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Shareefa Ki Kheti: किसान भाइयों की बल्ले-बल्ले, शरीफा की खेती कर कमाएं खूब मुनाफा
Shareefa Ki kheti: शरीफा की खेती भारत और ब्राजील में आम तौर बड़ी मात्र में की जाती है। यह एक फल की खेती और यह शरद ऋतु में मिलता है। इसको बाजार में लोग सीताफल, शुगर एप्पल और कस्टर्ड एप्पल के नाम से भी जानते हैं। भारत में इसकी खेती सबसे अधिक महाराष्ट्र राज्य में की जाती है।
Shareefa Ki kheti: किसान चाहे तो अपनी आर्थिक स्थिति खुद खेत से ही सुधार सकता है। इसके लिए उन्हें परंपरागत खेती छोड़कर या फिर करते हुए आधुनिक तरीके से बागवानी फसलों की ओर परिवर्तित होना पड़ेगा। देश के कई किसान इस ओर परिवर्तित भी हो गए हैं और अच्छे नतीजे भी आने लगे हैं। जो किसान अब बागवानी फसलों की खेती कर रहे हैं, उनकी आर्थिक स्थिति पहली की तुलना में काफी अच्छी हुई है। इतना ही नहीं, इन फसलों के माध्यम से इन किसानों के पास अच्छे घर हो गए हैं। खेती करने का सारा सामान मौजूद है। ऐसे अगर आप किसान हैं और कोई बागवानी फसलों के तहत कोई व्यावसायिक खेती करने का प्लान बना रहे हैं तो आज मैं आपको एक ऐसी व्यावसायिक बागवानी फसल के बारे में बताने जा रहा हूं, इसमें जो भी किसान उतारा है, उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं, शरीफा की खेती के बारे में। इसको सीताफल भी कहा जाता है।
यूपी का किसान भी कर सकता शरीफा की खेती
शरीफा की खेती भारत और ब्राजील में आम तौर बड़ी मात्र में की जाती है। यह एक फल की खेती और यह शरद ऋतु में मिलता है। इसको बाजार में लोग सीताफल, शुगर एप्पल और कस्टर्ड एप्पल के नाम से भी जानते हैं। भारत में इसकी खेती सबसे अधिक महाराष्ट्र राज्य में की जाती है। इसमें बीड, औरंगाबाद, परभणी, अहमदनगर, जलगाँव, सतारा, नासिक, सोलापुर और भंडारा जिले के किसान शरीफा की खेती करते हैं। एक सीजन में महाराष्ट्र में करीब 92,320 टन शरीफा पैदा होता है। इसके अलावा देश उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, असम और आंध्रप्रदेश में सबसे अधिक सीताफल की खेती की जाती है।
फल से भागते हैं कई रोग
इस फल में कई न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं,जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं। इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम, फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी, फाइबर, प्रोटीन इत्यादि पोषक तत्व मौजूद रहता है, जिसके सेवन मानव कई रोगों से दूर रहता है। यदि आप यूपी से हैं और फल में कोई व्यावसायिक खेती की योजन में है तो सीताफल की खेती सबसे बेस्ड है। यहां पर सीजन में लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं और फ्री में पूरा गांव और पूरा परिवार पौष्टिक फल खा सकते हैं।
कैसे करें शरीफा की खेती
शरीफा की खेती के लिए जुलाई महीना सबसे उत्तम मनाना गया है। किसान भाई चाहें तो शरीफा की नर्सरी अपने खेती में तैयार कर सकते हैं या फिर अपने क्षेत्र की नर्सरी से शरीफा के बीच लगाकर उगा सकते हैं। अधिकांश किसान इसके बीज नर्सरी से लगातार लगाते हैं, क्योंकि बीज तैयार में अधिक समय लगता है। इसकी खेती का पीएच मान 5.5 से 7 होना चाहिए। इसकी पथरीली मिट्टी में भी पैदा किया जा सकता है। शरीफा की खेती के लिए खेत को पहले सबसे जुताई करवा लें। फिर तीन से चार मीटर की दूरी रखते हुए दो फिट चौड़े और एक फिट गहरे गड्ढ़े तैयार करें। गड्ढ़े पंक्ति में हो और इसकी दूरी 3 मीटर की होगी। उसके बाद गड्ढ़ों में जैविक और रासायनिक खाद को मिट्टी में मिलकर भर दें। फिर पौधों की सिंचाई कर दें। अगर बारिश नहीं हो रही है तो 2 से 3 दिन के बीच में सिंचाई करते रहना चाहिए,ताकि खेत में नमी बनी रही है और पौधा न खराब हो। पौधे को तैयार होने में एक साल वक्त चाहिए होता है। इसलिए सर्दियो में 20 से 25 दिन में सिंचाई और गर्मियों में 1 हफ्ते में सिंचाई करनी चाहिए।
शरीफा की खेती से कमाई
किसान भाई शरीफा की खेती से सालाना लाखों रुपये पैदा कर सकता है। इस पौधा दो सा तीन साल बाद पेड़ बनकर फल देने लगाता है और यह काफी लंबे समय तक फल देता है। शुरुआती दिनों से एक पौधों से 60 से 65 फल मिलते हैं, जबकि पूर्ण विकसित पौधे से 100 अधिक फल प्राप्त होते हैं। एक एकड़ में किसान 500 शरीफा का पौधा लगा सकता है, जिसके बाद वह सालाना 30 क्विंटल फल प्राप्त कर सकता है। बाजार में गिरी से गिरी हालत में शरीफा 40 रुपये किलो बिकता है। कभी कभी इसके दाम भी बढ़ जाते हैं। इस हिसाब से किसान एक साल में 2-4 लाख रुपये की कमाई कर सकता है।