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फ्यूचर-रिलायंस को राहत: सबसे बड़ी डील जल्द, हाईकोर्ट का एमेजॉन को बड़ा झटका

जब से रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर रिटेल को खरीदा है, उसके बाद से एमेजॉन और फ्यूचर-रिलायंस रिटेल के बीच विवाद चल रहा है। यहां समझने वाली बात ये है कि रिलायंस और फ्यूचर रिटेल के बीच एमेजॉन विवाद में कैसे आ गया।

Shivani
Published on: 21 Dec 2020 3:35 PM GMT
फ्यूचर-रिलायंस को राहत: सबसे बड़ी डील जल्द, हाईकोर्ट का एमेजॉन को बड़ा झटका
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नई दिल्ली- दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को फ्यूचर ग्रुप और एमेजॉन विवाद मामले की सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने इस केस में रेगुलेटर्स को निर्देश दिए हैं कि वे फ्यूचर ग्रुप के आवेदन और आपत्तियों पर कानून के आधार पर फैसला लें। ऐसे में देश की सबसे बड़ी रिटेल डील का रास्ता साफ़ होता दिख रहा है।

क्या है अमेजॉन और फ्यूचर ग्रुप का विवाद

दरअसल, जब से रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर रिटेल को खरीदा है, उसके बाद से एमेजॉन और फ्यूचर-रिलायंस रिटेल के बीच विवाद चल रहा है। यहां समझने वाली बात ये है कि रिलायंस और फ्यूचर रिटेल के बीच एमेजॉन विवाद में कैसे आ गया।

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फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रिटेल के बीत सबसे बड़ी डील

बता दें कि असली लड़ाई फ्यूचर और अमेजन के बीच की है, लेकिन उसमे रिलायंस रिटेल भी फंस गया। हुआ यूँ कि कुछ महीनों पहले फ्यूचर ग्रुप ने करीब 24 हजार करोड़ रुपये में अपना खुदरा, भंडारण और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस इंडस्ट्री को बेचने की डील की। लेकिन एमेजॉन ने इस सौदे पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उसने फ्यूचर रिटेल की प्रवर्तक कंपनी एफसीपीएल में पिछले साल अगस्त में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। जिसकी वजह है फ्यूचर ग्रुप में निवेश करने से पहले एमेजॉन से पूछा जाने का अधिकार है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने की सुनवाई

मामला दिल्ली हाईकोर्ट में पहुँच गया, जहां आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की याचिका को खारिज कर दिया। इसमें फ्यूचर ग्रुप ने कोर्ट से गुहार लगाई कि एमेजॉन को रेगुलेटर्स से बातचीकर करने से रोका जाए।

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रेगुलेटर्स को दिया आदेश

हालाँकि कोर्ट ने रेगुलेटर्स को ये भी निर्देश दिए कि वे कानून के मुताबक, फ्यूचर ग्रुप के आवेदन और आपत्तियों पर निर्णय करें। कोर्ट ने माना कि रिलायंस को सौदे की मंजूरी देने वाला FRL बोर्ड रिज़ॉल्यूशन मान्य है और पहली नजर में क़ानूनी प्रावधानों के अनुसार है। हालंकि एमेजॉन इसे अमान्य करार दे रहा है। कोर्ट ने अपने फैसले में एमेजॉन को झटका देते हुए कहा कि एमेजॉन ने फेमा और एफडीआई के नियमों का उल्लंघन किया है। साथ ही चेतावनी दी कि एमेजॉन की हरकतों के कारण अगर फ्यूचर और रिलायंस को नुकसान उठाना पड़ेगा तो इसपर एमेजॉन के खिलाफ सिविल कार्यवाही हो सकती है।

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