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Consumer Protection Act : कोई सामान लेते समय अगर आपके साथ भी यही होता तो चुटकियों सिखाए कानूनी सबक
Consumer Protection Act: आज के समय में किसी उत्पाद या सेवा लेने के दौरान धोखाधड़ी-जालसाजी सामान्य बात हो गई है। लेकिन अगर आप खरीददारी या सेवा लेने के दौरान थोड़ी सतर्कता दिखाएं और कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखें, तो इन सब झंझटों से मुक्ति पा सकते हो।
Consumer Protection Act: आज के समय में किसी उत्पाद या सेवा लेने के दौरान धोखाधड़ी-जालसाजी सामान्य बात हो गई है। कभी प्रोडक्ट खराब निकल जाता है तो कभी सेवा देने वाली कंपनी धोखा देकर भाग जाती है। वहीं, नामचीन ब्रांड में भी प्रोडक्ट रिप्लेस नहीं किए जाते हैं। ऐसे में अगर आप खरीददारी या सेवा लेने के दौरान थोड़ी सतर्कता दिखाएं और कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखें, तो इन सब झंझटों से मुक्ति पा सकते हो।
उपभोक्ताओं को मिलने वाले अधिकार
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में एक उपभोक्ता को 6 अधिकार मिलते हैं। जिससें सुरक्षा का अधिकार, संसूचित किये जाने का अधिकार, चयन का अधिकार, सुनवाई का अधिकार, प्रतितोष पाने का अधिकार और उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार शामिल है। ग्राहक, जिला उपभोक्ता विवाद आयोग, राज्य उपभोक्ता विवाद आयोग और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद आयोग में अपनी शिकायतें दर्ज करा सकता है। छोटे-बड़े मामलों के अनुसार जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर शिकायत सुनी जाती हैं।
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उपभोक्ता न्यायालय में मिलेगा न्याय
जिला, राज्य और राष्ट्रीय उपभोक्ता न्यायालय में ग्राहकों को सरल, जल्दी और किफायती न्याय मिलता है। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत उपभोक्ता न्यायालय ग्राहकों को उचित समाधान और क्षतिपूर्ति तो दिलाता ही है। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर संबंधित दूसरे पक्ष के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी करता है।
ज्यादा सबूतों की नहीं पड़ती जरूरत
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत शिकायत के लिए भारी-भरकम सबूतों की आवश्यकता नहीं होती है। आप जालसाजी या वस्तु-सेवा में कमी को बताते हुए आपके पास जो सबूत या कागजात मौजूद है उसी के आधार पर ही केस लड़ सकते हैं। बस आप शिकायत में अपना और जिस कंपनी की शिकायत कर रहे हैं उसका पूरा विवरण सही तरीके से लिखें। हो सके तो अपनी शिकायत को टाइप करवा लें। शिकायत के तथ्य और उसके बारे में सही से जानकारी दें। जैसे- कब, कहां और कैसे आपके साथ ठगी की गई और आप उस पार्टी से किस तरह की राहत चाहते हैं, इसके बारे में भी जरूर मेंशन करें।
रसीद को लेकर बिलकुल न करें चिंता
अक्सर लोग रसीद न होने के कारण शिकायत करने में हिचकिचाते हैं। लेकिन आप ऐसा बिलकुल भी ना करें। क्योंकि रसीद के अलावा अन्य सबूतों के आधार पर आप केस लड़ सकते हैं। इसके अलावा देश में कोई रसीद दे या न दे, आप रसीद मांगे। रसीद के बदले या तो विजिटिंग कार्ड, पर्ची या हाथ से तैयार की गई कोटेशन भी ले सकते हैं।
उपभोक्ता न्यायालय से मिलने वाले लाभ
किसी भी चीज या सेवा की कमी दूर कर सकते हैं। उसे बदल सकते हैं। अपना भुगतान वापस ले सकते हैं। अनुचित व्यापार प्रथा अथवा प्रतिबंधित व्यापार को बंद करवा सकते हैं।