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आयकर विभाग ने उठाए ई-सत्यापन के लिए 68,000 मामले, मार्च से पहले देना होगा 33 हजार करदाताओं को जबाव

E-Verification Scheme: विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 से 68,000 मामलों से संबंधित वित्तीय लेनदेन की जानकारी को पायलट आधार पर ई-सत्यापन के लिए चुना गया था। इसमें 35,000 मामालों में ट्रैक्सपेयर्स पहले से ही संतोषजनकन उत्तर भेज चुके हैं या फिर अपडेटेड आईटीआर फाइल कर दिया है।

Viren Singh
Published on: 14 March 2023 8:19 PM IST
आयकर विभाग ने उठाए ई-सत्यापन के लिए 68,000 मामले,  मार्च से पहले देना होगा 33 हजार करदाताओं को जबाव
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E-Verification Scheme: देश में स्वैच्छिक कर अनुपालन को बढ़ावा देने और पारदर्शी और गैर-हस्तक्षेप कर प्रशासन को सक्षम करने के लिए आयकर विभाग ने ई-सत्यापन योजना की शुरुआत की है। आयकर विभाग ने ई-सत्यापन योजना, 2021 की शुरुआत की थी। विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 से 68,000 मामलों से संबंधित वित्तीय लेनदेन की जानकारी को पायलट आधार पर ई-सत्यापन के लिए चुना गया था। इसमें 35,000 मामालों में ट्रैक्सपेयर्स पहले से ही संतोषजनकन उत्तर भेज चुके हैं या फिर अपडेटेड आईटीआर फाइल कर दिया है।

आयकर विभाग ने ट्वीट कर दी जानकारी

इस संदर्भ में आयकर विभाग ने एक ट्वीट किया है। इस ट्विट में विभाग ने कहा कि आईटीडी द्वारा स्वैच्छिक कर अनुपालन को प्रोत्साहित करने और एक पारदर्शी और गैर-हस्तक्षेप कर प्रशासन की सुविधा के लिए ई-सत्यापन योजना शुरू की गई है। प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए ऐसे वित्तीय लेन-देन की जानकारी करदाताओं के साथ साझा की जाती है, जैसा कि आईटीआर में रिपोर्ट नहीं किया गया है या कम रिपोर्ट किया गया है।

प्रायोगिक आधार पर ई-स्त्यापन के लिए ली गई जानकारी

13 मार्च, 2023 को पीआईबी की विज्ञप्ति के मुकाबिक, प्रायोगिक आधार पर, लगभग 68,000 मामलों में, ई-सत्यापन के लिए वित्त वर्ष 2019-20 से संबंधित वित्तीय लेनदेन की जानकारी ली गई है। लेन-देन का विवरण शुरू में ई-अभियान के माध्यम से व्यक्तिगत करदाता के साथ साझा किया गया है। अब तक नामित निदेशालय द्वारा लगभग 35,000 मामलों में ई-सत्यापन पूरा कर लिया गया है और शेष सत्यापन के अधीन हैं।

33 हजार मामलों में नहीं मिला ट्रैक्सपेयर्स का जबाव

सीबीडीटी (CBDT) प्रमुख नितिन गुप्ता ने सोमवार को बताया कि आयकर विभाग ने रिस्क मैनेजमेंट स्टैंडर्ड के आधार पर वित्त वर्ष 2019-20 करीब 68,000 मामले ई-वेरिफिकेशन के लिए हैं। इसमें इनमें 35,000 मामलों में टैक्सपेयर्स पहले से ही संतोषजनक जवाब दे चुके हैं या फिर अपडेटेड आईटीआर फाइल कर दिया है। हालांकि बचे 33,000 मामलों में अभी टैक्सपेयर्स से कोई जबाव नहीं आया है। ऐसे टैक्सपेयर्स को 31 मार्च, 2023 तक विभाग को अपना जबाव देना होगा, वरना उन्हें शायद कार्रवाई का सामना करना पड़ जाए।

करदाताओं के लिए यह कैसे फायदेमंद है?

यह योजना करदाताओं के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह उन्हें वित्तीय लेनदेन के अपने स्पष्टीकरण का समर्थन करने के लिए प्रमाण प्रदान करने में सक्षम बनाती है। साथ ही यह डेटा की सफाई और सुधार में सहायता करता है। गलत जानकारी के आधार पर कानूनी कार्रवाई शुरू होने से रोकता है। पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार, “दूसरे शब्दों में, ई-सत्यापन योजना करदाता को जोखिमों से अवगत कराती है, यह धारा 139 के तहत आय की विवरणी को अद्यतन करने के लिए करदाता को एक अवसर प्रदान करके उसे स्वैच्छिक अनुपालन की ओर प्रेरित करती है।

क्या ई-सत्यापन योजना रिटर्न के ई-सत्यापन के समान है?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एफएक्यू के मुताबिक, 'इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के बाद रिटर्न फाइलिंग प्रोसेस को पूरा करने के लिए आपको इसे वेरिफाई करना होगा। निर्धारित समय के भीतर सत्यापन के करने के बिना आईटीआर आमान्य करार दिया जाता है। यह योजना आपके आईटीआर को सत्यापित करने का सबसे सुविधाजनक और त्वरित तरीका है। आप आधार, नेट बैंकिंग, डिजिटल हस्ताक्षर आदि के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी का उपयोग करके अपना रिटर्न ऑनलाइन ई-सत्यापित कर सकते हैं। ई-सत्यापन योजना 2021 रिटर्न के ई-सत्यापन से पूरी तरह अलग है।



Viren Singh

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