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Startup Vs Small Business: हर छोटा बिजनेस नहीं होता है स्टार्टअप, दोनों के बीच का अंतर जानकर दूर करें कनफ्यूजन

Startup Vs Small Business: स्टार्टअप नई आईडिया वाली एक ऐसी कंपनी होती है, जिसने जल्दी अपना कारोबार शुरू किया हो। यहां पर उद्यमी एक फ्रेश आइडिया के साथ मिलकर काम करते हैं और बाजार में लोगों नए तरह के प्रोडक्ट या सर्विस प्रदान करते हैं।

Viren Singh
Published on: 6 Jun 2023 7:10 PM IST
Startup Vs Small Business: हर छोटा बिजनेस नहीं होता है स्टार्टअप, दोनों के बीच का अंतर जानकर दूर करें कनफ्यूजन
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Startup Vs Small Business (सोशल मीडिया)

Startup Vs Small Business: आज कल आपको एक शब्द सबसे अधिक सुनाई देता है, वह है स्टार्टअप। हर कोई अपना स्टार्टअप करने को आतुर है, लेकिन इसमें अधिकांश लोगों को यह नहीं पता होता है कि हर कोई व्यापार स्टार्टअप की श्रेणी में नहीं आता है। स्टार्टअप और शुरू किए गए व्यवस्या में जमीन आसमान का अंतर होता है। यही अंतर लोगों को नहीं पता होता है और लोगो किसी भी व्यापार को शुरू करने को स्टार्टअप की संज्ञा दे रहे हैं। तो आइये आज इस लेखक के माध्यम से आपको इस बात की जानकारी मुहैया करवाते हैं कि स्टार्टअप और शुरू किया गया बिजनेस में कुछ अंतर होता है।

जानिए स्टार्टअप और छोटे व्यापार में अंतर

अगर आप भविष्य में उद्यमी बनाने का सपना सजों रहे हैं तो आपके लिए तो काफी जरूरी हो जाता है कि स्टार्टअप और शुरू किया गया व्यापार के बारे में बेसिक जानकारी जरूर होनी चाहिए कि दोनों के बीच में क्या अंतर होता है। आईये जानते हैं कि आखिरी स्टार्टअप किसे कहते हैं…?

इसको कहते हैं स्टार्टअप...

स्टार्टअप उसको कहते हैं, जो बाजार में बिल्कुल नया हो। यानी वैसी चीजों बाजार में पहले से मौजूदा न हो। स्टार्टअप नई आईडिया वाली एक ऐसी कंपनी होती है, जिसने जल्दी अपना कारोबार शुरू किया हो। यहां पर उद्यमी एक फ्रेश आइडिया के साथ मिलकर काम करते हैं और बाजार में लोगों नए तरह के प्रोडक्ट या सर्विस प्रदान करते हैं। यही स्टार्टअप जब बड़े हो जाते हैं तो यह एक बड़ी कंपनी का रूप लेते हैं। उदाहरण के तौर पर सीआरईडी, वर्नाक्युलर.ई, फार्मईज़,अंकों का बीमा,मीशो, बढ़ो, नायक, उड़ान, dream11 और Swiggy इत्यादि स्टार्टअप हैं, जिन कंपनियों ने बाजार में एक अलग आइडिया प्रस्तुत किया,जो पहले किसी के पास नहीं था।

सरकार की ये है स्टार्टअप परिभाषा

वहीं, भारत सरकार ने स्टार्टअप्स की कुछ परिभाषा तय की हुई है, इन परिभाषा में स्टार्टअप का मुख्यायल भारत में हो, उसकी वार्षित आय 100 करोड़ रुपये से अधिक न हो। शुरू 10 वर्ष से कम समय से हो। उसके पास कुछ नया आईडिया हो।

2016 में लॉन्च हुआ स्टार्टअप इंडिया

वर्तमान में 5 सेक्टर पर सबसे अधिक स्टार्टअप ग्रोथ बनी हुई है। इसमें क्लाउड कंप्यूटिंग और बिग डाटा, शिक्षा, मोबाइल, सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स सेक्टर शामिल हैं। केंद्र सरकार ने देश के अंदर नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए साल 2016 में स्टार्टअप इंडिया को लॉन्च किया था। सरकार ने स्टार्टअप इंडिया के तहत कुछ बातों को ध्यान में रखा था। इसमें सरलीकरण और हैंडहोल्डिंग, वित्तपोषण सहायता एवं प्रोत्साहन, उद्योग-अकादमी भागीदारी और इन्क्यूबेशन शामिल है। इस योजना का डिजाइन उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा करवाया गया था। इसके अलावा सरकार ने सरकार ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप इकोसिस्टम के आधार पर राज्यों की रैंकिंग तैयार करना, SCO स्टार्टअप फोरम, 'प्रारंभ' (Prarambh) शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाना, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना और फिशरीज़ स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज जैसे पहल शामिल किया।

स्टार्टअप का यह होता मुख्य फोकस

किसी भी स्टार्टअप का मुख्य फोकस बाजार में अपनी मजबूती बनाना होता और मुनाफा न के बराबर कमाना होता है। आइडिया है,लेकिन इस आइडिया को स्टार्टअप पर उतारने के लिए बड़ी फंड की जरूरती होती है। इसलिए हर स्टार्टअप समय समय पर राउंड फंडिंग लेते हैं। इस फंडिंग में स्टार्टअप फाउंडर या को-फाउंडर्स को अपनी कुछ हिस्सेदारी पैसा लगाने वाले को देने होती है। इस तरह शुरुआत से ही धीरे-धीरे स्टार्टअप फाउंडर की हिस्सेदारी काफी कम हो जाती है, लेकिन बाद में स्टार्टअप अगर सफल हो गया तो एक बड़ी कंपनी में तब्दील हो जाता है।

इसको कहते हैं व्यापार

वहीं, जो बिजनेस पहले से मौजूद है, अगर कोई व्यक्ति उस बिजनेस की शुरूआत करता है तो उसको स्टार्टअप नहीं कहा जाता है। बिजनेस मॉडल पहले दिन से मुनाफे पर काम करता है। इसकी शुरुआत या तो वह लोन से सकता है या फिर किसी फंड लेकर करता है। बिजनेस में पैसे की जरूरत पर उद्यमी कर्ज लेता है। यहां पर मालिकाना एक ही लोगों के पास रहता है। यानी हर छोटा व्यापार स्टार्टअप की श्रेणी में नहीं आता है।



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Viren Singh

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