राफ्ट फूड्स और डॉव इंक में बोर्ड पदों पर भी रहे चुके हैं।
Ajay Banga: जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक भारतीय मूलवंशी एवं मास्टरकार्ड इंक के प्रमुख अजय बांगा को विश्व की सबसे बड़ी संस्था में से एक वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष के रुप में नॉमिनेट किया था, तभी से संभावनाएं प्रबल हो गई थी शादय अजय बांगा ही वर्ल्ड बैंक के अगले अध्यक्ष होंगे। हुआ भी कुछ ऐसा ही, क्योंकि वह इस पद पर एक मात्र दावेदार थे। बांगा की दावेदारी नाखुशी जाहिर कर चीन का भारत के प्रति विरोध एक बार फिर सामने आया है। चीन ने वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष चुने जाने पर भारतीय मूलवंशी अजय बांगा का विरोध किया था और उसका किसी और को मत देने का मन था लेकिन इस पद की पर किसी अन्य की दावेदारी न होने की वजह से उसका विरोध कोई काम न आया है। मतलब, अजय बांगा अब विश्व बैंक के अगले अध्यक्ष होंगे। इसी के साथ एक इतिहास रच गया है कि वर्ल्ड बैंक अध्यक्ष पर पहली बार कोई भारतीय मूलवंशी का व्यक्ति चुना गया है। अजय बांगा ने 2 जून, 2023 को वर्ल्ड बैंक अध्यक्ष का पद संभाल लिया है।
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होगा पांच साल का कार्यकारल
दरअसल, 29 मार्च, 2023 को वर्ल्ड बैंक प्रेजिडेंट के लिए नॉमिनेशन भरने की आखिरी तारीख थी, लेकिन किसी ने अपनी दावेदारी पेश नहीं की। उसके बाद विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों ने बुधवार अजय बांगा को विश्व बैंक का अगला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। बग्गा वर्तमान अध्यक्ष डेविड मालपस की जगह लेंगे। अजय को 5 साल के लिए अध्यक्ष पद के लिए चुना गया है। उनकी नियुक्ति 2 जून, 2023 से प्रभावी होगी। मलपास की अध्यक्षता जलवायु के मुद्दों पर उनके रुख पर सवालों के घेरे में आ गई थीं, जिसकी वजह से उन्हें अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए प्रेरित किया गया। मलपास का पांच का कार्यकाल अप्रैल 2024 में खत्म होना था, लेकिन कार्यकाल समाप्त होने से पहले उन्हें वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
10 साल तक रहे मास्टरकार्ड में
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फरवरी के अंत में मास्टकार्ड के सीईओ रहे बांगा को वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेट किया था। बांगा 2010 से 2021 तक एक दशक से अधिक समय तक मास्टरकार्ड के सीईओ के रूप में काम किया। इसके अलावा वे अमेरिकन रेड क्रॉस, क्राफ्ट फूड्स और डॉव इंक में बोर्ड पदों पर भी रहे चुके हैं। वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष चुने जाने से पहले अजय बांगा वर्तमान में निजी इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। साल 2016 में अजय बांगा को भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया था।
पहली बार चुना गया कोई भारतीय
बांगा पहले भारतीय-अमेरिकी और सिख-अमेरिकी हैं, जो दो शीर्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में से किसी एक के प्रमुख हैं। इस मौके पर वर्ल्ड बैंक ने एक प्रेस बयान में कहा कि बोर्ड विश्व बैंक समूह विकास प्रक्रिया पर बांगा के साथ काम करने के लिए तत्पर है, जैसा कि अप्रैल 2023 की वसंत बैठकों में चर्चा की गई थी, और विश्व बैंक समूह की सभी महत्वाकांक्षाओं और विकासशील देशों के सामने आने वाली सबसे कठिन विकास चुनौतियों से निपटने के प्रयासों पर।
बांगा एक महत्वपूर्ण क्षण में गरीबी-विरोधी ऋणदाता का नेतृत्व संभालने के लिए तैयार है, क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों की एक विस्तृत श्रृंखला से निपटने को प्राथमिकता देने के लिए सुधारों पर जोर दे रहे हैं।
जानिए बांगा के बारे में
नवनियुक्त वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष अजय सिंह बांगा का जन्म महाराष्ट्र के पुणे में एक सिख परिवार में हुआ। उनका बचपन और प्रारंभिक शिक्षा कई शहरों में हुई, क्योंकि उनका पिता भारतीय सेना में अधिकारी थे। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्फीफंस कॉलेज से इकनॉमिक्स की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया। संयुक्त राज्य अमेरिका जाने से पहले बग्गा 1980 के दशक की शुरुआत में नेस्ले की भारतीय सहायक कंपनी में व्यवसाय में अपना करियर शुरुआत की। इस दौरन उन्होंने 10 साल कंपनी के विभिन्न पदों पर काम किया है। उसके बाद वह पेप्सिको इंक से जुड़ गए। उसकी मदद से ही पेप्सिको ने भारत में फास्ट-फूड फ्रेंचाइजी लॉन्च की थी। अजय बांगा के पास फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजिकल सेक्टर में विशेषज्ञता में महारथ हासिल है। इसके अलावा उनके पास कई बड़े संस्थानों की अगुवाई करने का व्यापक अनुभव भी है।