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Hit and Run Case in India: क्यों भारत में ही सबसे ज़्यादा हैं हिट एंड रन के मामले, जानिए और देशों की क्या है स्थिति
Hit and Run Case in India: भारत में हिट एंड रन को लेकर नया कानून बनने के बाद से ही ट्रक और बस के चालक सड़कों पर विरोध करते नज़र आ रहे हैं। वहीँ आइये जानते हैं अन्य विकसित देशों में इसको लेकर क्या कानून हैं।
Hit and Run Case in India: देशभर में ट्रक और बस ड्राइवर जहाँ हिट एंड रन कानून में किए गए बदलाव का विरोध कर रहे हैं वहीँ क्या आप जानते हैं कि कई विकसित देशों जैसे अमेरिका और जापान में इसके लिए क्या कानून हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
क्यों भारत में ही सबसे ज़्यादा हैं हिट एंड रन के मामले
भारत में हिट एंड रन के मामले और देशों से सबसे ज़्यादा आते हैं साथ ही यहाँ हर साल सबसे ज़्यादा मौत इसी वजह से होतीं हैं। आपको बता दें कि देश में हर साल लगभग साढ़े चार लाख सड़क दुर्घटनाएं होतीं हैं जिसमे से डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है। लेकिन सरकार ने भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023) में हिट एंड रन कानून में कुछ बदलाव भी किया है और इसको लेकर सरकार काफी सख्त भी रही। वहीँ इसके खिलाफ ट्रक और बस ड्राइवर सड़क पर विरोध भी किया। जिसको लेकर दिल्ली, यूपी, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों में ड्राइवर्स ने हड़ताल भी कर दी थी।
हिट एंड रन कानून: पहले और अब
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद से पारित किए गए तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को कुछ समय पहले ही मंजूरी दी। जिसे अब कानून बना दिया गया है। इतना ही नहीं बहुत जल्द ये सभी कानून IPC के पुराने कानूनों की जगह लेंगें। वहीँ भारतीय न्याय संहिता के एक प्रावधान 'हिट एंड रन' का ट्रक और बस ड्राइवर्स विरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि पहले हिट एंड रन कानून के अनुसार इस मामले में लापरवाही से गाड़ी चलाने, लापरवाही के कारण किसी की मौत हो जाने या किसी की जान खतरे में डालने पर धारा 279, 304A, 338 के तहत कार्रवाई की जाती थी। जिसके अंतर्गत ज़्यादा से ज़्यादा दो साल की जेल का प्रावधान था वहीँ आरोपी को इस मामले में तुरंत ज़मानत भी मिल जाती थी।
वहीँ अब हिट एंड रन मामले के बढ़ता देखकर सरकार द्वारा इसे काफी सख्त बना दिया गया है अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 104(2) के अंतर्गत हिट एंड रन मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। वहीँ अगर इसमें किसी की मौत हो जाती है और आरोपी ड्राइवर पुलिस को बिना सूचित किये मौके से भाग जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है। साथ ही साथ उस व्यक्ति को 7 लाख का जुर्माना भी देना होगा। वहीँ अगर आरोपी ड्राइवर दुर्घटनास्थल से नहीं भागता है तो उसे 5 साल की सजा हो सकती है। लेकिन इस बीच एक अहम् बात ये है कि ये दोनों ही परिस्थिति गैर-जमानती हैं। साथ ही आरोपी ड्राइवर को थाने से ज़मानत नहीं मिलेगी।
विकसित देशों में हिट एंड रन का क्या है कानून
कई विकसित देशों में जैसे अमेरिका और जापान में भी हिट और रन के मामले आते हैं। अमेरिका के कानून के अनुसार यहाँ दुर्घटना के बाद घटनास्थल से ड्राइवर का भाग जाना अपराध की श्रेणी में आता है। यहाँ अलग अलग राज्यों में अलग कानून हैं। अगर आरोपी व्यक्ति बिना पुलिस को सूचना दिए घटना से फरार हो जाता है तो उसका लाइसेंस रद्द हो जाता है और साथ ही उसपर 20 हज़ार डॉलर तक का जुर्माना लगता है। जो भारत का करीब 16 लाख 60 हज़ार रूपए है।
आकड़ों के अनुसार अमेरिका में साल 2012 से 2021 तक घातक हिट-एंड-रन मामलों में लगभग 89.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। लेकिन अमेरिका में हिट एंड रन से लोगों की मौत होने का आकड़ा भारत के मुकाबले काफी कम है। यहाँ हर साल लगभग 7 लाख से ज़्यादा मामले सामने आते हैं।
जापान में अगर कोई सड़क दुर्घटना होती है और आरोपी ड्राइवर किसी को टक्कर मार देता है और दूसरे व्यक्ति की इसमें मौत हो जाती है तो आरोपी को अधिक से अधिक सात साल की सजा होती है या 1 मिलियन येन तक का जुर्माना लगाया जाता है। जो लगभग 5 लाख 80 हज़ार रूपए तक होता है। लेकिन अगर दूसरे व्यक्ति को ज़्यादा चोट नहीं लगी है तो सजा में थोड़ी छूट मिल सकती है। आपको बता दें कि अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस की तुलना में जापान में हिट एंड रन के मामले काफी कम होते हैं
वैसे अमेरिका, जापान, नार्वे, स्वीटडरलैंड जैसे विकसित देशों की तुलना में भारत में इन मामलों की संख्या काफी ज़्यादा है। भारत में इन मामलों का ज़्यादा होना यहाँ के लोगों की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार है। भारत में ज़्यादातर लोग सड़क नियमों का पालन नहीं करते हैं जैसे की सीट बेल्ट न पहनना, ओवरस्पीडिंग और नशे में गाड़ी चलाना इन सब वजहों से ज़यादातर भारत में सड़क दुर्घटनाएं ज़्यादा होती है।