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Income Tax Return: सावधान! जांच लीजिये अपना इनकम टैक्स रिटर्न, ई-वेरीफिकेशन में देना होगा जवाब
Income Tax Return: इनकम टैक्स विभाग तभी कार्रवाई शुरू करेगा जब करदाता रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल नहीं करता है या 31 मार्च, 2023 तक नोटिस का जवाब नहीं भेजता है।
Income Tax Return: आयकर विभाग ने हाल ही में आय में विसंगति के कारण आकलन वर्ष 2020-21 के लिए ई-वेरिफिकेशन के लिए 68,000 आयकर रिटर्न को शॉर्टलिस्ट किया है। इसका मतलब है कि इनकम टैक्स विभाग के सिस्टम में ऐसे लोगों की इनकम उनके टैक्स रिटर्न में घोषित इनकम से अधिक दिखाई पड़ रही है। अब, करदाताओं के पास इस विसंगति को दूर करने के लिए 31 मार्च, 2023 तक का समय है। इनकम टैक्स विभाग तभी कार्रवाई शुरू करेगा जब करदाता रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल नहीं करता है या 31 मार्च, 2023 तक नोटिस का जवाब नहीं भेजता है। यही कारण है कि इनकम टैक्स विभाग ने हाल ही में करदाताओं से यह जांचने का आग्रह किया कि क्या उन्हें एआईएस (वार्षिक सूचना प्रणाली) में प्रदर्शित वित्तीय लेनदेन पर कोई आपत्ति है या नहीं।
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क्या है एआईएस (What Is Income Tax)
वार्षिक सूचना विवरण किसी भी करदाता के लिए सूचना का एक संपूर्ण प्लेटफार्म है। वास्तव में एआईएस फॉर्म 26एएस का एक विस्तार है जो संपत्ति की खरीद, उच्च मूल्य के निवेश और वित्तीय वर्ष के दौरान किए गए टीडीएस या टीसीएस लेनदेन का विवरण प्रदर्शित करता है। इसमें यानी एआईएस में बचत खाता ब्याज, लाभांश, प्राप्त किराया, प्रतिभूतियों/अचल संपत्तियों की खरीद और बिक्री लेनदेन, विदेशी प्रेषण, जमा पर ब्याज और जीएसटी टर्नओवर भी शामिल है।
आपत्ति दर्ज कर सकते हैं
अगर करदाताओं को लगता है कि कोई त्रुटि है तो वे विभाग के समक्ष आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। आपत्ति उठाने पर कर विभाग स्रोत से आय का सत्यापन करेगा। उदाहरण के लिए अगर नियोक्ता वेतन देते समय टीडीएस काट रहा है, या ब्याज आय ट्रान्सफर के समय बैंक टीडीएस कट्टा है तो उसका वेरिफिकेशन किया जाएगा। अगर स्रोत मानते हैं कि उनकी तरफ से कोई गलती हुई है तो मामला जल्द ही बंद हो जाएगा। इसके विपरीत, यदि स्रोत आय की पुष्टि करता है, तो टैक्स डिपार्टमेंट ई-वेरिफिकेशन स्कीम के तहत नोटिस भेज सकता है। उस स्थिति में, करदाता आईटी अधिनियम, 1961 की धारा 139(8ए) के तहत अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकता है। कर विभाग ने स्पष्ट किया है कि ई-सत्यापन योजना, 2021 के तहत सभी कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित की जाती हैं।
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ई-सत्यापन योजना क्या है ?
