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SIP: नहीं भर पाए म्यूचुअल फंड या फिर SIP की किस्त, तो फंड पर पड़ेगा असर या नहीं, जानें नियम
SIP: कुछ SIP की किश्तों के लेट होने पर फंड हाउस ग्राहक से जुर्माना नहीं लेते हैं। अगर निवेशक ने किसी बैंक की एसआईपी ले रखी है और वह भुगतान में लेट हो जाती है तो बैंक इसमें पेनल्टी लगाता है।
SIP: अगर कोई चाहता है कि वह कहीं पर निवेश करे तो उसको अधिक लाभ प्राप्त हो। अधिक लाभ किसी भी निवेशक को मात्र स्थान म्यूचुअल फंड से ही प्राप्त हो सकता है। लोगों के बीच आज कल म्यूचुअल फंड और सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश काफी चर्चा में है और युवा से हर वर्ग के लोग इसमें जमकर पैसा निवेश कर रहे हैं। लेकिन लोगों को यह बात बिल्कुल नहीं पता होती है कि अगर म्यूचुअल फंड या फिर SIP में पैसा समय नहीं डाल पाते हैं तो इसका म्यूचुअल फंड और SIP में भविष्य में क्या प्रभाव पड़ेगा। तो आईये आपके बता दें कि अगर किसी म्यूचुअल फंड या फिर SIP में निवेश किया है और इसकी तय समय की किश्त नहीं जमा कर पाएं तो फंड पर क्या असर पड़ेगा?
SIP लेते वक्त इस बात का रखें ख्याल
एक बात याद रखें कि किसी भी निवेश में जाने से पहले यह तय कर लें कि आप उसमें रेगुलैरिटी बनाए रखें, ताकि आपको कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। हालांकि यह रेगुलैरिटी सबसे अधिक जरूरत म्यूचुअल फंड और सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान वाले निवेश में होती है। इसमें निवेशक को मासिक, तिमाही और छमाही के आधार पर पैसा का भुगतान करने का विकल्प मिलता है। और यह भुगतान निवेशक चाहें तो ऑटो डेबिट या खुद से कर सकते हैं। आटो डेबिट पर निवेशक का बैंक खाता एसआईपी से लिंक्ड होता है, जिसके बाद तय भुगतान विकल्प पर खुद ब खुद पैसा बैंक खाते से कट जाता है।
इतनी किस्त लेट होने पर नहीं पड़ेगा असर
बाजार विशेषज्ञ का कहना है कि एसआईपी में निवेश करने वाले निवेशक को यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि हमेशा एसआईपी का भुगतान अपने समय से हो। अगर किसी वजह से 1 या दो किश्त नहीं जाती है तो इसमें डर करने की कोई बात नहीं होती है, इस पर आपके फंड पर कोई असर नहीं पड़ता है। हालांकि अगर कोई निवेशक एसआईपी की लगातार तीन किश्तें नहीं जमा करता है तो लिया हुआ एसआईपी प्लान रद्द हो सकता है और इसको वह रद्द करता है जिस फंड का आपका एसआईपी प्लान है। ईसीएस के नियम के मुताबिक, फंड हाउस को तीन महीने का डेबिट रिक्वेस्ट भेजना जरुरी होता है।
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कुछ फंड नहीं लेते हैं लेट पर जुर्माना
विशेषज्ञ का कहना है कि कुछ SIP की किश्तों के लेट होने पर फंड हाउस ग्राहक से जुर्माना नहीं लेते हैं। अगर निवेशक ने किसी बैंक की एसआईपी ले रखी है और वह भुगतान में लेट हो जाती है तो बैंक इसमें पेनल्टी लगाता है। यह राशि बैंकों के हिसाब से अलग अलग होती है। निवेशक चाहें तो एसआईपी का भुगतान लेट होने से बचने के लिए इससे कुछ समय के लिए रोकवा भी सकते हैं। हालांकि इसके लिए निवेश को एसआईपी किस्त आने से पहले यह कदम उठाना होता है। संबंधित फंड ऑफिस में जाकर या फिर ऑनलाइन रिक्वेट डालनी होती है। याद रखें एसआईपी की किस्त रोकने के लिए 10 से 30 दिन का समय लगता है और हर फंड हाउस एसआईपी किश्त को रोकने की सुविधा भी नहीं मुहैया करवाते हैं।