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Gautam Adani Meet Sharad Pawar: पहले सीएम शिंदे... फिर शरद पवार से मिले गौतम अडानी, एनसीपी प्रमुख ने बताई मीटिंग की वजह

Gautam Adani Meet Sharad Pawar: राकांपा प्रमुख पवार ने कहा कि सिंगापुर के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे संपर्क किया, वह अडानी समूह के अध्यक्ष से मिलना चाहता था। इससे पहले गौतम अडानी ने बीते अप्रैल में शरद पवार से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी।

Viren Singh
Published on: 2 Jun 2023 12:54 PM GMT (Updated on: 2 Jun 2023 1:04 PM GMT)
Gautam Adani Meet Sharad Pawar: पहले सीएम शिंदे... फिर शरद पवार से मिले गौतम अडानी, एनसीपी प्रमुख ने बताई मीटिंग की वजह
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Gautam Adani Meet Sharad Pawar (सोशल मीडिया)

Gautam Adani Meet Sharad Pawar: अडानी ग्रुप के मुखिया गौतम अडानी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पावर के बीच एक बार फिर मुलाकात हुई है। गौतम अडानी ने गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मंबई स्थित सिल्वर ओक निवास पर मुलाकात की है। पवार से मुलाकात करने से पहले अरबपति कारोबारी गौतम अडानी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। हिंडनबर्ग रिचर्स रिपोर्ट के आरोपों के बाद अडानी दो महीने के अंतराल में दूसरी बार शरद पवार से मिले हैं। वहीं, शदर पवार हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मामले में विपक्षीय दलों से अलग रुख अख्तियार करते हुए जांच के मामले पर अडानी ग्रुप के समर्थन में आए थे और इस रिपोर्ट को एक षडयंत्र का हिस्सा करार दिया था। इस बैठक के बारे में मीडिया के पूछने पर पवार ने ज्यादा जानकारी नहीं दी।

ये है मुलाकात की वजह

गौतम अडानी की मुलाकात पर राकांपा प्रमुख पवार ने कहा कि सिंगापुर के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे संपर्क किया, वह अडानी समूह के अध्यक्ष से मिलना चाहता था। उन्होंने कहा कि गौतम अडानी और सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों ने तकनीकी मुद्दों पर चर्चा की, जिसके बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नही हैं।

इससे पहले अप्रैल में मिले थे अडानी पवार से

दो महीने से भी कम समय में अडानी और पवार के बीच यह दूसरी मुलाकात है। अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिचर्स रिपोर्ट में स्टॉक हेरफेर और धोखाधड़ी लेनदेन सहित कई आरोपों के बाद पवार अडानी के समर्थन में आने बाद इस साल अप्रैल महीने में दोनों मिले थे।

जांच मामले पर अडानी के समर्थन में आए थे पवार

अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग रिचर्स रिपोर्ट आने के बाद समूचा कांग्रेस नेतृत्व का विपक्ष दलों के लोग अडानी और हिंडनबर्ग के मामले की जांच कराने की मांग संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कर रहा था। तो वहीं राकांपा प्रमुख पवार अपनी सहयोगी कांग्रेस पार्टी की तुलना में एक अलग रुख लेते हुए अडानी समूह के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की एक समिति का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि था कि संसद में भाजपा के पास सांसदों की संख्या के कारण संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में बहुमत होगा। संसद में है जिससे इस तरह की जांच की प्रामाणिकता पर संदेह होता है।

मामले की जांच के SC ने गाठित की कमेटी

उन्होंने यह भी कहा कि भले ही एनसीपी जेपीसी जांच के लिए कुछ दलों की मांगों से सहमत नहीं है, लेकिन यह विपक्षी एकता के लिए उनके रुख को प्रभावित करेगा। पवार की टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिंडनबर्ग के आरोपों के कारण अडानी समूह के शेयरों के क्रैश सहित शेयर बाजारों के नियामक पहलुओं को देखने के लिए एक पूर्व एससी न्यायाधीश के तहत 6 सदस्यीय समिति गठित करने के आदेश के बाद आई है।

Viren Singh

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