कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले: सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान, बढ़ेगा महंगाई भत्ता

प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वित्तीय प्रतिबंध लगा दिया है। RBI ने ये फैसला सरकार से चर्चा करने के बाद लिया था।

Roshni Khan
Published on: 13 March 2020 7:03 AM GMT
कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले: सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान, बढ़ेगा महंगाई भत्ता
X
14 को मचेगी लूट: मोबाइल फोन से लेकर ये सब होगा बहुत सस्ता, होने वाली है बैठक

नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वित्तीय प्रतिबंध लगा दिया है। RBI ने ये फैसला सरकार से चर्चा करने के बाद लिया था। इसी को देखते हुए सरकार ने केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग हुई और इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक संकट के दौर से गुजर रहे यस बैंक के रिस्ट्रक्चरिंग प्लान को मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही, कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान के बारे में भी चर्चा हुई है। बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने 4 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।

ये भी पढ़ें:IB अफसर की हत्या का खुलासा: पत्थरबाज ने बताई पूरी सच्चाई, ऐसे की थी हत्या

भर्तियां ही भर्तियां: कई विभागों में निकली बंपर वैकेंसी, एक क्लिक में जानें यहां

4 फीसदी बढ़ा महंगाई भत्ता-

कैबिनेट बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ी राहत देते हुए महंगाई भत्ता बढ़ाने पर फैसला हो गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक में केंद्र सरकार कर्मचारियों और पेंशनधारकों का 4 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ गया है। पिछले सप्ताह ही राज्यसभा में लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने जानकारी दी थी कि मार्च महीने की सैलरी के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को महंगाई भत्ता मिलने लगेगा।

क्या है महंगाई भत्ता

महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है, जो देश के सरकारी कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को अच्छा बनाने के लिए दिया जाता है। पूरी दुनिया में सिर्फ भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश ही ऐसे देश हैं, जिनके सरकारी कर्मचारियों को ये भत्ता दिया जाता है।

ये पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन के स्तर में पैसे की वजह से दिक्कत न हो। ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है।

सबसे पहले इसकी शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के टाइम हुई

सबसे पहले इसकी शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के टाइम हुई थी। सिपाहियों को खाने और दूसरी सुविधाओं के लिए उनकी सैलरी से ज्यादा पैसा दिया जाता था। इस पैसे को उस समय खाद्य महंगाई भत्ता या डियर फूड अलाउंस कहा जाता था। जैसे-जैसे वेतन बढ़ता जाता था, इस भत्ते में भी फायदा होता था।

ये भी पढ़ें:मंडलायुक्त कार्यालय में कमिश्नर मुकेश मेश्राम की कोरोना वायरस को लेकर अहम बैठक

भारत में 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई

भारत में मुंबई के कपड़ा उद्योग में 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी। जिसके बाद केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने लगी थी, ताकि बढ़ती हुई महंगाई का असर सरकारी कर्मचारी पर न पड़े। इसके लिए 1972 में ही कानून बनाया गया, जिससे कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट 1951 के अंदर आने वाले सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगे।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story