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फैसले से भावुक हुए रतन टाटाः ट्वीट कर कही मन की बात, जताया आभार

टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले की सराहना करता हूं। मैं इसके लिए आभारी हूं।

Shreya
Published on: 26 March 2021 6:02 PM IST
फैसले से भावुक हुए रतन टाटाः ट्वीट कर कही मन की बात, जताया आभार
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फैसले से भावुक हुए रतन टाटाः ट्वीट कर कही मन की बात, जताया आभार

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा संस लिमिटेड (Tata sons ltd.) और शापूरजी पलोनजी ग्रुप के साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के मामले पर अपना फैसला सुनाया। जिसके बाद टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) भावुक हो गए हैं। उन्होंने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कोर्ट के फैसले की सराहना की है।

रतन टाटा ने जताया आभार

टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले की सराहना करता हूं। मैं इसके लिए आभारी हूं। ये जीत और हार का मुद्दा नहीं है। मेरे ग्रुप की ईमानदारी और नैतिकता को लेकर लगातार हमले किए गए, लेकिन यह फैसला यह साबित करता है कि टाटा संस अपने सिद्धांतों और मूल्यों पर हमेशा अडिग रहा है।

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NCLAT के फैसले को पलटा

रतन टाटा ने आगे लिखा कि ये हमारी न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता को प्रदर्शित करता है। बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए NCLAT के उस फैसले को पलट कर रख दिया है, जिसमें साइरस मिस्त्री को दोबारा कंपनी का चेयरमैन नियुक्त करने की बात कही गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाना सही है।

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ये फैसला चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने सुनाया है। बेंच ने कहा कि दोनों ग्रुप शेयर से जुड़े मामले को मिलकर सुलझाएं। बता दें कि टाटा संस ने NCLAT के फैसले खिलाफ याचिका दायर की थी।

क्या है मामला

बता दें कि 24 अक्तूबर, 2016 को टाटा संस ग्रुप ने सायरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया था और उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया। टाटा संस का कहना था कि टाटा ग्रुप के कामकाज का तरीका और मिस्त्री के कामकाज का तरीका बिल्कुल अलग है। लेकिन NCLAT ने साइरस मिस्त्री को हटाने के फैसले को गलत ठहराया था ।

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