जब किसी स्रोत द्वारा रिपोर्ट किए गए वित्तीय लेनदेन पर आयकर रिटर्न दाखिल करते समय करदाता द्वारा विचार नहीं किया जाता है, तो ई-सत्यापन योजना के तहत इस तरह के बेमेल की पहचान की प्रक्रिया शुरू की जाती है। प्रारंभ में, करदाता आपत्ति उठाने वाले विभाग को सूचित कर सकता है। तत्पश्चात, विभाग पुष्टि के लिए स्रोत को पत्र भेजता है। यदि स्रोत जानकारी की पुष्टि करता है, तो कर विभाग करदाता के लिए ई-सत्यापन के तहत कार्यवाही शुरू कर सकता है।
68 हजार मामलों की पहचान
आयकर विभाग ने 68 हजार ऐसे मामलों की पहचान की है जिनमें टैक्स चोरी की आशंका है। इनकम टैक्स विभाग को साल 2019-20 के दौरान किए गए ट्रांजेक्शन में ये संदिग्ध मामले मिले हैं। इनमें ऐसे मामले शामिल हैं, जिनमें हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन किए गए हैं। अगर आपने अभी तक रिवाइज्ड रिटर्न नहीं भरा है तो आपके पास 31 मार्च 2023 तक आखिरी मौका है। अगर आप ई-वेरिफिकेशन नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो संभावना है कि मामले की जांच शुरू हो जाए। ई-सत्यापन के तहत किसी विशेष मामले को पूरा करने के लिए सीबीडीटी के पास 90 दिनों की समयावधि होती है, लेकिन जटिल मामलों में अधिक समय लग सकता है।
क्या है इनकम टैक्स
आयकर यानी इनकम टैक्स वह कर है जो सरकार लोगों की आय पर लगाती है। आयकर, सरकारों के क्षेत्राधिकार के भीतर स्थित सभी संस्थाओं द्वारा उत्पन्न वित्तीय आय पर लागू होता है। कानून के अनुसार, प्रत्येक व्यवसाय और व्यक्ति कर देने के पात्र हैं, और उन्हें हर साल अपनी आय की जानकारी यानी आयकर रिटर्न फाइल करना होता है। आयकर सरकारों के लिए धन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसका उपयोग सार्वजनिक सेवाओं को फंड करने, सरकार की देनदारियों का भुगतान करने और नागरिकों के कल्याण के लिए किया जाता है।
मुख्य बातें
- पर्सनल इनकम टैक्स एक प्रकार का आयकर होता है जो व्यक्तियों के वेतन, मजदूरी और अन्य प्रकार की आय पर लगाया जाता है।
- बिजनेस इनकम टैक्स कॉरपोरेशनों, साझीदारियों, छोटे व्यवसायों और स्वरोजगार से जुड़े लोगों पर लगाया जाता है।
-कुछ निवेश जैसे हाउसिंग अथॉरिटी बॉन्ड को आयकर से छूट मिलती है।
कैसे काम करता है इनकम टैक्स
अधिकांश देशों में प्रगतिशील आयकर प्रणाली होती है, जिसमें उच्च आय वाले लोगों पर निम्न आय वर्गों की तुलना में अधिक आयकर लगता है। अमेरिका ने 1862 में सिविल वार की फंडिंग के लिए देश का पहला आयकर लगाया था। युद्ध के बाद टैक्स रद कर दिया लेकिन 20वीं सदी के आरंभ में इसे फिर से लगाया गया। इंटरनल रेवेन्यू सर्विस (आईआरएस) अमेरिका में करों को संग्रहित करती है और कर कानून लागू करती है। इसी तरह बाकी देशों में भी इनकम टैक्स की व्यवस्था लागू है।
इनकम टैक्स के प्रकार
इंडीविजुअल इनकम टैक्स को पर्सनल इनकम टैक्स के रूप में भी संदर्भित किया जाता है। इस प्रकार का टैक्स व्यक्ति की मजदूरी, वेतन और अन्य प्रकारों की आय पर लगता है। कई प्रकार की छूटों, कटौती और क्रेडिट के कारण अधिकांश व्यक्ति अपनी सभी आय पर कर अदा नहीं करते। इसके अतिरिक्त, बिजनेस इनकम टैक्स, राज्य और स्थानीय इनकम टैक्स भी होते हैं।