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Fish Farming Business: सजावटी मछली का बिजनेस पल भर में बना देता है अमीर, सरकार कर रही सहायता, जानें कैसे रखें कदम
Ornamental Fish Farming Business: केंद्र सरकार ने सजावटी मछली पालन की क्षमता और व्यापकता को देखते हुए 61.89 करोड रूपये की लागत से साल 2017 में सजावटी मछली पालन परियोजना को शुरू की। इस परियोजना शुरू होने से कारोबार में कुछ प्रगति दिखाई दी है।
Ornamental Fish Farming Business: यदि आप कोई व्यापार खोलने की योजना बना रहे हैं और समझ नहीं आ रहा है कि किस बिजनेस में कदम रखा जाए जिसकी मांग बाजार में कभी कम न हो। अगर इस सोच का बिजनेस प्लान कर रहे हैं तो सबसे अच्छा कारोबारा मस्त्य पालन का है। यानी मछली पालने का कारोबार। जैसा कि आप जानते हैं कि देश में लोग मछली का सेवन अधिक करते हैं,क्योंकि इसमें कई षोष्टिक गुप पाए जाते हैं। साथ आंखों की दवाएं तैयार होने में मछली का उपयोग किया जाता है तो इस वजह से बाजार में मछली का मांग काफी अधिक होती है। मस्त्य पालन के कारोबार में अगर सजावटी मछली का बिजनेस करें तो और ही अधिक मुनाफे की संभावना होती है। लोग घरों में सजाने और शुभ मानते हुए इन मछली को रखते हैं, जिसके चलते बाजार में इसकी मांग अधिक हो गई और लोग इस बिजनेस से जुड़कर लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं।
इसके अलावा सरकारें भी किसानों की आय बढ़ाने के लिए सजावटी मछली पालन के कारोबार से जुड़ने के प्रोत्साहित कर रही हैं। जो भी किसान या फिर कोई व्यक्ति इस कारोबार से जुड़ रहा है तो राज्य सरकारों की ओर से उसे सब्सिडी मुहैया करवाई जा रही है। ऐसे में आप चाहें तो सजावटी मछली के बिजनेस से जुड़कर महीने में लाखों रुपये की कमाई का साधन तैयार कर सकते हैं। आइये आपको बताते हैं कि कैसे सजावटी मछली के बिजनेस में कदम रखें।
जानिए देश में कितनी पाई जाते हैं प्रजातियां
दरअसल, सजावटी मछली को घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा और सजावट के लिए लोग रखते हैं। इसके चलते देश विदेश के बाजार में इसकी मांग काफी बढ़ी है। सजावटी मछली पालन का उद्योग पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। भारत के विभिन्न हिस्सों में समुद्री सजावटी मछलियों की करीब 400 प्रजातियां सामान्य जल में सजावटी मछलियों की 375 प्रजातियां हैं। इतनी प्रजायितां पाए जाने के बाद भी देश में सजावटी मछली का कारोबार आगे नहीं बढ़ा, जिसके बाद केंद्र सरकार ने सजावटी मछली पालन की क्षमता और व्यापकता को देखते हुए 61.89 करोड रूपये की लागत से साल 2017 में सजावटी मछली पालन परियोजना को शुरू की। इस परियोजना शुरू होने से कारोबार में कुछ प्रगति दिखाई दी है।
सजावटी मछली पालन पर सब्सिडी
सजावटी मछली पालन से किसान व अन्य अतिरिक्त या फिर सीधे जुड़कर अच्छी कमाई कर सकता है। ऑर्नामेंटल फिश फार्मिंग में मेहनत कम लगती है। ऐसे में जिन भी किसानों को मछली पालन का शौक है तो वह इससे जुड़ा सकता है और इसको बिजनेस के रूप में स्थापित कर अच्छा मुनाफा कमा सकता है। मछली पालन की तुलना में सजावटी मछली के पालन में लागत भी कम खर्च होती है। यहां पर केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत ऑर्नामेंट फिश फार्मिंग लिए आर्थिक देती है। इस योजना के तहत महिलाओं को 60 फीसदी और पुरुष को 40 फीसदी की सब्सिडी राशि दी जाती है।
इन राज्यों में होता है अधिक पालन
भारत में असम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्य में मछली पालन सजावटी मछली पालन यूनिट लगाकार अच्छी कमाई कर रहे हैं। अन्य राज्य के भी लोग इसकी यूनिट स्थापित कर आजीविका कमा सकते हैं। इसका बिजनेस ग्रामीण क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र से बाहर की आबादी के लिए विशेषकर महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करने का अच्छा साधन हो सकता है। केंद्र सररकार ने बैकयार्ड ऑर्नामेंटल यानी सजावटी मछली पालन यूनिट के लिए अधिकतम लागत 3 लाख रुपए तय की है। वहीं, मध्यम आकार के लिए यह लागत अधिकतम 8 लाख रुये और बड़े पैमाने में सजावटी मछली पालन की अधिकतम लागत 25 लाख रुपए निर्धारित की है। राशि पर सरकार महिलाओं को 60 फीसदी और पुरूष को 40 फीसदी सब्सिडी प्रदान करती है।
इस पालन से कमाई
बात अब अगर इसके पालन की कमाई की करें तो आराम से शुरूआती समय पर 20 से 35 हजार रुपये महीना कमा सकता है। सजावटी मछली पालन की वैज्ञानिक तकनीक से छोटी इकाई स्थापित करने पर 50 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपए तक खर्च आता है। इस निवेश से आप आराम से 20 हजार रुपए कमा सकते हैं। जैसे जैसे यह कारोबार आगे बढ़ता है तो कमाई लाखों में पहुंच जाती है। कई लोग इससे जुड़कर महीने में लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं।