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Loan देने वालों की जांच: कहाँ से हो रही फंडिंग, इन Apps पर RBI का एक्शन

इंस्टेंट लोन ऐप्स (Instant Loan) एनबीएफसी (Non-Banking Financial Company) के बिना ही सीधे बैंकों में करंट अकाउंट (Current Account) खोलकर कानूनी रूप से धोखा दे रहे हैं। लोन जारी करने से लेकर इसे कलेक्ट करने का पूरा प्रोसेस इन्हीं करंट अकाउंट्स के जरिए हो रहा है।

Chitra Singh
Published on: 6 Jan 2021 12:08 PM IST
Loan देने वालों की जांच: कहाँ से हो रही फंडिंग, इन Apps पर RBI का एक्शन
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Loan देने वालों की जांच: कहाँ से हो रही फंडिंग, इन Apps पर RBI का एक्शन

नई दिल्ली: देश में इंस्टेंट लोन ऐप्स (Instant Loan Apps) देने का व्यवसाय तेजी से आगे बढ़ रहा है। वहीं बीते कुछ दिनों पहले ऐसे कई केस सामने आए है, जो इंस्टेंट लोन ऐप्स (Instant Loan) देने के नाम पर धोखाधड़ी करते है। इसी मामले से जुड़ी एक केस सामने आया था, जिसमें तेलंगाना पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से एक चीनी महिला समेत 3 लोगों कतो गिरफ्तार किया गया था। इंस्टेंट लोन ऐप्स (Instant Loan Apps) के जरिए बढ़ते ठगी को देखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) अब इंस्टैंट लोन देने वाले ऐप्स (Instant Loan Apps) को फंडिंग देने को लेकर जांच में जुट गई है। वहीं इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने जानकारी दी है

दो लोगों ने किया सुसाइड

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंस्टेंट लोन ऐप्स (Instant Loan Apps) डिफॉल्ट के बाद अपने पैसे रिकवर करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं। इन रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि ऐसे ठगी के चंगुल में फंसे दो लोगों ने अपनी जान गवां दी। जानकारी देने वाले व्यक्ति के मुताबिक, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) इस बात की जांच कर सकता है कि क्या कुछ बैंक इन ऐप्स को फंड मुहैया करा रहे हैं? अगर ऐसा है तो क्या इन बैंकों ने जरूरी नियमों का पालन किया है?

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जानकारों ने दी मामले की जानकारी

इस मामले से जुड़े कुछ जानकारों ने बताया है कि इंस्टेंट लोन ऐप्स (Instant Loan) एनबीएफसी (Non-Banking Financial Company) के बिना ही सीधे बैंकों में करंट अकाउंट (Current Account) खोलकर कानूनी रूप से धोखा दे रहे हैं। लोन जारी करने से लेकर इसे कलेक्ट करने का पूरा प्रोसेस इन्हीं करंट अकाउंट्स के जरिए हो रहा है। इन्हीं मामलों को मद्देनजर रखते हुए यह जानना जरूरी हो गया है कि क्या बैंक ज्यादा वॉल्युम में लेन-देन को मॉनिटर कर रहे हैं? चूंकि, यह लेन-देन करंट अकाउंट (Current Account) के माध्यम से किये जा रहे हैं, ये ऐप्स KYC समेत सभी नियमों को ध्यान में रखकर अपना काम कर रहे हैं। हैरत की बात यह है कि इसकी जानकारी क्रेडिट ब्यूरो (Credit Bureaus) के पास भी नहीं दी जा रही हैं।

RBI

पूर्व अधिकारी ने दी कही ये बड़ी बात

इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि फंड इस्तेमाल किए जाने की अंतिम जिम्मेदारी बैंकों और आरबीआई के पास है। मामले में यह पता लगाना जरूरी है कि क्या बैंकों ने इनमें से कुछ ऐप्स को फंड मुहैया कराने से पहले जरूरी नियमों का पालन किया है या नही। अगर बैंकों ने विधिवत रूप से 'नो योर कस्टमर' (KYC) गाइडलाइंस को लागू किया है तो यह जानना होगा कि क्या यह ग्राहक तक ही सीमित है या ग्राहक के क्लांइट्स तक है। बता दें कि लाइवमिंट (Livemint) के दौरान अपनी एक रिपोर्ट में आरबीआई के एक पूर्व अधिकारी ने यह बात कही है।

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केस दर्ज के बाद RBI ने उठाया यह कदम

वहीं, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की तरफ से यह कदम प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा एक ऐसे ही मामले में दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिग के बाद यह कदम उठाया जा रहा है। बता दें कि पुलिस ने एक इंस्टेंट लोन ऐप्स (Instant Loan) मामले में केस दर्ज किया था, जिसके तार विदेश से जुड़े थे। इसी के आधार पर अब प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) जांच कर रही है।

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