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Most Costliest Wood: दुनिया की सबसे बेशक़ीमती और महँगी लकड़ी, कीमत इतनी की लग्जरी कार आ जाए इतने में
Most Costliest Wood: इस लकड़ी के एक किलो भाग को ख़रीदने जितने खर्चे में आप एक मोटर साइकल या कार तक ख़रीद सकते हैं।उतना पैसा आप को खर्च करना पड़ सकता है। इस लकड़ी का पेड़ सिर्फ़ 26 देशों में ही मिलता है। यह देश भी ज़्यादा तर अफ्रीकी महाद्वीप के मध्य या उत्तरी भागो में हैं।
Most Costliest Wood: दुनिया भर में बहुत से बेशक़ीमती तत्व है ।जिन्हें हर कोई ख़रीद नहीं सकता है।पर क्या आप एक ऐसी लकड़ी के टुकड़े के बारे में सोच सकते हैं, जिसे हर कोई ख़रीद नहीं सकता है।आप सोचेंगें लकड़ी की क़ीमत इतनी महँगी नहीं हो सकती है कि उसे ख़रीदा न जा सके।पर आप दंग रह जाएँगें इस लकड़ी के बारे में जानकर -
लकड़ियों का उपयोग भारत में पूजा से लेकर घर बनाने, फ़र्नीचर बनाने ,खाना बनाने और तरह तरह के कामों में किया जाता है।यह बमुश्किल भारत में 40-50 रुपये किलो के भाव में मिल जाती है।हमें शायद अभी तक चंदन की लकड़ियों के बारे में ही पता है जो कि बहुत मँहगी होती हैं। पर बहुत से लोग चंदन की लकड़ी जो कि 7-8 हजार में मिलती है को ख़रीद सकते हैं।
पर विश्व में ऐसी भी लकड़ी है जिसकी क़ीमत हज़ारों नहीं बल्कि लाखों में हैं।इस लकड़ी का नाम अफ़्रीकन ब्लैक वुड है।यह देखने में अंदर से काली नज़र आती है इसलिए इसका नाम ऐसा है।यह धरती पर सबसे मूल्यवान वस्तु में से एक मानी जाती है।
इस लकड़ी के एक किलो भाग को ख़रीदने जितने खर्चे में आप एक मोटर साइकल या कार तक ख़रीद सकते हैं।उतना पैसा आप को खर्च करना पड़ सकता है। इस लकड़ी का पेड़ सिर्फ़ 26 देशों में ही मिलता है। यह देश भी ज़्यादा तर अफ्रीकी महाद्वीप के मध्य या उत्तरी भागो में हैं। यह पेड़ देखने में ज़्यादा लम्बाई का नहीं होता है । इसकी औसतन लंबाई 25-40 फीट ही होती है।पर इसे पूर्ण रूप से विकसित होने में बहुत समय लगता है।इसे 60 साल से भी ज़्यादा का समय लग सकता है।इस लकड़ी के महँगे होने की एक वजह ये भी है कि इसके पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है जिस वजह से भी इसके दाम बढ़ रहे हैं।
इस लकड़ी से शहनाई, बांसुरी सहित कई संगीत वाद्ययंत्र बनाए जाते हैं।फ़र्नीचर भी बनाए जाते हैं ।.पर वे सिर्फ़ अमीर घर के लोगों के ऑर्डर पर बनाए जाते हैं ।इस लकड़ी के फ़र्नीचर बहुत ही सुंदर बनते हैं।
इन पेड़ों ख़ास बात ये हैं कि यह सूखाग्रस्त इलाक़ों में पाए जाते हैं।इतनी महँगी लकड़ी हो और उस लकड़ी की तस्करी न हो , ये संभव नहीं है ।देखा गया है कि केन्या और तंजानिया जैसे देशों में इन लकड़ियों की अवैध तस्करी की जाती है।इस अवैध तस्करी की वजह से पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है । क्योंकि ये तस्कर रात के अंधेरों में लकड़ियाँ काट कर ले जाते हैं और इससे मोटा धन कमाते हैं।
इन लकड़ियों को तस्करों से बचाने के लिए यहाँ की सरकार अब कदम उठा रही है। अब इन देशों में अफ्रीकी ब्लैकवुड को बचाने के लिए जंगलों में हथियारबंद जवान तैनात किए गए हैं।इतनी महँगी होने के बाद भी दुनिया भर में इस लकड़ी के ग्राहक बहुत से लोग हैं।हालाँकि यह पेड़ अब दुर्लभता की श्रेणी में आ गया है।