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Price Hike of Vegetables: टमाटर तो महंगे होते रहेंगे, आप खुद बनिये महंगाई-प्रूफ
Price Hike of Vegetables: टमाटर, मिर्च, लहसुन, अदरक - इन सबके दाम हैरान करने वाली तेजी से बढ़े हैं और बढ़ते ही जा रहे हैं। जो टमाटर बमुश्किल महीना भर पहले 10 रुपये किलो था वह 160 रुपये से आगे बढ़ चुका है।
Price Hike of Vegetables: टमाटर, मिर्च, लहसुन, अदरक - इन सबके दाम हैरान करने वाली तेजी से बढ़े हैं और बढ़ते ही जा रहे हैं। जो टमाटर बमुश्किल महीना भर पहले 10 रुपये किलो था वह 160 रुपये से आगे बढ़ चुका है।
मई के पहले-दूसरे हफ्ते में लहसुन 80 रुपये किलो था जो अब 200 रुपये है। अदरक 60 से 80 रुपए किलो थी जो अब 250 रुपये किलो है। हरी मिर्च मई में 40 रुपये किलो थी और अब 150 रुपये है।
हम नहीं, वो जिम्मेदार
फुटकर सब्जीवालों से पूछिए तो कहेंगे कि मंडी में ही बहुत महंगा माल बिक रहा है सो हम लोग क्या करें।
मंडी में थोक आढ़ती से पूछिए तो वे बताएंगे कि सप्लाई कम है इसलिए दाम ज्यादा हैं। सप्लाई कम होने की वजह आप जानना चाहें तो कोई सिंगल विंडो नहीं है जहां आप ये पूछ सकें। सरकार या मंडी समिति रोज़ कोई बुलेटिन जारी नहीं करती की मंडी में किस चीज की कितनी सप्लाई हुई है और कम - ज्यादा सप्लाई की वजह क्या है। खेत पर किसान क्या भाव बेच रहा है ये तो कभी पता ही नहीं चलता।
घिसा पिटा जवाब
छिटपुट इनपुट ये दिया जाता है कि सब मौसम की वजह से है। कभी ज्यादा गर्मी - कभी कम गर्मी, कभी ज्यादा बरसात तो कभी कम बरसात, कभी ज्यादा ठंड तो कभी कम ठंड - इसी को कारण बता दिया जाता है। ये भी कहा जाने लगा है कि हर साल ऐसे ही दाम आसमान छूते हैं और अपने आप धीरे धीरे नीचे आ जाते हैं, सो ये हैरान करने वाली बात नहीं है। एक वजह ये भी गिनाई जाती है कि इस बार बुवाई कम हुई है। किसान टमाटर छोड़ कर बीन्स उगाने लगे हैं।
हैरानी की बात ये है कि जब कर्ताधर्ताओं को पता है सप्लाई-दाम का चक्र हर साल हर सीज़न में चलना है तो पहले से कोई इंतजाम भी नहीं किये जाते। मौसम की
जानकारी तो अब बहुत पहले से ही हो जाती है। तो ऐन वक्त पर जब टमाटर 200 हो जाता है तब मौसम की याद क्यों आती है?
जब हर साल यही होना है तो फिर जब टमाटर सड़ा कर फेंका जाता है तभी क्यों नहीं उसे प्रिजर्व कर लिया जाता? फ़ूड प्रोसेसिंग की बातें तो बड़ी बड़ी होतीं हैं लेकिन साल भर समान सप्लाई बनी रहे इसके लिए कोई उपाय नहीं किये जाते। लोगों को भी इन चीजों को घर पर प्रिजर्व करने की ट्रेनिंग तो दूर, सलाह तक नहीं दी जाती। अगर लोग 10 रुपये किलो टमाटर को ही प्रिजर्व करना सीख लें तो 200 रुपये किलो की नौबत ही नहीं आएगी।
रही बात लहसुन, अदरक की तो ये आइटम चीन से भी खूब आयात होते थे। क्या आयात बन्द हो गया है?
खुद करिए तैयारी
गर्मी, बारिश, ठंड - ये सिलसिला हर साल चलता रहेगा। दाम भी मौसम के साथ बदलते रहेंगे। अगर टमाटर या अदरक की महंगाई बहुत परेशान करती है तो खुद भी हाथ पैर हिलाइये और जहां तक हो सके, अपने को महंगाई प्रूफ बनाने की कोशिश करिए। घर में जितनी भी जगह है वहां कुछ न कुछ सब्जी उगाइये, सस्ते के समय उन चीजों को प्रिजर्व करिए जो हो सकती हैं और वक्त जरूरत काम आती हैं। टमाटर की प्यूरी, पेस्ट आदि बनाना सीखिए। लहसुन, मिर्च, अदरक, पुदीना, प्याज, सब कुछ प्रिजर्व हो सकता है।
और हां, किसी डॉक्टर ने कहा है तो अलग बात है वरना 200 रुपये किलो टमाटर खरीदना कोई जरूरी है क्या? कुछ हफ्ते टमाटर, लहसुन, अदरक नहीं खाएंगे तो आफत नहीं आ जायेगी।
बहरहाल, मौसम को न कोसिये, उससे कोई फायदा नहीं होने वाला। जागरूक बनिये और लोगों को भी बनाइये।